भारतीयों का फर्टिलिटी रेट अन्य देशों की अपेक्षा काफी अधिक


जीवनशैली : मनुष्यों में सहवास या सम्भोग को लेकर काफी बहस और चर्चाएं होती हैं। ऐसा सर्वे में पाया गया है कि भारतीयों का फर्टिलिटी रेट अन्य देशों की अपेक्षा काफी अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय परम्परा के अनुसार जीवनशैली सबसे बेहतरीन है। हाल ही में एक स्टडी में कपल्स के बीच की इंटिमेसी का अध्ययन किया गया और उसमें बड़े ही चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। एक शादीशुदा कपल को साल में 51 बार इंटिमेट होना चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो हफ्ते में एक बार। चौंकाने वाली बात यह है कि 2000 और 2004 के बीच हुए शोधों के निष्कर्षों से पता चलता है कि शादीशुदा कपल्स जितनी बार सेक्स करते हैं, उस संख्या में साल-दर-साल काफी कमी आई है। लगभग दो दशक पहले के आंकड़ों की तुलना में, कपल्स अब 9 गुना कम यौन संबंध बनाते हैं। अध्ययन में कम सेक्स कर पाने की वजह स्मार्ट फोन, सोशल मीडिया और टेलीविजन को भी जिम्मेदार बताया गया। वहीं शिकागो विश्वविद्यालय द्वारा की गई स्टडी 'द सोशल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सेक्शुएलिटी: सेक्शुअल प्रैक्टिसेज़ इन द यूनाइटेड स्टेट्स' में भी यही निष्कर्ष निकाला गया कि लगभग एक तिहाई कपल्स सप्ताह में दो से तीन बार सेक्स करते हैं, जबकि कुछ कपल्स ने कबूल किया कि वे हर महीने सिर्फ कुछ ही बार सेक्स करते हैं। जर्नल ऑफ सोशल साइकॉलजिकल ऐंड पर्सनैलिटी साइंस में प्रकाशित स्टडी से पता चला कि जो कपल्स सप्ताह में एक बार सेक्स करते हैं, वे उन कपल्स के मुकाबले अधिक खुश थे जो हफ्ते में चार या इससे अधिक बार इंटिमेट होते थे। भारत में भी स्मार्ट फोन, कम्प्यूटर, टेलीविजन अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी जीवनशैली को प्रभावित कर रहा है। अत: जरूरी यह है कि प्राकृतिक रूप से जीवन जीया जाये, जैसे सनातन धर्म प्रकृति की नीतियों का पालन करता है। कहने का मतलब यह है कि सेक्स ही नहीं सनातन धर्म जीवन के अन्य पहलू में भी निखार लाता है।

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