शिवलिंग और ज्योर्तिलिंग
धर्म। शास्त्रों में भागवान शंकर को संसार की उत्पत्ति का कारण और परब्रह्म कहा गया है। भगवान शंकर ही पूर्ण पुरूष और निराकार ब्रह्म हैं। इसी के प्रतीकात्मक रूप में शिवलिंग की पूजा की जाती है। वहीं दूसरी ओर भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर हुए विवाद को सुलझाने के लिए एक दिव्य लिंग (ज्योति) प्रकट किया था। ज्योतिर्लिंग हमेशा अपने आप प्रकट होते हैं, लेकिन शिवलिंग मानव द्वारा बनाए और स्वयंभू दोनों हो सकते हैं। शिवलिंग प्राकृतिक रूप से स्वयंभू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित किया जाता है। सनातन धर्म में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं-
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्रप्रदेश
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, उज्जैन
- ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग,खंडवा
- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
- बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तरप्रदेश
- त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
- घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
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