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सितंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शांत चित से करें बात

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बोधकथा : एक बार संत ने आश्रम में शिष्यों से पूछा कि जब दो लोग झगड़ते हैं और एक-दूसरे पर गुस्सा होते हैं तो जोर-जोर से चिल्लाते क्यों हैं? बड़े सोच-विचार के बाद एक शिष्य खड़ा हुआ और बोला—दोनों लोग अपनी शांति खो चुके होते हैं, इसलिए चिल्लाते हैं। संत ने दूसरे शिष्यों से जवाब मांगा। कुछ और शिष्यों ने अपने-अपने हिसाब से जवाब दिए, लेकिन संत संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने स्वयं उत्तर दिया। बोले–जब दो लोग एक-दूसरे से गुस्सा होते हैं तो उनके दिलों में दूरियां बढ़ जाती हैं। जब दिलों की दूरियां बढ़ जाए तो आवाज को वहां तक पहुंचाने के लिए उसका तेज होना जरूरी है। दूरियां जितनी ज्यादा होंगी, उतनी तेज चिल्लाना पड़ेगा। संत ने यह भी कहा कि इसके ठीक उलट जब दो लोगों में प्रेम होता है तो उन्हें ऊंची आवाज में बात करने की जरूरत नहीं होती। कई बात को बिना बोले ही काम हो जाता है। अपनी पूरी बात का सार बताते हुए संत ने आखिर में कहा, जब भी बहस करें तो दिलों की दूरियों को न बढऩे दें। शांत चित और धीमी आवाज में ही बात करें।

खतरा पैदा कर सकते हैं आतंकी!

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विचार : पंजाब के तरनतारन इलाके में पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा हथियार गिराये जाने तथा खालिस्तान चरमपंथियों की गिरफ्तारी व हथियार बरामदी की घटना एक भयावह खतरे के प्रति चेता रही है। गिरफ्तार चरमपंथियों की निशानदेही पर वापस उडऩे में विफल होने पर जलाये गये ड्रोन के अवशेष बरामद होना कुछ राहत देता है। मगर, तमाम सवाल भी खड़े करता है। आखिर भारतीय सीमा में ड्रोन की दखल की खबर सीमा सुरक्षा बल व शेष निगरानी तंत्र को क्यों नहीं मिली। सवाल यह भी कि एक बार में दस किलो सामान उठाने वाले ड्रोन के जरिये इतनी बड़ी मात्रा में हथियार कैसे और कितनी बार में लाये गये। जाहिर है इसी ड्रोन ने ही कई फेरे लगाये होंगे या फिर ज्यादा संख्या में ड्रोन इस साजिश में शामिल थे। यदि इसी ड्रोन ने ही अत्याधुनिक हथियार, गोला-बारूद, सैटेलाइट फोन तथा नकली करेंसी भारत पहुंचायी तो निश्चय ही इसने ज्यादा चक्कर लगाये होंगे। ऐसे में यह बार-बार भारत आने के बावजूद कैसे हमारे सुरक्षा तंत्र की पकड़ में नहीं आ सका। सवाल यह भी उठ सकता है कि क्या पहले भी ड्रोन की घुसपैठ हुई  यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है। इसके बावजूद जबकि पहले से ही आशंका थ...

रोजाना दूध के सेवन से नहीं होता है क्रॉनिक डिजीज!

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स्वास्थ्य : आहार में शामिल करने को आयुर्वेद से लेकर मॉर्डन मेडिकल से जुड़े डॉक्टर्स भी दूध को अहम मानते हैं। इससे हड्डियां तो मजबूत होती ही हैं, साथ ही मसल्स को हुए नुकसान को ठीक करने, रेड ब्लड सेल्स को हेल्दी बनाए रखने जैसे फायदे भी होते हैं। अब दूध का एक और फायदा सामने आया है। वॉशिंगटन में हुई स्टडी के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति रोज दूध पीता है तो उसे क्रॉनिक डिजीज (लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों) से खुद का बचाव करने में मदद मिलती है। इस स्टडी को अडवांस इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। प्रेग्नेंसी के दौरान दूध पीने का बच्चे के जन्म के समय हेल्दी वेट, बोन मिनरल और लंबाई पर सकारात्मक असर होता है। इसी तरह रोजाना दूध को आहार का हिस्सा बनाने पर बुजुर्गों को शारीरिक कमजोरी और मसल्स के कमजोर होने की स्थिति से बचाया जा सकता है। दूध के सेहत और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों जैसे दिल की बीमारी, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, ब्लैडर कैंसर और टाइप 2 पर असर पर मौजूद ग्लोबल साइंटिफिक लिटरेचर को रिव्यू किया गया। इसके साथ ही इस स्टडी में दूध और मिल्क बेस्ड प्रॉडक्ट्स का ग्रोथ, बोन मिनरल डेंसिट...

अब केला दूर करेगा चेहरे की झुर्रियां

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जीवनशैली : केले से आप अपने चेहरे की झुर्रियों को भी दूर कर सकते हैं. केले से अब चेहरे की झुर्रियां भी गायब हो सकती हैं. ज्यादातर महिलाएं बढ़ती उम्र के साथ अपने चेहरे की झुर्रियों को लेकर काफी परेशान रहती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और लाइफस्टाइल के चलते कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती हैं. अब इन झुर्रियों को बड़ी ही आसानी से घर में मौजूद केले से दूर किया जा सकेगा. आइए आपको बताते हैं कि किस तरह से केला इसमें मददगार साबित हो सकता है. दरअसल, केले के छिलके में लूटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है. इसके अलावा यह एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. केले में विटामीन ए की मात्रा भी बहुत अधिक होती है. लूटीन स्किन को सूरज की रोशनी से होने वाली बीमारियों से बचाता है. केले के छिलके में फैटी एसिड्स भी मौजूद होते हैं जो कि चेहरे पर लोशन का काम करते हैं. यह चेहरे की त्वचा को कोमल बनाती है. चेहरे पर केले के छिलके का प्रयोग करने से पहले अपने फेस को अच्छी तरह से धो लें. इसके लिए आप फेस वॉश या फिर क्लींजर का इस्तेमाल कर सकती हैं. चेहरे का तेल और गंदगी जब दूर हो जा...

बदलते मौसम में बच्चों को रखें सेहतमंद

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जीवनशैली : अचानक मौसम का असर सबसे पहले बच्चों पर होता है। ऐसे में उनकी सेहत को लेकर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी हो जाता है। आजकल सुबह और शाम के वक्त हल्की ठंड होने लगी है, इसका असर बड़ों पर कम होता है पर बच्चे जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। लेकिन यह ठंड इतनी भी नहीं है कि बच्चों को फुल कपड़ों में लपेट दिया जाए। यह मौसम बीमार करनेवाला होता है। इस समय इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के खान-पान पर ध्यान दें। बच्चों को आंवला और अदरक जैसी चीजें खिलाना बहुत मुश्किल काम है। लेकिन इन चीजों के सेवन से उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए उनके बैग में एक पाउच बनाकर रखें, जिसमें आंवला और अदर कैंडी रखी हो। उनमें ये अच्छी आदते डालने के लिए आप खुद भी उनके सामने इनका सेवन करें। बच्चों को इन चीजों के फायदे के बारे में बताएं। कुछ बच्चों को मीठा खाना बिल्कुल पसंद नहीं होता है। खासकर टीनेजर बच्चों को कैंडी खाने के लिए मनाना अपने आप में एक मुसीबत भरा काम है। ऐसे में आप उन्हें शहद मिला काढ़ा और हल्दी वाला दूध पीने की आदत डालें। ताकि बदलते मौसम में खासी-जुकाम-बुखार जैसी बीमा...

ज्ञान का आदर

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बोधकथा : मुगल शासक शाहजहां के दौर में संस्कृति और विज्ञान से जुड़े शास्त्रार्थ हुआ करते थे। एक बार शास्त्रार्थ का आयोजन करवाकर शाहजहां ने घोषणा की कि जो भी इस शास्त्रार्थ में जीतेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा और हारने वाले को जेल की सज़ा काटनी होगी। शास्त्रार्थ के लिए देश के अलग-अलग कोने से पंडित, मौलवी और विद्वान आए। शास्त्रार्थ कई दिन तक चला। पंडितों को हर बार हार का सामना करना पड़ा। सभी को सज़ा के तौर पर जेल भेजा गया। एक दिन की मोहलत देकर शाहजहां ने यह घोषणा कर दी कि अगर कोई हिन्दू विद्वान बचा है तो वह सामने आए अन्यथा मुसलमानों को विजयी घोषित कर दिया जाएगा। उस समय काशी में महापंडित महाज्ञानी जगन्नाथ मिश्र शाहजहां के महल पहुंचे और उनसे शास्त्रार्थ को आगे बढ़ाने को कहा। मौलवियों और विद्वानों के बीच बैठकर जगन्न्नाथ मिश्र ने शास्त्रार्थ आरंभ किया। शास्त्रार्थ निरंतर 3 दिन और 3 रातों तक चला और देखते ही देखते सभी मुसलमान विद्वान इसमें परास्त होते चले गए। शास्त्रार्थ को झरोखे में बैठी शाहजहां की बेटी लवंगी भी देख रही थी। बादशाह ने उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया। बंदी पंडितों को मुक्त कर ...

लाल चंदन लगाने से मिलता है झुर्रिंयों और पिंप्ल्स से छुटकारा

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जीवनशैली : जिन लोगों की स्किन बहुत ऑयली हैं उनके लिए लाल चंदन बहुत बढ़िया है क्योंकि चंदन में कूलिंग इफेक्ट होता है जो पिंपल्स की समस्या को कम करने में मदद करता है। आपको बस 1 चम्मच लाल चंदन, 1 आधा चम्मच हल्दी और जरूरत अनुसार पानीलेकर इन चीजों को मिक्स करना है और पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाना है। आधे घंटे बाद जब यह सूख जाए तो इसे ताजे पानी से धो लेना है। यह पैक आप हफ्ते में दो बार लगा सकती हैं। पिंपल्स की छुट्टी होगी।  झुर्रियां स्किन को बूढ़ा दिखाती हैं और कोई भी बूढ़ा दिखना नहीं चाहता अगर आप चाहते हैं कि स्किन पर झुर्रियां न पड़े तो 3 चम्मच लाल चंदन में 2 चम्मच कैमोमाइल टी मिलाएं और उसे चेहरे पर लगाकर आधा घंटा के लिए छोड़ दें। अब चेहरे को पानी से अच्छी तरह धो लें। चेहरा पोछ लें और फिर मॉइश्चराइजर लगा लें। यह पैक आप हफ्ते में 1 लगाएं। आपको फर्क दिखाई देगा। जिन लोगों की स्किन बहुत ज्यादा रूखी होती हैं वह लाल चंदन का इस्तेमाल स्पैशल पैक बना कर कर सकती हैं, उन्हें 2 चम्मच लाल चंदन में 2 चम्मच शहद मिक्स करना हैं और चेहरे पर लगाना हैं। इससे स्किन को नमी मिलेगी और ड्राईनेस से छुटकारा। आ...

बुद्ध का आगमन

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बोधकथा : नगर में बुद्ध का आगमन हुआ। हर्षोल्लास के वातावरण में नगर सम्राट के वजीर ने महाराज से अनुरोध किया—नगर में भगवान बुद्ध पधारे हैं। आप भी उनके स्वागत के लिए नगर द्वार पर चलिए। आप प्रजा के प्रतिनिधि हैं। सम्राट अपनी ठाठ-बाट की अकड़ में था। वजीर से बोला—ऐसे भिखमंगे, मांगकर खाने वाले के लिए मेरा जाना शोभा नहीं देता। उसे मेरे पास आना चाहिए। ऐसी अहंकारयुक्त वाणी सुनकर वजीर की आंखों में आंसू भर आए। रोते हुए सम्राट से कहने लगा—कृपया मेरा त्यागपत्र स्वीकार करें। अब मैं अपनी सेवा नहीं दे पाऊंगा। सम्राट अपने अनुभवी वजीर को खोना नहीं चाहता था। आहत होकर बोला—इतनी-सी बात पर त्यागपत्र। ऐसा क्या है उस फकीर में। वजीर कहने लगा—आप समझने का प्रयत्न करें, तो बताऊं। राजन, जिसे आप भिखमंगा कह रहे हैं, उसके पास आपसे कहीं ज्यादा था। उसने उसे छोडऩे में एक क्षण नहीं लगाया। आप तो उतना सोच भी सको, यह अकल्पनीय है। सत्ता के नशे में आप अंधे हो चुके हो जो एक परम पद को प्राप्त दिव्यात्मा को नहीं देख पा रहे हो। मेरी नजऱ में भिखारी आप हो और बुद्ध सम्राटों के सम्राट हैं। इसीलिए कहता हूं मेरे साथ चलो।

महाराष्ट्र और हरियाण में चुनावी संग्राम की तैयारियां

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विचार : चुनाव आयोग द्वारा तिथियां घोषित किए जाने के बाद महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावी जंग की तैयारियां तेज हो गई हैं। 21 अक्टूबर को ही इन दोनों प्रदेशों के अलावा 17 राज्यों की 64 विधानसभा सीटों और बिहार की एक लोकसभा सीट (समस्तीपुर) के लिए उपचुनाव भी होंगे लेकिन सबकी नजरें इस बात पर होंगी कि बीजेपी महाराष्ट्र और हरियाणा में अपनी सत्ता बचा पाती है या नहीं। इसका जवाब 24 अक्टूबर को मतों की गिनती पूरी होने के बाद ही मिलेगा, लेकिन अगर इस मुख्य सवाल से अलग हटकर दोनों प्रदेशों की राजनीतिक स्थिति पर नजर डालें तो दोनों जगह एक खास राजनीतिक शैली की सफलता-असफलता भी दांव पर लगी नजर आती है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अगुआई में बीजेपी ने जो नई राजनीति विकसित की है वह हर जगह पारंपरिक समीकरणों को तोड़कर खेल के नियम ही बदल देने में यकीन रखती है।   महाराष्ट्र में 2014 का लोकसभा चुनाव शिवसेना के साथ मिलकर लडऩे और जीतने के बाद विधानसभा चुनाव में वह अकेली मैदान में उतरी और 288 में से 122 सीटें जीत लीं, जबकि बीजेपी से ज्यादा सीटों पर लडऩे के बावजूद शिवसेना 63 सीटें ही ले पाई। प्रदेश की राजनीति ...

त्वचा को जवां रखने में सहायक है पुदीना

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स्वास्थ्य : पुदीना सेहत के लिए तो फायदेमंद है ही यह आपकी स्किन के लिए भी पावरफुल हीलर का काम करता है। जब शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है तो आपकी स्किन टाइट और हेल्दी रहती है। पुदीने का इस्तेमाल कर आप अपनी स्किन को सही पोषक तत्व देते हैं जिससे आपकी स्किन पर झुर्रियां और बारीक रेखाएं दिखना कम हो जाती हैं और चेहरे पर एजिंग यानी उम्र के निशान नहीं दिखते। पुदीना ऐंटिऑक्सिडेंट्स का भी बेहतरीन सोर्स है जो फ्री रैडिकल डैमेज को कंट्रोल कर स्किन को जवां बनाए रखता है। खूबसूरत-बेदाग स्किन चाहिए तो आर्टिफिशल प्रॉडक्ट्स की जगह पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल करें। पुदीने की कुछ पत्तियों को अच्छे से क्रश कर लें और फिर उसमें गुलाब जल मिलाएं। इसमें थोड़ा सा बेसन डालकर पेस्ट बनाएं और इस फेस पैक को चेहरे पर करीब 30 मिनट तक लगाए रखें। फिर पानी से धो लें। पुदीने के इस फेस पैक की मदद से स्किन को ऑइल फ्री रखने में मदद मिलेगी जिससे ऐक्ने यानी मुंहासे होंगे दूर। क्या आप भी अपनी ड्राई स्किन की समस्या से परेशान हैं और बार-बार मॉइश्चराइजर लगाना पड़ता है? अगर हां तो केमिकल बेस्ड मॉइश्चराइजर यूज करने की बज...

