जीवन में साहसी होना जरूरी

बोधकथा। बिल्ली के भय से परेशान चूहे ने एक दिन विधाता से प्रार्थना की कि मुझे बिल्ली बना दो। विधाता ने दया करके उसे बिल्ली बना दिया। लेकिन अब उसे कुत्ते का डर लगने लगा। फिर प्रार्थना की तो कुत्ता, कुत्ते से लकड़बग्घा बना दिया, इसी तरह फिर विधाता ने चूहे को शेर तक बना दिया। किंतु अपने डरपोक मन से तू शेर के शरीर में भी चूहा ही रहा। जा फिर से चूहा हो जा। साहस के अभाव में मनुष्य की आधी शक्ति, प्रतिभा, बल चले जाते हैं और आधे उपयोग के अभाव में नष्ट हो जाते हैं।

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