शिवसेना कार्यकर्ताओं को लुभाने की कोशिश
विचार। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने 22 से अधिक दिन बीत चुके हैं लेकिन वहां का राजनीतिक मुद्दा एकदम गरम है। राजनीतिक मात से बिलबिलाये ठाकरे परिवार के साथ-साथ संजय राउत इधर-उधर बयान देते देखे जा रहे हैं। शिवसेना को बचाने के लिए पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे शिव संवाद यात्रा निकाल रहे हैं। आदित्य ठाकरे की यह यात्रा आज यानि शुक्रवार को नासिक जिले के मनमाड पहुंची, जहां उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना से गद्दारी करने वाले हमसे सवाल पूछने की बातें कर रहे हैं, लेकिन वे इस लायक नहीं हैं। गद्दारों को तो खुद यह बताना चाहिए कि उन्होंने पीठ में खंजर भोंकने का काम क्यों किया। बालासाहेब ठाकरे की विरासत के साथ धोखा क्यों किया। ऐसे बयान निहायत ही बचकाने और तथ्यहीन इसलिये हैं क्योंकि धोखेबाज कौन है, विश्वासघाती कौन है यह महाराष्ट्र के साथ पूरा देश जानता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो व भाजपा के सहारे जीत हासिल करने वाले शिवसेना के उद्धव ठाकरे, आदित्य और संजय राउत ने कैसे भाजपा को धोखा देकर घोर विरोधी कांगे्रस और लोकतांत्रिक कांग्रेस से सत्ता के लिये हाथ मिला लिया। संजय राउत कहते हैं कि सत्ता के लिए एकनाथ शिंदे ने धोखा दिया, अरे भाई! कहावत है कि जैसा करोगे वैसा भरोगे। यह भी लोगों को याद है कि कैसे संजय राउत जैसे लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कर्कश वाक्यों का प्रयोग किया, आदित्य ठाकरे जैसे नये राजनीतिज्ञ भाजपा पर खूब खरी-खोटी सुनाई, इन लोगों को कतई विश्वास नहीं था कि उद्धव ठाकरे सरकार गिर जायेगी। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे खेमे की निगाहें पार्टी के चिन्ह धनुष तीर पर हैं। इसके लिए दोनों पक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं और शिवसेना के निचले पायदान के कार्यकर्ताओं को लुभाने में लगे हैं। जो उद्धव अपने मंत्रियों से मिलने से कतराते थे वही ठाकरे परिवार शिवसेना कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बता दें कि लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसदों में से 12 के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं आनंदराव अडसुल और रामदास कदम का समर्थन हासिल करने के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करने के लिए बीते मंगलवार शाम भारत के चुनाव आयोग से संपर्क किया था। विद्रोह के बाद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लौटने के बाद से शिवसेना के बागी विधायकों ने अपने कार्यकर्ताओं और घटकों के साथ कई रैलियां और बैठकें की हैं। इनमें एमवीए और ठाकरे खेमे के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी की वजह बताई गई। पिछले हफ्ते मुंबई में कुर्ला विधायक मंगेश कुडलकर द्वारा आयोजित सभा में शिंदे ने कहा कि ‘विद्रोह’ स्वार्थी कारणों से नहीं, बल्कि मोहभंग वाले विधायकों को न्याय दिलाने के लिए था। मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि वह उन्हें समर्थन देने वाले हर एक विधायक का फिर से चुनाव सुनिश्चित करेंगे। वहीं रैली के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा कि यदि आप देशद्रोही नहीं होते तो मैं आपके आरोपों और सवालों का जवाब देता। बता दें कि नासिक से एकनाथ शिंदे गुट के विधायक सुहास कांडे ने आज ही ऐलान किया था कि वह आदित्य ठाकरे से सवाल पूछने जा रहे हैं। ऐसे में आदित्य ठाकरे के बयान को उन्हें जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। इस मौके पर आदित्य ठाकरे ने बागी विधायकों को एक बार फिर देशद्रोही करार दिया। उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि एक अच्छे मुख्यमंत्री एक अच्छे आदमी के साथ जो किया गया क्या वह सही था। इसके अलावा आदित्य ने कई मुद्दों पर बात की और बागी विधायकों के साथ भाजपा को भी जमकर कोसा। बहरहाल अब कोसने और भड़ास निकालने का कोई फायदा होने वाला नहीं है क्योंकि यही कार्य सत्ता में रहते करना चाहिये था।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें