श्रेष्ठ विचारों वाले चरित्रवान और समर्पित स्वयंसेवक तैयार करने में विश्वास रखता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

 विचार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि भारत के लोग विविध संस्कृति, भाषाओं, भौगोलिक स्थानों के बावजूद खुद को एक मानते हैं। भागवत ने कहा कि एकता के इस अनूठे अहसास के कारण मुस्लिम, पारसी और अन्य जैसे धर्मों से संबंधित लोग देश में सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि पारसी भारत में काफी सुरक्षित हैं और मुस्लिम भी खुश हैं। भागवत ने कहा कि समाज में बदलाव लाने की दिशा में उन्होंने कहा कि सही तरीका यह है कि ऐसे उत्कृष्ट इंसान तैयार किये जाए जो समाज को बदलने तथा देश की कायापलट करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके क्योंकि 130 करोड़ लोगों को एकसाथ बदलना मुमकिन नहीं होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने कहा कि समाज में बदलाव लाना जरूरी है ताकि देश की किस्मत बदले और इसके लिए उत्कृष्ट इंसान तैयार करना आवश्यक है, ऐसा इंसान जिसका साफ-सुथरा चरित्र हो और जो प्रत्येक सड़क और शहर में नेतृत्व करने में सक्षम हो।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने नौ दिवसीय दौरे पर पहुंचे मोहन भागवत ने बुद्धिजीवियों से बातचीत भी की। संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित अन्य कार्यक्रम नौ दिन तक आयोजित होंगे। इसमें देश के विभिन्न स्थानों से बुद्धिजीवी तथा संघ के प्रचारक भाग ले रहे हैं। ओडिशा के सोआ विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बुद्धजीवी सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर भागवत ने कहा कि समाज को संगठित करने के लिए संघ काम कर रहा है। संगठित समाज के जरिए ही राष्ट्र का निर्माण सम्भव है। ओडिशा में पहली बार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर यहां के स्वयंसेवकों में काफी उत्साह है। मोहन भागवत ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत अकेला ऐसा देश हैं जहां यहूदियों को आश्रय मिला, जहां पारसियों की पूजा और मूल धर्म सुरक्षित है। विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में मिलेंगे।

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