ब्रह्मज्ञान का उपदेश

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बोधकथा : महर्षि याज्ञवल्क्य की दो पत्नियां थीं। एक मैत्रेयी दूसरी कात्यायनी। महर्षि बड़े ही वीतराग और ज्ञानी थे। यथासमय उन्होंने वन जाकर प्रकृति की शरण लेने का निश्चय किया और एक दिन उन्होंने अपनी दोनों पत्नियों को बुलाकर कहा— मेरे पास जो सम्पत्ति है मैं उसे आधा-आधा बांट रहा हूं, ताकि तुम दोनों सुखपूर्वक रह सको। महर्षि के इस आकस्मिक बंटवारे के निर्णय को सुनकर मैत्रेयी ने पूछा— 'आप कहां जा रहे हैं? महर्षि ने सहजता से कहा—मैं सब त्याग करके वन जा रहा हूं, वहां प्रकृति की सेवा और साधना करूंगा। मैत्रेयी को समझ आ गया कि सम्पत्ति से ज्ञान का मूल्य अधिक है। सम्पत्ति तो समय के प्रभाव से नष्ट हो सकती है पर अविनाशी ज्ञान से लोक और परलोक दोनों का ही साधन होता है। इसलिए उसने कहा—भगवन् जिनसे मेरा मरना-जीना न छूटे उसे लेकर मैं क्या करूंगी? आप तो मुझे ब्रह्मज्ञान का उपदेश दीजिए। मुझे भी अपने साथ ले चलिए। इस तरह मैत्रेयी ने अपने हिस्से का सारा धन कात्यायनी को देकर महर्षि के साथ जीव-सेवा और अध्यात्म का मार्ग अपनाया।

मुंह और दांतों को सही से साफ करना जरूरी, नहीं तो हो सकती है गम्भीर बीमारी

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स्वास्थ्य : यूके के बेल्फास्ट स्थित क्वीन्स यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने यूके 4 लाख 70 हजार लोगों पर एक स्टडी की और उनसे एकत्र किए गए डेटा की जांच की गई। इस स्टडी में ऑरल हेल्थ कंडिशन और पेट से जुड़े कई तरह के कैंसर जिसमें लिवर कैंसर, रेक्टम कैंसर और पैन्क्रिआटिक कैंसर के रिस्क के बीच क्या कनेक्शन है, यह जानने की कोशिश की गई। स्टडी में पता चला कि मुंह से जुड़ी कॉमन समस्याएं जैसे मुंह के छाले, मसूड़ों से खून आना और ढीले दांत जैसी समस्याओं और कैंसर रिस्क के बीच रिलेशन है। हालांकि पेट से जुड़े बाकी कैंसर और खराब ऑरल हेल्थ के बीच कोई अहम लिंक नहीं मिला लेकिन हेपाटोबाइलरी कैंसर और ऑरल हेल्थ के बीच अहम लिंक नजर आया। इतना ही नहीं, मुंह के खराब स्वास्थ्य की वजह से सिर्फ कैंसर ही नहीं बल्कि हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और डायबीटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। 6 साल तक इस स्टडी का फॉलोअप किया गया जिसमें यह बात सामने आयी कि स्टडी में शामिल 4 लाख 70 हजार पार्टिसिपेंट्स में से 4 हजार 69 लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर पाया गया। हालांकि इनमें से सिर्फ 13 प्रतिशत लोगों में खराब...

राम मंदिर...ताकि बेंच को चार सप्ताह का समय फैसला लिखने को मिल जाये

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विचार : दशकों से लंबित पड़े बेहद जटिल और संवेदनशील अयोध्या विवाद मामले में नियमित सुनवाई कर रही सुप्रीमकोर्ट की संवैधानिक पीठ ने दोनों पक्षों को आगाह किया है कि 18 अक्तूबर तक दोनों पक्ष दलीलें पूरी कर लें ताकि बैंच को चार सप्ताह का समय फैसला लिखने को मिल जाये। दरअसल, संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई आगामी सत्रह नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। कोर्ट चाहता है कि इतनी लंबी प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोई निर्णायक व सर्वमान्य फैसला सामने आ सके। नि:संदेह संवैधानिक पीठ के किसी भी सदस्य के रिटायर होने के मायने हैं कि मामले की सारी प्रक्रिया नये सिरे से शुरू करना। इसी बीच मध्यस्थता के नये सिरे से किये जा रहे प्रयासों को शीर्ष अदालत ने खारिज तो नहीं किया है मगर इससे अदालत की निर्णायक समाधान तक पहुंचने की कोशिश बाधित नहीं होने दी जायेगी। यदि कोई व्यवधान उत्पन्न होता है तो इससे समय व संसाधनों का क्षरण ही होगा।?उल्लेखनीय है कि सुप्रीमकोर्ट की पहल पर इसी साल मार्च में इस मामले के सर्वमान्य समाधान के लिये मध्यस्थता की कोशिश हो चुकी है। सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले के समाध...

निरुत्तर रह गये मालवीय जी

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बोधकथा : मदनमोहन मालवीय एक सेठ के पास दान मांगने गये। सेठ ने मालवीय जी को ससम्मान बैठाया और आने का प्रयोजन पूछते हुए सेवा पूछी। निकटस्थ सेठ का एक छोटा बच्चा हाथ में दियासलाई लिए हुए बैठा था। उसने दियासलाई से एक तीली निकाली और एक छोटी-सी लकड़ी को जला दिया। सेठ ने बच्चे को चांटा लगाया। मालवीय जी को यह अच्छा नहीं लगा। वे यह कहते हुए उठकर जाने लगे—सेठ जी! बच्चे के द्वारा एक तीली जला देने पर चांटा मार देने वाला कृपण व्यक्ति भला क्या दान देगा? सेठ बोला—भद्रपुरुष, सम्भवत: आप नहीं जानते। इसका कारण, मैं जानता हूं। अभी-अभी मैं पचास हज़ार का बैंक चैक दान स्वरूप आपको दे रहा हूं, वह पाई-पाई जुड़कर बना है, न कि व्यर्थ में बच्चे द्वारा जला डाली दियासलाई की तीली की तरह। निष्प्रयोजन पाईभर नुकसान भी मुझे असह्य है। सेठ जी ने मालवीय जी को पचास हज़ार का चेक थमाया तो मालवीय जी सेठ के प्रति पूर्वाग्रह बनाकर आश्चर्यचकित भी थे और शर्मिंदा भी।

सरकार के साहसिक कदम से औद्योगिक परिदृश्य में आ सकता है भारी बदलाव

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विचार : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को जो घोषणाएं कीं, उनसे सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में नई स्फूर्ति आने की उम्मीद है। इन घोषणाओं का सकारात्मक असर तत्काल ही शेयर बाजार की जबर्दस्त तेजी के रूप में दिखाई पड़ा। गौरतलब है कि अब घरेलू कंपनियों और नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कमी की जाएगी। घरेलू कंपनियां अगर अन्य कोई छूट नहीं लेती हैं तो उन्हें सिर्फ 22 प्रतिशत टैक्स देना होगा। सरचार्ज और सेस मिलाकर प्रभावी टैक्स दर 25.17 प्रतिशत होगी। फिलहाल कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत है जबकि सेस और सरचार्ज मिलाकर कंपनियों को 34.94 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। यानी नई दरों के मुताबिक कंपनियों की टैक्स देनदारी करीब 10 पर्सेंट तक घट जाएगी। इसी तरह एक अक्टूबर के बाद बनने वाली घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्स की दर 15 फीसदी होगी। सरचार्ज और सेस मिलाकर प्रभावी टैक्स दर 17.01 प्रतिशत होगी। उन्हें भी अन्य कोई इन्सेंटिव नहीं मिलेगा। नई कंपनियों के लिए पहले टैक्स की दर 25 पर्सेंट थी जबकि सेस, सरचार्ज मिलाकर प्रभावी दर 29.12 प्रतिशत थी। यानी नई कंपनियों की टैक्...

