पृथ्वी पर पाया जाने वाला अद्भुत अनाज है जौ
सेहत। पूज्यनीय अन्न जौ के अनगिनत फायदे हैं। जौ को "अनाज का राजा" कहा जाता है। देश के कई घरों में जौ के पानी को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए एक प्राकृतिक उपचार माना जाता है। संक्रमण कम करने के लिए बच्चों या वयस्कों को अक्सर दैनिक आधार पर कुछ गिलास जौ के पानी के सेवन की सलाह दी जाती है। जौ के पानी को किडनी की पथरी या सिस्ट के लिए भी एक अच्छा उपाय बताया गया है। जौ का पानी बनाने के लिए एक चौथाई कप जौ को चार कप पानी में हल्का सा नमक डाल के 30 मिनट तक उबालें। बीच-बीच में चम्मच की मदद से जौ को मसल दें ताकि इसके गुण पानी में आ जाएं। 30 मिनट बाद गैस बंद कर दें और इसे ठंडा करने के बाद हल्का सा शहद और नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें। आप चाहें तो इसे फ्रिज में ठंडा करके भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आयुर्वेद में जौ के पानी को एक पाचक टॉनिक माना जाता है जो पाचन की प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद करता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी 'अग्नि' कम होती है। विभिन्न प्रकार के शरीर, जैसे वात, पित्त और कफ, इसके लिए इसे कुछ मसालों में मिला सकते हैं। कब्ज या डायरिया से पीड़ित लोगों को अक्सर इसके सेवन की सलाह दी जाती है। इसके अलावा जौ में लेक्टोजेनिक गुण होते हैं जो अधिक स्तन के दूध के स्राव में मदद करते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, इस प्रकार हृदय रोगों की संभावना को कम करता है। जौ पैरों में सूजन से राहत देने में मदद कर सकता है, जो गर्भवती महिलाओं के चेहरे की सबसे आम समस्याओं में से एक है। यानि कह सकते हैं कि पृथ्वी पर पाया जाने वाला अद्भुत अनाज है जौ।
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