छह सितम्बर को गणेश, विष्णु और मंगल देव की करें आराधना
आस्था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 6 सितम्बर 2022 दिन मंगलवार को गणेशोत्सव के साथ एकादशी होने से इस दिन गणेश जी, विष्णु जी और मंगल ग्रह की विशेष पूजन का बेहद शुभ योग बन रहा है, जो अति फलदायी है। एक दिन तीन शुभ मुहूर्त होने से श्रद्धालुओं को पूजन से पहले सावधानी रखनी चाहिए, जिससे सभी देवों का आशीर्वाद मिल सके। एकादशी पर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, जल, दूर्वा, हार-फूल, जनेऊ अर्पित करना चाहिए। धूप-दीप जलाकर आरती करें, मोदक का भोग लगाना चाहिए। वहीं जो लोग एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। स्नान के बाद घर के मंदिर में विष्णु जी की पूजा और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। व्रत करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन सिर्फ फलाहार करना चाहिए। इस दिन अन्न का सेवन वर्जित रहता है।
भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। पूजा के बाद भगवान से क्षमा याचना करें। एकादशी पर पूरे दिन पूजा और व्रत करने के बाद अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर सुबह फिर से भगवान विष्णु की पूजा करें और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं, इसके बाद स्वयं खाना खाएं। इस तरह से एकादशी तिथि का व्रत पूर्ण होता है। बता दें कि एकादशी और मंगलवार के योग में मंगल ग्रह की पूजा करें। मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में ही की जाती है। शिवलिंग पर लाल गुलाल, लाल फूल, मसूर की दाल चढ़ाना शुभ रहेगा। मंगलवार को हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
वहीं छह सितम्बर को जलझूलनी और परिवर्तिनी एकादशी तिथि भी है। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर श्रीकृष्ण की सूरज पूजा यानी जलवा पूजन हुआ था। ये भी माना जाता है कि जुलाई में देवशयन होने के बाद इस तिथि पर भगवान करवट लेते हैं। इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन विष्णु और लक्ष्मीजी की पूजा से घर में सुख, समृद्धि आती है, दुख दूर होते हैं और असीम पुण्य मिलता है। बता दें कि छह सितम्बर 2022 को एकादशी के दिन सूर्योदय के साथ ही आयुष्मान, मित्र और रवियोग प्रारम्भ हो जाएगा। प्रात: करीब साढ़े 8 बजे के बाद से सौभाग्य योग रहेगा। साथ ही इस दिन सूर्य, बुध, गुरु और शनि अपनी ही राशियों में रहेंगे। इन चार ग्रहों का स्वराशि में होना बड़ा शुभ संयोग है। सितारों की इस स्थिति से ये व्रत पर्व के बराबर पुण्य देने वाला हो जाएगा। परिवर्तिनी एकादशी पर कई वर्षों बाद सितारों की ऐसी दशा बनी है।
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