बेरोजगार हो गये अन्ना हजारे, मोदी सरकार ने बड़ी ही आसानी से कर दी लोकपाल की नियुक्ति

विचार : अन्ना हजारे को तो समाजसेवी कहा जाता है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं नौटंकीबाज मानता हूं। यूपीए की सरकार थी तब अन्ना हजारे लोकपाल नियुक्ति के लिए काफी आंदोलन किये थे, जो काफी हिट भी हो गये थे। मोदी सरकार में भी उन्होंने लोकपाल नियुक्ति के लिए नाटक करना चाहा लेकिन उनकी मंशा धरी की धरी रह गयी, क्योंकि अन्ना के समर्थन में कोई पहुंचा ही नहीं और लोकपाल नियुक्ति के लिए आंदोलन असफल रहा। चूंकि जनता जान चुकी है कि लोकपाल आंदोलन से एक राजनीति का कुनेता निकला, जिसका नाम अरविंद केजरीवाल है, देश की काफी क्षति कर रहा है। उधर, मोदी सरकार सभी का मुंह बंद करना चाह रही है, इसी के तहत अन्ना हजारे जैसे लोगों को चुप कराने के लिए जरूरी था कि लोकपाल की नियुक्ति की जाये और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी ही आसानी से लोकपाल की नियुक्ति कर दी। भले ही देश ने पारदर्शी लोकतंत्र के रखवाले लोकपाल के लिये पांच दशक इंतजार किया हो, मगर देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर देश को एक लोकपाल मिला है जो निर्भीक व संवेदनशील फैसलों के लिये जाना जाता है। नि:संदेह उनके रक्त में न्यायिक संस्कार हैं। पांच पीढिय़ों का लगा...