बच्चों को इन पांच चीजों से दूर रखें
जीवनशैली : हर मां यही चाहती है कि वह अपने बच्चे को सबसे बेस्ट चीज खिलाए ताकि बच्चे की सेहत भी बनी रहे और उसे पूरा पोषण भी मिल सके। इसके लिए कुछ मांएं जहां दादी-नानी के बताएं निर्देशों का पालन करती हैं तो वहीं कुछ मांएं टीवी पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों पर भरोसा कर बच्चे के लिए खाना चूज करती हैं। बच्चे को खाना खिलाने का आपका तरीका कोई भी हो, लेकिन ये 5 चीजें बच्चे को भूल से भी न खिलाएं क्योंकि इनसे बच्चे की सेहत को फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुंचता है—
पैक्ड फ्रूट जूस : हर तरह का पैक्ड फ्रूट जूस शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है, खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए क्योंकि इनमें चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है और इससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा फ्रूट जूस में मौजूद प्रिजर्वेटिव्स की वजह से ऐलर्जी, घबराहट और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का भी खतरा रहता है। कंपनियां भले ही इस बात का दावा करें लेकिन पैक्ड फ्रूट जूस में किसी भी तरह का फल नहीं होता है। ऐसे में बच्चों को फल खिलाएं या फिर घर पर ही फल का जूस निकाल कर दें, पैक्ड फ्रूट जूस बिलकुल न पिलाएं।
शहद : अगर आपका बच्चा 2 साल से छोटा है तो उसे भूल से भी शहद नहीं खिलाना चाहिए। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शहद में एक खतरनाक बैक्टीरिया पाया जाता है जो जानलेवा बीमारी बोटूलिज्म का कारण बनता है। यह बैक्टीरिया वयस्कों को तो किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा पाता लेकिन छोटे बच्चों की नाजुक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है औऱ बच्चे को बीमार बना सकता है। यह बैक्टीरिया हर तरह के शहद में पाया जाता है और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इसे कहां से लाते या खरीदते हैं।
फिश : मछली भले ही हेल्दी फैट, विटमिन्स, मिनरल्स और लीन प्रोटीन से भरपूर हो लेकिन अच्छाई के साथ-साथ फिश खाने के कुछ नुकसान भी हैं। दरअसल, शेलफिश से लेकर मर्लिन, ट्यूना, स्वर्डफिश औऱ यहां तक की टाइल फिश में भी मर्क्युरी का लेवल बहुत ज्यादा रहता है। मर्क्युरी की वजह से इंसान में बायो-अक्युमुलेशन होने लगता है जिससे शरीर में पॉइजनिंग का खतरा बना रहता है। दरअसल, मर्क्युरी बेहद भारी और खतरनाक मेटल है और यह सीधे नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। लिहाजा जब तक आप पूरी तरह से आश्वस्त न हो जाएं बच्चों को फिश न खिलाएं।
फ्रोजन फूड : फ्रोजन फूड में सैच्युरेटेड फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो खून में बैड कलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाता है जिससे हृदय से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। साथ ही इस तरह के खाने में सोडियम और प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। सोडियम जहां ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार है वहीं प्रिजर्वेटिव्स नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं। लिहाजा बच्चों को लंबे समय तक पैक करके रखे गए फ्रोजन फूड की जगह घर का बना ताजा खाना ही खिलाएं।
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