घरेलू उपचार से खत्म हो सकती है अस्थमा की समस्या

जीवनशैली : आप भले ही सांसों का मोल न समझते हों लेकिन इसकी वास्तविक कीमत एक अस्थमा पीड़ित व्यक्ति ही समझ सकता है। श्वसन संबंधी यह समस्या कभी−कभी जानलेवा भी साबित होती है। यूं तो आप इसके लिए दवाई का सेवन करते होंगे लेकिन कुछ प्राकृतिक उपचार करने से अस्थमा अटैक को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में−सांस से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करने में शहद सबसे पुराना और प्राकृतिक उपचार है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी लेकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर उसका धीरे−धीरे सेवन करें। इसके अतिरिक्त रात में सोने से पहले भी एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर उसे चाट लें। कॉफी : कॉफी भी अस्थमा से राहत दिलाने का एक आसान लेकिन कारगर उपाय है। इसके लिए आप एक कप गर्मागर्म कॉफी का सेवन करें। इससे आपको तुरंत अस्थमा से राहत मिलती है। दरअसल, यह तुरंत वायुमार्ग को खोलता है, जिससे आपको सांस लेने में आसानी होती है। अदरक : अदरक का इस्तेमाल आपने चाय में तो कई बार किया होगा, अब इसकी मदद से अस्थमा को मात दें। इसके लिए अदरक को कद्दूकस करके उसे एक कप गर्म पानी में डाल दें। अब इसे पांच मिनट के लिए यूं ही छोड़ दें। अब पानी को छान लें और इसमें शहद मिक्स करके गर्म ही पीएं। लैवेंडर ऑयल : पांच−छह बूंदे लैवेंडर ऑयल की एक बाउल गर्म पानी में डालें और उससे करीबन पांच से दस मिनट तक स्टीम लें। आप इस उपाय को प्रतिदिन करें। लैवेंडर का तेल न सिर्फ वायुमार्ग की सूजन को कम करता है, बल्कि बलगम के उत्पादन को भी नियंत्रित करता है। जिससे आपके वायुमार्ग को आराम मिलता है और साथ ही साथ प्रतिरक्षा तंत्र भी मजबूत होता है। इस प्रकार लैवेंडर ऑयल की मदद से अस्थमा अटैक को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। शहद : श्वास संबंधी समस्याओं को दूर करने में शहद सबसे पुराना और प्राकृतिक उपचार है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी लेकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर उसका धीरे−धीरे सेवन करें। इसके अतिरिक्त रात में सोने से पहले भी एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर उसे चाट लें। आप शहद व पानी का सेवन दिन में तीन बार कर सकते हैं। शहद गले से कफ हटाने के मदद करता है। हल्दी : एक गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर उसका सेवन करें। करीबन पंद्रह दिनों तक इस उपचार को दिन में तीन बार करें। हल्दी एक बेहतरीन एंटीमाइक्रोबॉयल एजेंट है। साथ ही इसमें कर्क्युमिन भी पाया जाता है, जो अस्थमा से लड़ने में मददगार है।

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