17 सितम्बर को है कन्या संक्रांति, करें सूर्यदेव की पूजा

ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार 12 संक्रांतियां होती हैं। इनमें दो संक्रांति खास होती है-पहला कुम्भ संक्रांति, जो बीते 13 फरवरी 2022 को था और दूसरा कन्या संक्राति। अश्विन माह में पड़ने वाली संक्रांति को कन्या संक्रांति कहा जाता है। 17 सितम्बर 2022 को सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए इसे कन्या संक्रांति कहा जाता है। कन्या राशि में सूर्य एक महीने तक विचरण करेंगे। बता दें कि सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन संक्रांति कहलाता है। हर महीने 30 दिन बाद सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस दौरान सूर्य की पूजा आराधना करने से मनवांछित परिणाम मिलता है। संक्रांति के दिन पुण्य काल का मुहूर्त सुबह 7 बजकर 36 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 8 मिनट तक है और महापुण्यकाल का मुहूर्त प्रात: 7 बजकर 36 मिनट से प्रात: 9 बजकर 38 मिनट तक है। इस दिन सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में सुबह 7 बजकर 36 मिनट पर प्रवेश करेंगे। कन्या संक्रांति के दिन आदित्यह्दयस्त्रोत का पाठ करना चाहिए। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल में कुमकुम, लाल फूल, इत्र आदि चीजों को शामिल करें, ऐसा करने से शुभ फल मिलते हैं।

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