1563 साल बाद 2 अप्रैल को नवरात्र पर बनने वाला है दुर्लभ संयोग

ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार इस बार हिंदू नववर्ष की शुरुआत के मौके पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति न केवल रोचक बल्कि अति दुर्लभ रहेगी। ऐसी स्थितियां 1500 साल बाद बन रही हैं। नववर्ष की शुरुआत के मौके पर रेवती नक्षत्र और 3 राजयोग बन रहे हैं। इसके अलावा नए साल की शुरुआत के मौके पर मंगल अपनी उच्च राशि यानी मकर में, राहु-केतु भी अपनी उच्च राशि (वृषभ और वृश्चिक) में रहेंगे। वहीं शनि अपनी ही राशि मकर में रहेंगे। इस कारण हिंदू नववर्ष की कुंडली में शनि-मंगल की युति होने का शुभ योग बन रहा है। हिंदू नववर्ष के मौके पर ग्रहों का ऐसा शुभ संयोग करीब  1563 साल बाद बन रहा है। इससे पहले यह दुर्लभ योग 22 मार्च 459 को बना था। इस दुर्लभ शुभ योग का फायदा मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों को मिल सकता है। इन लोगों को यह योग पैसा और तरक्की दिलाएगा। उन्हें कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है। निवेश से मनवांछित फल मिलेगा। बता दें कि हिंदू नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। इस दिन युगाब्ध ही नहीं बल्कि संवत भी बदलता है, युगाब्ध जहां 5124 होगा वहीं संवत बदलकर 2079 हो जायेगा। ऐसा दुर्लभ योग डेढ़ हजार साल बाद बनेगा। बता दें कि इस बार नए संवत्सर का नाम नल है और राजा शनि देव तो मंत्री बृहस्पति रहेंगे। नवरात्र व्रत का पारण 11 अप्रैल 2022 सोमवार को प्रातःकाल में किया जाएगा, इसी दिन धर्मराज दशमी भी मनायी जायेगी।

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