किशोर बच्चों को आज्ञाकारी बनाना जरूरी
जीवनशैली : लाख समझाने के बाद भी बहुत से किशोर बच्चे अपने माता—पिता की बात नहीं मानते। सर्वविदित है कि टीनऐज में बॉडी में हॉर्मोनल बदलाव बहुत तेजी से होते हैं। ऐसे में बच्चों का मन ना तो बहुत देर तक शांत रहता है और साथ ही उन्हें मन एकाग्र करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह तो हुई शारीरिक बदलाव की बात, जिस कारण मन भी परेशान रहता है। अब बात करते हैं समाज की। दरअसल, यही वह उम्र होती है, जब बच्चा बाहर की दुनिया से जुडऩा और वहां अपनी जगह बनाना शुरू कर रहा होता है। ऐसे में उसे कई तरह के भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरना होता है और इस वक्त उसे आपके इमोशनल सपॉर्ट की बहुत जरूरत होती है। आप बच्चे को जो भी संस्कार देना चाहते हैं, उन्हें सिर्फ बच्चे को ऐसे ही न बताएं बल्कि उन संस्कारों को अपने जीवन में भी उतारें। बच्चों के साथ परिवार और करियर के मुद्दों पर बात करें। घर की आर्थिक स्थिति, पारिवारिक रिश्तों पर बात करें। इससे बच्चे की सोच-समझ विकसित होती है और उसमें घर के प्रति जिम्मेदारी का भाव आता है।
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