बदलते मौसम के बीच ऐसे बढ़ाएं अपनी इम्यूनिटी और रहें फिट

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जीवनशैली : बदलते मौसम में लोगों के बीमार पडऩे की संभावना अधिक हो जाती है। बदलते मौसम में खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है। जरा-सी लापरवाही से आपको परेशानी में डाल सकती है। इसलिए मौसम के साथ तालमेल बनाए रखना जरूरी हो जाता है, ताकि आप बीमारियों से बचे रहें। अपनी इम्युनिटी को बढ़ाकर आप किसी भी मौसम में फिट रह सकते हैं।यहां हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं, जिनसे आपको अपनी इम्युनिटी बढ़ाने और फिट रहने में मदद मिलेगी।दिन की शुरुआत चाय की बजाय नारियल पानी से करें। यह एक प्राकृति पेय है, जो आप अपने शरीर को देते हैं। नारियल पानी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स और पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखते हैं। नारियल पानी में विटामिन सी, मैग्नीशियम, मैग्नीज, पोटैशियम, सोडियम और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है। नारियल पानी में कैलोरी की मात्रा कम होने से वजन घटाने में मदद करता है।अच्छे स्वास्थ्य के लिए हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। नींद पूरी होने के बाद आप सुबह तरोताजा महसूस करेंगे। साथ ही सोने से पहले और सुबह उठने के बाद अपने सांस लेने और छोडऩे की प्रक्रिया पर दो मिनट के ...

विदेशी नहीं, देशी थे आर्य

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विचार : वामपंथी इतिहासकारों ने दशकों से फैलाया हुआ था। इन दशकों में वामपंथी भारतीयों को यह झूठ समझाने में सफल रहे कि आर्य बाहर से आए थे। उन्होंने हिंसा कर भारत के मूल निवासियों को मार भगाया। मूल रूप से इस थ्योरी के जनक मैक्स मूलर को माना जाता है। हालांकि इतिहासकारों में आर्यों को बाहरी बताने वाली थ्योरी को लेकर पहले से ही मतभेद रहे हैं। हरियाणा के हिसार जिले के राखीगढ़ी में पुरातत्व विभाग की खुदाई में दो मानव कंकाल मिले थे। इनमें एक कंकाल पुरुष का तो दूसरा महिला का है। इन कंकालों की डीएनए रिपोर्ट और कई अन्य सैंपलों से जुटाए गए डाटा ने वामपंथी इतिहासकारों के झूठ को धराशाही कर दिया। वैज्ञानिक आक्रियोलॉजिकल और जेनेटिक डेटा के अध्ययन से इस निष्कर्ष पर पहुंचे के आर्य और द्रविड एक ही थे। हिंदी के एक प्रमुख समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता के बड़े केंद्रों में से एक है। वर्ष 2015 में पुरातत्वविदों ने यहां करीब 300 एकड़ में खुदाई शुरू की थी। राखीगढ़ी साइट की शोध टीम के सदस्य और पुणे स्थित डेक्कन कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. वसंत शदे और जे...

आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होता है बादाम का काजल

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जीवनशैली : महिलाओं की आँखों की सुरंदरता बढ़ाने मैं अहम भूमिका निभाता है काजल। काजल लगाने से आँखों की कई बीमारियों से बचा जा सकता है| काजल में बहुत सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आँखों की रोशनी को तेज करते हैं| ज्यादातर सभी महिलायें और लड़किया काजल का प्रयोग करती है| बात जब आंखों की खूबसूरती की आती है तो सबसे पहला नाम काजल काजल का आता है। आज से नहीं बल्कि एक जमाने से काजल को महिलाओं के लिए अनिवार्य माना जाता रहा है। आजकल बाजार मैं कई तरह के काजल देखे जा सकते है बहुत सारी कम्पनियों के काजल बाजार में बिक रहे है| बाजार मैं बिकने वाले काजल मैं कई तरह के केमिकल पाए जाते है जो आँखों के लिए काफी नुकसानदायक होतें है| इसलिए आप हो सके तो बाजार में बिकने वाले काजल लगाने से बचे और आप काजल खुद घर पर भी तैयार कर सकती है| काजल के बिना मेकअप अधूरा है। आंखों को हाइलाइट करने और आकर्षक लुक देने के लिए आजकल ज्यादातर लोग काजल का इस्तेमाल करते हैं।  आप घर पर दो तरह से काजल बना सकते है| काजल बनाने के लिए आपको बादाम, नारियल का तेल और एलोवेरा की आवश्यकता पड़ेगी| काजल बनाने के लिए 20 से 30 बादाम लें और इन्हे...

कई समस्याओं के लिए रामबाण इलाज है आंवले का सेवन

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जीवनशैली : गुणों की खान है आंवाला। आंवला में विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, विटामिन बी, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका स्वाद कसेला और थोडा खट्टा मीठा होता है। इसका आचार व मीठा मुरब्बा भी बनाया जाता है। आईये जानते है आंवला के और क्या फायदे होते हैं। बालों की नेचुरल चमक के लिए आंवला फायदेमंद होता है इसके अलावा बालों की सफेदी की प्रॉब्लम को कम करने के लिए और झड़ते बालों के इलाज के लिए आंवला असरदार साबित होता है। आंवला आंखो के लिए वरदान है। इसमें मौजूद तत्व आंखों की रोशनी को सालों-साल तक बनाए रखते हैं। सुबह खाली पेट आंवले का रस पीने से आंखो की रोशनी जल्दी कम नहीं होती। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आंवला आपके लिए बहुत काम की चीज है। रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर, रोज आंवले के रस का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। बुखार से छुटकारा पाने के लिए आंवले के रस में छौंक लगाकर इसका सेवन करना चाहिए। डायबिटीज से जुझ रहा व्यक्ति अगर आंवले के रस का सेवन शहद के साथ करता है तो उसे अपनी बीमारी से बहुत राहत मिलती है। आंवले का रस आप बाहर से ख...

विशेष उबटन लगाने से 40 के बाद भी दिखेंगी ऐश्वर्या जैसी खूबसूरत

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जीवनशैली : फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी बहुत सारी एक्ट्रेसेस हैं, जिनकी उम्र 40 के के पार होने के बाद भी उनकी खूबसूरती में जरा भी असर नहीं पड़ा। बात अगर ऐश्वर्या राय बच्चन की तो वह आज भी बेहद यंग और खूबसूरत नजर आती हैं। जाहिर है हर महिला खुद को ऐश्वर्या राय बच्चन बनान चाहती है। मगर, इसके लिए आपको अपनी त्वचा की खास देखभाल भी करनी होगी। ऐसे में आज हम आपको दादी मां के होममेड उबटन के बारे में बताएंगे, जिससे आप बेदाग व गोरी त्वचा पा सकती हैं, वो भी बिना किसी साइड-इफैक्ट के। उबटन की सामग्री बेसन - 2 टेबलस्पून हल्दी - ½ टीस्पून दूध - 2 टेबलस्पून एक बाउल में 2 टेबलस्पून बेसन, ½ टीस्पून हल्दी और 2 टेबलस्पून दूध को अच्छी तरह मिक्स करें। इस बात का ध्यान रखें कि इसमें गांठे ना बनें। सबसे पहले चेहरे को जेंटल फेसवॉश से अच्छी तरह साफ करें। इसके बाद इस उबटन से चेहरे पर 5 मिनट मसाज करें और फिर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। जब उबटन सूठ जाए तो हल्का-सा गुलाबजल मिलाकर मसाज करते हुए इसे साफ कर लें। रोजान उबटन का इस्तेमाल चेहरे की डेड स्किन और धल मिट्टी को निकालता है, जिससे चेहरे पर ग्लो आता है। वहीं इससे दाग-ध...

