हलासन से महिलाओं की बैली फैट और थॉयरायड जैसी 7 समस्‍याओं से मिलेगा छुटकारा

 जीवनशैली : योग का एक प्रकार है हलासन। इसे हलासन के नाम से इसलिए जाना जाता है क्‍योंकि इस आसन में शरीर का आकृति खेत में चलाने वाले हल के समान हो जाती है। इस आसन को करने से आपकी सेहत को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। लेकिन यह महिलाओं की हेल्‍थ संबंधी समस्याओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। हलासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर कमर के बल सीधा लेट जाएं। अब दोनों हाथों को थाई के पास जमीन पर रख लें। फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं।
फिर हाथों को नीचे की ओर दबाएं और कमर को मोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे हल की तरह लगा दें।  फिर बिना सिर उठाए 2-3 मिनट बाद धीरे-धीरे वापस नॉर्मल पॉजिशन में आ जाएं। हलासन करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे आपको वजन कम करने में सहायता मिलती है। साथ ही रोजाना इस आसन को करने से बैली फैट भी कम होता है। रेगलुर हलासन करने से गर्दन, कंधे और पीठ की मसल्स मजबूत होती है। इसके अलावा यह आसन आपके एब्स के लिए भी अच्छा होता है। डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं के लिए हलासन किसी वरदान की तरह है। इसे रोजाना करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। साथ ही यह आसन ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में हेल्‍प करता है। यह आसन पीरियड्स पेन से राहत दिलाने में हेल्‍प करता है। साथ ही यह महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों को भी कम करता है।
इसे रोजाना करने से नर्वस सिस्‍टम से संबंधित कोई दिक्कत नहीं होती है। जिससे आप तनाव, डिप्रेशन और थकान से बची रहती हैं। हलासन से आपका डाइजेशन बढ़ता है और भूख से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती है, जिससे आप पेट से जुड़ी समस्‍याओं से बची रहती हैं।हलासन थॉयरायड ग्‍लैंड को उत्तेजित करता है, जिससे आप थॉयरायड जैसी कई समस्‍याओं से बची रहती हैं। इसके अलावा यह इम्यून सिस्टम को भी ठीक रखता है। अगर आप हॉर्निया, साइटिका, अर्थराइटिस और गर्दन के दर्द से परेशान हैं तो हलासन करने से बचें। हाई ब्‍लड प्रेशर या अस्‍थमा से परेशान महिलाओं को भी इस आसन से दूर रहना चाहिए।

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