मुख्यमंत्री ममता के आरोप पर संदेह!

                                                                फाइल फोटो

विचार : एक मुख्यमंत्री के पैरों में मोच क्या आयी अधिकतर मीडिया को बड़ी खबर मिल गयी, खासकर इलेक्ट्रानिक मीडिया के लोग। मीडिया छोड़िए, कैसे कोई जन प्रतिनिधि झूठ बोल सकता है। तो ऐसे लोगों को यह समझना चाहिए कि झूठ की दीवार बेकार होती है, टिकाऊ तो बिल्कुल नहीं होती। झूठ बोलने का सवाल इसलिये उठ रहा है कि जेड प्लस सुरक्षा व कई पुलिस अधिकारियों का घेरा तोड़कर कैसे कोई मुख्यमंत्री की पिटाई कर सकता है या धक्का दे सकता है। मीडिया में खबर यह भी है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पैरों के मोच के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोट लगी है। बहरहाल लोकचर्चा यह है कि भाजपा के दिग्गज नेताओं को पश्चिम बंगाल में न घुसने देने वाली, संघ के स्वयंसेवकों को पश्चिम बंगाल में न घुसने देने वाली मुख्यमंत्री की कोई कैसे पिटाई कर सकता है। ममता बनर्जी को इस तरह पकड़े जाने वाला झूठ नहीं बोलना चाहिए, वह भी स्वयं के स्वार्थ के लिये। पश्चिम बंगाल में बीते कई दिनों से सियासत गरमाई हुई है, कई भाजपा कार्यकर्ता जान से मारे जा चुके हैं और कई बुरी तरह पीट दिये गये हैं। ममता ने पीटा तो सभी दलों को, लेकिन सीना तानकर लड़ाई सिर्फ और सिर्फ भाजपा लड़ रही है। यही कारण है कि ममता के कई खासमखास भाजपा में शामिल हो गये हैं। मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि उन पर हमला किया गया है, जबकि भाजपा ने सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग की है। 

                                                                           फाइल फोटो

 ममता बनर्जी को चोट के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कई जगह प्रदर्शन किए। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और बनर्जी के खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाए। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार यानि 10 मार्च 2021 को आरोप लगाया कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान 'चार-पांच लोगों' ने उन्हें धक्का दिया, जिससे वह जमीन पर गिर गईं और उनके बांए पैर, कमर, कंधे और गर्दन में चोटें आई हैं। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि फिलहाल सीएम ममता बनर्जी की हालत स्थिर है। सवाल पश्चिम बंगाल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी है कि यदि मुख्यमंत्री का आरोप सही है तो कहीं न कहीं सुरक्षा में लापरवाही ही कही जायेगी, जिसकी जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल के शासन, प्रशासन को लेनी ही पड़ेगी, दूसरों पर झूठा आरोप लगा देना तो बड़ी छोटी सी बात है।

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