आयुष्मान योजना : 376 अस्पताल जांच के दायरे में

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विचार : आयुष्मान भारत योजना में हो रही गड़बडिय़ों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार कई कदम उठाने जा रही है। वह धोखाधड़ी कर पैसा बनाने वाले अस्पतालों के नाम नेम एंड शेम की श्रेणी में डालकर सार्वजनिक करेगी। ऐसे अस्पतालों के नाम वेबसाइट पर डाले जाएंगे। ये अस्पताल सिर्फ आयुष्मान भारत स्कीम से ही नहीं हटाए जाएंगे बल्कि बाकी सरकारी योजनाओं और प्राइवेट इंश्योरेंस के पैनलों से भी इन्हें बाहर किया जाएगा। इस योजना में धोखाधड़ी के 1200 मामले अब तक पकड़ में आए हैं और 376 अस्पताल जांच के दायरे में हैं। 97 अस्पतालों को अब तक पैनल से हटा दिया गया है और 6 अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हुई हैं। अस्पतालों पर कार्रवाई करना बेहद जरूरी था क्योंकि पिछले कुछ समय से अनेक अस्पतालों ने इस योजना का मखौल बना दिया था। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) की एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड सहित कई राज्यों में आयुष्मान भारत स्कीम के तहत चल रही धोखाधड़ी के हैरतअंगेज मामले पकड़े गए हैं।आयुष्मान योजना की सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वास्तविक लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचे। योजना का ढांचा ही ऐसा है कि...

अटैक के बाद हार्ट को फिर दुरुस्त कर सकता है विटामिन ई : रिसर्च

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स्वास्थ्य : हार्ट अटैक के बाद हार्ट मसल्स काफी कमजोर हो जाती हैं। एक रिसर्च के अनुसार हार्ट अटैक से मांस-पेसियों में होने वाले नुकसान से बचा सकता है। यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया के बेकर हार्ट ऐंड डायबीटीज इंस्टिट्यूट में किया गया है। रिसर्चर पीटर का कहना है कि विटमिन ई के ऐंटी-ऑक्सिडेंट और ऐंटी-इनफ्लेमेटरी गुणों की वजह से यह हार्ट की मांस-पेसियों के लिए फायदेमंद है। अभी यह रिसर्च चूहों पर की गई है। चूहों को ऐल्फा टोकोफीरोल (विटमिन ई का सबसे तेज प्रकार) दिया गया। इसके बाद उनके हार्ट पर इसका असर देखा गया।इसमें पाया गया कि विटमिन ई देने के बाद चूहों का हार्ट फंक्शन काफी बढ़ गया। इसमें खराब हो चुके टिशू को भी ठीक करने की भी क्षमता है। अब रिसर्चर्स इंसानों पर यह रिसर्च करने का प्लान कर रहे हैं। एक रिसर्चर ने बताया है कि फिलहाल ऐसी कोई दवा उपलब्ध नहीं है जिससे हार्ट अटैक के बाद डैमेज हुए टिशू को ठीक किया जा सके। ऐसे में इस रिसर्च के बाद कार्डियॉलजिस्ट्स में नई उम्मीद जगी है।

एक से ज्यादा भाषा सीखने से तेज होता है बच्चों का दिमाग

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जीवनशैली : विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली भाषा को लेकर राजनीतिक बहस लंबे समय से चल रही है। कोई बच्चों को तीन भाषा सिखाए जाने की वकालत करता है तो कोई किसी एक ही भाषा को पूरे देश में लागू करने की बात कहता है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को एक से ज्यादा भाषा सिखाए जाने से उनके दिमाग का विकास बेहतर तरीके से होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति दो भाषा जानता है तो उसके दिमाग के दो अलग-अलग हिस्से ऐक्टिवेट हो जाते हैं। इससे ध्यान देने की क्षमता बढ़ती है। वहीं, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों ने सरकार से बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स और पबजी जैसे गेम्स पर बैन लगाने की अपील की है। उनका कहना है कि ये बच्चों के लिए खतरनाक हैं।यह प्रमाणित हो चुका है कि जो लोग दो भाषाओं को जानते हैं अटेंशन टेस्ट में वे एक भाषा जानने वालों से बेहतर परफॉर्म करते हैं। कई स्टडीज में यह भी देखा गया है कि डिमेनशिया और अल्टशाइमर्श से मरीजों के स्वास्थ में नई भाषा सीखने पर जल्दी सुधार होता है। इससे उनका दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है।

ऐरोबिक्स एक्सरसाइज से कम हो जाता है अल्जाइमर का खतरा

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जीवनशैली : यूटी साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर में न्यूरोलजी के प्रोफेसर और इस रिसर्च के हेड रोंग झांग के अनुसार, अल्जामर के हाई रिस्क पर पहुंच चुके पेशंट या यादाश्त से संबंधित समस्या का समाना करनेवाले वयस्कों और वृद्धों में मस्तिष्क की संरचना, कार्य और अमाइलॉइड बर्डन पर व्यायाम के प्रभावों का आकलन करने के लिए यह पहला रेंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल किया गया है।इस अध्ययन में 55 साल की उम्र और इससे अधिक उम्र के 70 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें अल्जामर डिजीज का हाई रिस्क था। इन्हें पूरे 12 महीने तक ऐरोबिक्स और स्ट्रेचिंग कराई गई। ऐसी ही समस्या से जूझ रहे अन्य लोगों के साथ परीक्षण में शामिल लोगों का अध्ययन करने पर सामने आया कि एरोबिक्स और स्ट्रेचिंग का असर ब्रेन पर इस तरह काम करता है कि लोगों में अल्जामर का खतरा बढऩे की गति या तो बंद हो जाती है या धीमी हो जाती है। हालांकि यह बात भी स्टडी में पता चली कि स्ट्रेचिंग के मुकाबले एरोबिक्स ज्यादा प्रभावशील है। क्योंकि स्ट्रेचिंग की तुलना में एरोबिक्स हिपोकैंपस सिकुडऩ को कम करने पर अधिक काम करता है। हिपोकैंपस दिमाग का वह हिस्सा है जो क्रूशियल मैमोरीज क...

एनिमिया से भी फैलता है डेंगू, भोजन में ले भरपूर आयरन!

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स्वास्थ्य : डेंगू से बचने के लिए  सरकार ने जागरूकता अभियान चलाए हैं। अब एक रिसर्च से पता चला है कि खाने में भरपूर आयरन खाने से भी आप डेंगू का खतरा कम कर सकते हैं। आयरन की कमी यानी अनीमिया पीडि़त लोगों में डेगू वाइरस फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। चीन में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों के खून में आयरन की कमी होती है, उनमें डेंगू वायरस ज्यादा फैलता है। इस रिसर्च के लिए स्वस्थ लोगों के खून के सैंपल्स लिए गए। इसके बाद हर सैंपल में डेंगू वायरस मिलाया गया और मच्छरों को इसे दिया गया। इसके बाद इस बात की जांच की गई कि हर सैंपल में से कितने मच्छरों में डेंगू वायरस फैला।इनकी संख्या बिल्कुल अलग-अलग थी। लेकिन इसका संबंध आयरन से देखा गया। 'नेचर माइक्रोबायॉलजी' में छपी इस रिसर्च के अनुसार ज्यादा आयरन वाला खून पीने वाले मच्छरों में कम डेंगू फैला। इसके बाद यही परिणाम चूहों पर भी सही साबित हुए। कुछ चूहे जिनमें डेंगू वायरस था, उन्हें मच्छरों से कटवाया गया। जिन चूहों में खून की कमी थी, उनको काटने वाले मच्छरों में डेंगू वायरस ज्यादा पाया गया।दरअसल, इसकी वजह खुद मच्छरों का इम्यून सिस्टम...

ज्यादा सोने वालों की जल्दी हो जाती है मौत!

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जीवनशैली : अधिक सोना सेहत के लिए हानिकारक है। न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत पर भी हमें ज्यादा सोने के नुकनास झेलने पड़ते हैं। अगर आप रोज 7-8 घंटे से ज्यादा सोते हैं तो आपको कई तरह की समस्याओं और बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। एक स्टडी में सामने आया है कि जो लोग हर रोज 9-10 घंटे सोते हैं, उन्हें भी नींद से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही जो लोग 7 घंटे से कम सोते हैं उन्हें भी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ सुबह तरोताजा होकर ना उठ पाने की समस्या का सामना करना पड़ता है।13 वर्ष पुराने एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि जो लोग बहुत अधिक सोते हैं, उनमें कम उम्र में मौत का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको इस आदत के साथ ही डायबिटीज या हर्ट डिजीज भी है तो यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। स्टडी में सामने आया कि जो महिलाएं हर रोज 9 से 11 घंटे सोती हैं, उनमें 8 घंटे सोनेवाली महिलाओं की तुलना में कोरॉनरी हर्ट डिजीज होने का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है। हालांकि इसका कारण अभी तक सामने नहीं आ पाया है। यह स्टडी 72 हजार महिलाओं पर की गई।तय समस से अधिक सोनेवाले लोगों में सिरदर्द की शिक...

प्रधानमंत्री मोदी ने दिया सेहत का महामंत्र

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विचार : बीते 29 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर 'फिट इंडिया अभियान' की शुरुआत करते हुए सभी को स्वस्थ रहने का संदेश दिया है। ऐसी एक चेतना सदी की शुरुआत से ही देश में खुद-बखुद फैल रही है। स्वयं प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से इसमें नया जोश आ सकता है। अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने फिटनेस को स्वस्थ और समृद्ध जीवन की जरूरी शर्त बताया। आज कई जानलेवा बीमारियां लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स की वजह से हो रही हैं, जिन्हें हम अपने रहन-सहन में बदलाव करके नियंत्रित कर सकते हैं। फिट इंडिया का विस्तार खेलों के दायरे से आगे आम लोगों तक करना होगा। 'शरीरमाद्यम खलु धर्म साधनम' और 'तंदुरुस्ती हजार नियामत' हमारी संस्कृति के मूलमंत्र रहे हैं। और इसी मूलमंत्र को राष्ट्रीय स्वयंसेवक शुरू से ही कहता आ रहा है कि शाखा जाएं, शाखा यानी खेल—कूद और गीत, सुभाषित का स्थान, जहां भगवा ध्वज को साक्षी मानकर मन, मस्तिष्क को योग्य और सक्रिय बनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें फिटनेस को अपने परिवार, समाज और देश की सफलता का मानक बनाना होगा। 'म...

सद्गुणों की सुगंध

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बोधकथा : एक युवक संत सदानन्द के पास आया और उनके चरण छूकर उन जैसा आचरण हो जाए, ऐसा आशीर्वाद मांगने लगा। वहां के वातावरण में व्याप्त फूलों की सुगंध की प्रशंसा करते उसने संत से कुछ ज्ञान देने को कहा तो संत बोले-बेटा, अपना जीवन सदा इन फूलों की भांति रखना ताकि तुम्हारे पास आने वाले अच्छा महसूस करें। पर स्मरण रहे, फूल सदा अपने आसपास का वातावरण ही महकाते हैं जबकि व्यक्ति के सद्गुणों की महक की कोई सीमा नहीं होती। यह महक चारों दिशाओं में समान रूप से महकती है। यहां की पुष्प लताओं को देखो, यह वर्षों से आंधी-तूफानों का सामना करके भी डटकर खड़ी हैं। जानते हो क्यों। क्योंकि यह समय और वातावरण के अनुरूप झुकना जानती हैं और तेज़ हवाओं के साथ स्वयं को झुका लेती हैं, इसीलिए इनका अस्तित्व बना हुआ है। याद रखना-मृत्यु के पश्चात व्यक्ति का धन सगे-संबंधी ले लेते हैं, और शरीर को अग्नि जला देती है। मगर उसके पुण्य कर्म और सद्गुण ही उसे बरसों तक लोगों के हृदयों में जीवित रखते हैं। यह बात तुम अगर जीवन मे उतार लो तो इसमें संशय नहीं कि दूसरे लोग भी तुम्हारे चरण स्पर्श करने में गर्व महसूस करेंगे।

जुर्माने के बाद सड़क हादसों में कमी

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विचार : सड़क सुरक्षा में सुधार के मकसद से संशोधित मोटर वाहन कानून राष्ट्रीय स्तर पर एक सितम्बर 2019 से अमल में आ चुका है, हालांकि जहां-तहां इसे लागू करने में कुछ अड़चनें बाकी हैं। इस कानून में ट्रैफिक से जुड़ी सभी गलतियों पर जुर्माने की राशि बहुत बढ़ा दी गई है, जिस पर बड़ी संख्या में लोगों ने आपत्ति जताई है। पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश सरकार ने इसी कारण इसको लागू करने से मना कर दिया है, जबकि राजस्थान ने कहा है कि जुर्माने की राशि की समीक्षा के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा। वहीं एक खबर में यह बात सामने आयी है कि जुर्माने की भारी रकम के बाद सड़क हादसों में कमी आयी है।इस नियम के लागू होने के बाद जिस तरह से चालान काटे जा रहे हैं, उसे लेकर लोगों में भारी बेचैनी है। सीट बेल्ट न लगी होने पर 300 की बजाय एक हजार रुपये और प्रदूषण सर्टिफिकेट अपडेट न होने पर एक हजार के बजाय दस हजार रुपये फाइन किसी के गले नहीं उतर रहा। संशोधित मोटर वाहन कानून में दंड की राशि बढ़ाने का मकसद लोगों को सतर्क रहने के लिए बाध्य करना है। हमारे देश में ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से न लेने के पीछे एक कारण जुर्माना क...

श्रम शक्ति और विचार शक्ति

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बोधकथा : श्रेष्ठि सोमपाल और राजा अग्निमित्र में खूब निभती थी। एक दिन उनमें बहस हो गई। सोमपाल ने कहा—राज्य का संरक्षण लोगों के लिए उपयोगी तो है, पर अनिवार्य नहीं। ईश्वर-प्रदत्त साधनों से मनुष्य बहुत मजे में रह सकता है। राजा अग्निमित्र ने कहा—अगर तुम्हारा यही मानना है तो इसे साबित करके दिखाओ। अगले एक वर्ष तक तुम नगर में मत घुसना और जंगल की सीमा में ही रहना। अंदर आये तो तुम्हें जेल में डाल दिया जाएगा। यदि तुम कुछ उल्लेखनीय करोगे तो मैं हार मान लूंगा। जंगल में प्रवेश पर सोमपाल को निराश लकड़हारा मिला। वह बहुत श्रम करने के बावजूद परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पाने से दु:खी था। सोमपाल ने उसे कहा—मित्र, तुम मुझे श्रम से सहायता देना और मैं तुम्हें अपने विचारों से सहायता दूंगा। सोमपाल ने उसे नगर के समाचार लेने भेज दिया और उसकी कुल्हाड़ी लेकर स्वयं लकडिय़ां काटने लगे। एक दिन सूचना मिली कि नगर में विशाल यज्ञ होने वाला है। सोमपाल ने यज्ञीय समिधाओं व सुगंधित वनौषधियों का संग्रह कर लिया। नगर की ढेरों आवश्यकताएं सोमपाल के तंत्र से पूरी होने लगीं। राजा को जब इसके बारे में सूचना मिली तो वे स्वयं सोमप...

