होलिका दहन के दिन पहली बार बन रहा है शुभ महासंयोग

ज्योतिष। इस बार यानि 2022 में होलिका दहन के दिन गजकेसरी योग, वरिष्ठ योग और केदार योग बन रहे हैं। ग्रहों का ऐसा शुभ महासंयोग पहली बार बनेगा, जो देश के लिये शुभदायी साबित होगा। तीन राजयोगों का बनना मान-सम्मान, पारिवारिक सुख-समृद्धि, तरक्‍की और वैभव में वृद्धि होती है। इसके अलावा सूर्य भी गुरु की राशि मीन में रहेंगे, कुल मिलाकर ग्रहों की ऐसी शुभ स्थिति बीमारियों, दुख और तकलीफों का नाश करेगी। कारोबारियों के लिए यह समय बेहद लाभदायी रहेगा। अंतराष्ट्रीय स्तर पर चल रही मंदी भी खत्म होने के आसार हैं। ज्योतिष के अनुसार होली का त्योहार चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। यदि प्रतिपदा दो दिन पड़ रही हो तो पहले दिन को ही धुलण्डी के तौर पर मनाने की परम्परा है। होली का त्योहार बसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने के लिए मनाते हैं। बसंत ऋतु में प्रकृति में फैली रंगों की छटा को ही रंगों से खेलकर वसंत उत्सव होली के रूप में दर्शाया जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बुराई पर अच्छाई की जीत को याद करते हुए होलिका दहन भी किया जाता है। कई मान्यताओं के अलावा एक मान्यता यह भी है कि भगवान शिव के श्राप के कारण धुण्डी नामक राक्षसी को पृथु के लोगों ने इस दिन भगा दिया था, जिसकी याद में होली मनाते हैं। वहीं मथुरा और वृन्दावन में भी 15 दिनों तक होली की धूम रहती है। दक्षिण गुजरात के आदि-वासियों के लिए होली सबसे बड़ा पर्व है। भारत में होली का पर्व शांति और उत्साह का संदेश देती है।

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