दोस्ती प्रगाढ़ करने की राह पर भारत और रूस

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विचार : सितम्बर 2019 के पहले सप्ताह के बाद भारत और रूस के रिश्तों में पुरानी गर्मजोशी लौट रही है। आज जब व्यापारिक और सामरिक क्षेत्रों में अमेरिका के एकतरफा दबदबे ने संयुक्त राष्ट्र से लेकर विश्व व्यापार संगठन तक तमाम वैश्विक संस्थाओं को बेमानी बना रखा है, तब भारत और रूस की नजदीकी बहुत मायने रखती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन के रूस दौरे में बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन के साथ कई अहम मसलों पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार को 11 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2025 तक 30 अरब डॉलर करने का निश्चय किया और समकालीन वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का आह्वान किया। रूस ने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया। अभी कश्मीर के संदर्भ में मोदी का यह दौरा बेहद अहम था। दरअसल भारत को इस मसले पर चौतरफा समर्थन की दरकार है क्योंकि पाकिस्तान अभी इस पर दुनिया भर में दुष्प्रचार करता फिर रहा है। रूस ने स्पष्ट कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मामले में बाहरी दखल के खिलाफ है। इस दौरे की एक बड़ी उपलब्धि यह रही कि...

एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा हैं हिंदी

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  विचार : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर एक-देश, एक-भाषा की वकालत की, इसके बाद विवाद शुरू हो गया। कमल हसन ने विरोध करते हुए कहा कि हिंदी बोलने के लिए कोई शाह या सुल्तान मजबूर नहीं कर सकता। अमित शाह ने कहा कि सबसे ज्यादा बोली जाने वाली हिंदी ही देश को एकता की डोर में बांधने और विश्व में भारत की पहचान बनाने का काम कर सकती है। शाह सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष होने के साथ केंद्र सरकार के सर्वाधिक ताकतवर मंत्रियों में से एक हैं, लिहाजा उनके बयान को केंद्र सरकार की मंशा की अभिव्यक्ति के रूप में लिया गया, नतीजतन दक्षिण के राज्यों से तत्काल इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। बंगाल भी पीछे नहीं रहा और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताई। विपक्षी दलों कांग्रेस और सीपीआई ने भी अमित शाह के बयान की आलोचना की। भारत जैसे बहुभाषिक देश में भाषा का मामला बेहद संवेदनशील रहा है। हमारे संविधान निर्माताओं को इसका अहसास था, इसलिए उन्होंने हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्जा तो दिया लेकिन अंग्रेजी के उपयोग का भी प्रावधान रखा। इसके अलावा राज्यों को इस मामले में छूट द...

त्वचा के लिए भी रामबाण है अनार

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जीवनशैली : सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ ही अनार हमारी त्वचा के लिए भी रामबाण है। रोज एक अनार खाने से रोग प्रतिरोधी क्षमता तो मजबूत होती ही है, साथ ही त्वचा संबंधी कई समस्याएं भी दूर होती हैं। अनार में पाए जाने वाले गुण त्वचा में निखार लाते हैं। इसमें ग्रीन टी और संतरे की तुलना में तीन गुना अधिक ऐंटिऑक्सिडेंट होते हैं, जो सीधे तौर पर त्वचा को फायदा पहुंचाते हैं।

झुर्रियों से पाना है छुटकारा तो अपनाएं घरेलू नुस्खे

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जीवनशैली : चेहरे पर आई झुर्रियां खूबसूरती को कम कर देती हैं। अगर समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो बूढ़े होने से पहले ही स्किन बूढ़ी लगने लगेगी। झुर्रियों को कम करने के लिए महंगी क्रीम की जगह कुछ असरदार घरेलू नुस्खे अपनाए जा सकते हैं जो स्किन को किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचाएंगे। एलोवेरा : साल 2008 में आई स्टडी के मुताबिक रोज एलोवेरा लेने पर 90 दिनों में झुर्रियां काफी ज्यादा तक कम हो जाती हैं। वहीं अगर जेल को लगाया जाए तो इससे आंखों के नीचे की स्किन को डीप हाइड्रेशन मिलता है और कोलेजन बढ़ाता है जो झुर्रियां तेजी से कम कर देता है। बनाना फेस पैक : केले में नैचरल ऑइल और विटमिन्स होते हैं जो सेल रिपेयर में मदद करते हुए झुर्रियां कम करते हैं। केले का फेस पैक बनाने के लिए एक केले को मैश करें और इसमें एक चम्मच शहद व गुलाब जल मिलाएं। इसे 10-15 मिनट फेस पर लगे रहने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें। ऑलिव ऑइल :एक स्टडी के मुताबिक वे लोग जो रोजाना ऑलिव ऑइल खाते हैं उनके चेहरे पर ड्राईनेस के कारण होने वाली झुर्रियों की समस्या नहीं होती है। वहीं अगर इसे रोज आंखों के नीचे लगाया जाए तो रिंकल...

त्वचा की प्राकृतिक चमक को निखारने का तरीका है एक्सफॉलिएशन

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जीवनशैली : शरीर में स्किन सेल्स बनने और उनके डेड होने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। इन डेड सेल्स को हटाने से अंदर की हेल्दी स्किन बाहर आती है। साथ ही इस स्किन की सफाई हो जाने से यह खुलकर सांस ले पाती है, जिससे हमारी त्वचा अधिक ग्लोइंग लगती है। एक्सफॉलिएशन एक ऐसी प्रकिया है, जो त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनती है। इस प्रक्रिया में त्वचा की बाहरी सतह पर जमा डेड सेल्स हटाने का काम किया जाता है। यह प्रॉसेस पार्लर में मौजूद मशीनों से या घर पर भी आसानी से की जा सकती है। स्किन को एक्सफॉलिएट करने का सबसे बड़ा फायदा है कि स्किन का ग्लो बढ़ता है और हमारी खूबसूरती भी। लेकिन इसके अलावा इस प्रक्रिया को अपनाने से हम त्वचा संबंधी दूसरी परेशानियों से भी बच सकते हैं। नियमित रूप से स्किन को एक्सफॉलिएट करने पर हमारी त्वचा के दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं। जिन लोगों की स्किन ऑइली है या जिन्हें पिंपल्स की समस्या अक्सर हो जाती है, उनके लिए भी यह प्रक्रिया प्रभावकारी है। क्योंकि इससे त्वचा का अतिरिक्त तेल साफ हो जाता है। लेकिन जिस समय पिंपल्स चेहरे पर हों, उस समय इसे नहीं करना चाहिए। -स्किन को एक्सफॉलिएट करन...

कर्म का पुरस्कार

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बोधकथा : एक बार राजा ने प्रजा की परीक्षा लेनी चाही। उसने सुबह ही मार्ग में बड़ा पत्थर रखवा दिया। अब मार्ग से जो कोई भी निकलता, उसे बड़ी असुविधा होती, किन्तु कोई भी उस पत्थर को हटाने का प्रयास नहीं कर रहा था। उसके राज्य के मंत्री व अन्य धनी लोग भी वहां से गुजरे, पर किसी ने भी पत्थर हटाने की आवश्यकता नहीं समझी अपितु सभी राजा को ही गालियां दे रहे थे कि राजा इसे क्यों नहीं हटवा रहा है।  कुछ समय पश्चात वहां एक निर्धन किसान आया, जिसके सिर पर बड़ा-सा सब्जी का गट्ठर रखा हुआ था। जब वह पत्थर के समीप से निकलने लगा तो उसे भार के कारण बहुत असुविधा हुई। उसने अपने सिर से सब्जी की गठरी उतारी और पत्थर को पूरे बल से हटाने में जुट गया। कुछ ही समय में उसने वह पत्थर हटा दिया। जैसे ही वह वहां से चलने लगा, उसने देखा कि पत्थर वाले स्थान पर एक थैला पड़ा हुआ था। किसान ने थैला खोला तो उसमें से सोने के 1000 सिक्के निकले और एक पत्र भी था, जिसमें लिखा था—पत्थर हटाने वाले को राजा की ओर से पुरस्कार। दरअसल, जीवन में आने वाली असुविधा भी एक अच्छा अवसर लेकर आती है। जो लोग समझ नहीं पाते, वे अवसर खो देते हैं।

मरुस्थलीकरण रोकने की मुहिम, ताकि बची रहे जमीन

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विचार : 2030 तक भारत ने 2.1 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के अपने लक्ष्य को बढ़ाकर 2.6 करोड़ हेक्टेयर करने का फैसला किया है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन टु कॉम्बैट डिजर्टिफिकेशन (यूएनसीसीडी) के 14वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण जैसे मुद्दों पर भारत के सहयोग का भरोसा दिलाया और कहा कि सरकार ने ठान लिया है कि भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए कोई जगह नहीं होगी। उन्होंने जानकारी दी कि 2015 और 2017 के बीच भारत में पेड़ों और जंगल के दायरे में आठ लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। पर्यावरण की रक्षा को लेकर प्रधानमंत्री का संकल्प एक शुभ संकेत है। उम्मीद करें कि सरकार की नीतियों में यह और भी प्रखर रूप में झलकेगा। उपजाऊ जमीनों का मरुस्थल में बदलना निश्चय ही पूरी दुनिया के लिए भारी चिंता का विषय है। इसे अब एक धीमी प्राकृतिक आपदा के रूप में देखा जाने लगा है। संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतर-सरकारी समिति (आईपीसीसी) ने पिछले महीने अप...

बीमारियों से बचाता है अदरक का पानी

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जीवनशैली : अदरक के पानी को रोज पिया जाए तो यह कई बीमारियों से बचाता है। इसमें मौजूद ऐंटी बैक्टीरियल, ऐंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेंट्री गुण शरीर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। अदरक का पानी शरीर में डाइजेस्टिव जूस को बढ़ाता है। इससे खाना जल्दी डाइजेस्ट करने में मदद मिलती है। एसिड की मात्रा कंट्रोल करता है : खाना खाने के 20 मिनट बाद एक कप अदरक का पानी पिएं। यह शरीर में एसिड की मात्रा को कंट्रोल करता है। मेटाबॉलिज्म सुधारता है : अदरक का पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म सुधरता है। ऐसे में फैट तेजी से बर्न होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है ब्लड सर्कुलेशन ठीक होगा : अदरक का पानी पीने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाता है जिससे दर्द दूर हो जाता है। सिरदर्द दूर करे : अदरक का पानी पीने से ब्रेन सेल्स को आराम मिलता है। इससे सिरदर्द की समस्या दूर हो जाती है। स्किन बनाए हेल्दी : रोज अदरक का पानी पीने से शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं। इससे खून साफ हो जाता है और पिंपल्स, स्किन इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। इम्यूनिटी बढ़ाए : अदरक का पानी पीने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। इससे सर्दी...

अश्वगंधा : वजन कम करने से लेकर अनिद्रा दूर करने तक कई बेहतरीन फायदे

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स्वास्थ्य : चमत्कारी गुणों वाली औषधि है अश्वगंधा, जो शरीर को कई फायदे देती है। यह दिमाग और मन को भी स्वस्थ रखती है। आयुर्वेद में अश्वगंधा का विशेष स्थान है, इसे भारत में कई स्थानों पर भारतीय गिनसेंग भी कहा जाता है। इसकी जड़ों का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। वजन कम करने में भी अश्वगंधा काफी असरदार है। बाजार में उपलब्ध अश्वगंधा कैप्सूल के अलावा इसकी सूखी पत्तियों का पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें शहद को मिला सकते हैं। अश्वगंधा का नियमित सेवन हाई बीपी में कमी लाता है। ऐसे में लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों को इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है। जिन्हें गहरी नींद नहीं आती उन्हें अश्वगंधा का खीर पाक खाना चाहिए। अश्वगंधा स्वाभाविक नींद लाने की दवा की तरह काम करता है। मिश्री और थोड़ी सोंठ व अश्वगंधा चूर्ण को बराबर अनुपात में मिलाकर गर्म पानी के साथ लें। पेट से जुड़ी परेशानियों में फायदा होगा। खांसी ठीक करने की यह रामबाण औषधि है। इसका चूर्ण गर्म दूध के साथ खाने से खांसी और अस्थमा में आराम मिलता है। इसका चूर्ण कॉ...

मेनॉपॉज के कारण तेजी से बढ़ता है वजन

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जीवनशैली : महिलाओं के शरीर में मेनॉपॉज के कारण हॉर्मोन्स से संबंधित कई बड़े बदलाव होते हैं। इस कारण ज्यादातर महिलाओं का वजन तेजी से बढऩे लगता है। एक स्टडी के मुताबिक 50 से 59 की उम्र तक की 30 प्रतिशत महिलाएं मोटापे से जूझती हैं जिसकी बड़ी वजह मेनॉपाज है। वेट गेन होने पर महिलाओं में डायबीटीज, हाई बीपी और हार्ट संबंधी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि इस दौरान फिटनेस का थोड़ा ज्यादा ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। 30 मिनट की एक्सर्साइज रोजाना जरूर करें। इसके लिए चाहे तो जिम जाया जा सकता है या फिर योग, वॉकिंग और रनिंग को डेली रूटीन की हिस्सा बनाया जा सकता है। स्विमिंग और साइकलिंग भी अच्छे ऑप्शन्स हैं। फास्ट फूड, ऑइली फूड और ज्यादा स्पाइसी फूड से दूर रहें। इसकी जगह डायट में ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां, दाल और नट्स को शामिल करें। फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के साथ ही देर तक पेट भरा रखेगा। यह शुगर लेवल को मेनटेन रखने में भी मदद करेगा।  वहीं प्रोटीन मसल्स को स्ट्रेंथ देगा। रोज 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे बॉडी को रिलैक्स होने के साथ ही फैट को बर्न करने में मदद मिलत...

स्वर्ग और नर्क

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बोधकथा : संत तिरुवल्लुवर से एक भक्त ने पूछा- प्रभु, स्वर्ग-नर्क की परिभाषा तो हम कई बार सुन चुके हैं। परंतु वास्तव में स्वर्ग और नर्क के अधिकारी कौन-कौन हैं, यह कैसे ज्ञात हो। संत बोले-पुत्र, अच्छा हो यदि जिज्ञासु जन मेरे साथ भ्रमण पर चल पड़ें। कुछ दूर चलने पर एक शिकारी एक हिरण का शिकार करके उसे कंधे पर लाता हुआ दिखाई दिया। उसे देखकर संत बोले-शिकारी इतने निकृष्ट कर्म कर रहा है, इसके लिए यहां भी नर्क समान है और मृत्यु पश्चात भी नर्क ही मिलेगा। आगे एक आश्रम के बाहर एक तपस्वी तप कर रहा था। संत ने कहा-इतना तप करते हुए यह नर्क समान कष्ट सह रहे हैं मगर वहां इन्हें स्वर्ग मिलेगा। एक वेश्यालय के आगे से गुजरते हुए, वेश्या के घुंघरुओं की आवाज़ सुनकर कहने लगे-देखो, यह भोग विलास में डूबी हुई इस समय दुनिया का हर सुख स्वर्ग समान ही भोग रही है। मगर इसके भविष्य में नर्क ही लिखा है। अंत में एक सद्गृहस्थ के घर के सामने सब विश्राम करने लगे। गृहस्थ सब के लिए शीतल जल ले आया। संत ने बताया-यह गृहस्थ अपनी गृहस्थी में रमकर भी दूसरों के सुख-दु:ख में सहभागी रहता है। इसके लिए तो इसका घर परिवार भी किसी स्वर्ग ...