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दीयों से ऐसे सजाएं घर

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जीवनशैली : दीपावली पर घर सजाने के लिए दीयों को किसी सिंगल कलर में रंग सकती हैं। आप चाहें तो दो कलर्स में भी इन दीयों को रंग सकती हैं। सीप के दीये : छोटे शंख या बड़े-बड़े सीप के पीस मिल जाएं तो आप इन्हें भी दीयों की तरह यूज कर सकती हैं। दिन में भले ही ये देखने में आपको कुछ कम रंगीन लगें लेकिन इन सफेद सीप और शंखों के बीच रात में जब बाती की रोशनी पड़ेगी तो ये सबसे खूबसूरत दीये लगेंगे। घर का पुराना आइटम : हमारे घर में कुकीज के टिन के टिब्बे अक्सर जमा हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसे डिब्बों का यूज करना चाहती हैं तो दिवाली इसके लिए बेस्ट है। आप इन डिब्बों को और इनके ढक्कन को किसी एक रंग में या अलग-अलग रंगों में अपनी पंसद के डिजाइन के हिसाब से पेंट करें और फिर इन्हें घर की किसी दीवार पर हैंग कर दें। अब इन पेंटेड डिब्बों में जलते हुए दीये सजाएं। पुरानी बैंगल्स : पुरानी बैंगल्स और कड़े हम अक्सर फेंक देते हैं। लेकिन इस बार इन्हें फेंके नहीं, आप अपनी 3 से 4 चूडिय़ों को फेविक्विक की मदद से एक साथ चिपकाएं। फिर जमीन पर गुलाब या गेंदे के फूलों की पंखुडिय़ां बिछाकर उनके ऊपर इन चूडिय़ों को रख दें। अब इनके ...

अबकी बार दीपावली पर बनाएं फूलों की रंगोली, ईको फ्रेंडली

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 जीवनशैली : दीपावली के दिन रंग-बिरंगे रंगों और फूलों से बनी रंगोली मां लक्ष्मी के स्वागत में बनाई जाती है। रंगोली के कलर्स बनाने में भी कैमिकल्स का यूज होता है। अगर आपके पास नैचरल रंगों से रंगोली बनाने का विकल्प मौजूद नहीं है तो पर्यावण की सुरक्षा और टाइम की बचत के लिए आप फ्लॉवर रंगोली बना सकती हैं। मोरपंख स्टाइल में फ्लॉवर रंगोली बनाकर आप उसे बीच में दीये रखकर सजा सकती हैं। इस तरह की रंगोली बनाने के लिए आपको दो से तीन तरह के फूल और हरे रंग के लिए छोटी पत्तियों की जरूरत होती है। आप चाहें तो अशोक वृक्ष की पत्तियों को छोटा-छोटा काटकर भी यूज कर सकती हैं। आप रंगोली कलर्स के साथ फ्लॉवर्स का कॉम्बिनेशन करके भी रंगोली बना सकती हैं। यहां दिए गए डिजाइन में कलर्स, फ्लॉवर्स और दीयों का बहुत प्यारा कॉम्बिनेशन दिखाया गया है। आप इससे आइडिया ले सकती हैं और अपने रंगोली कलर्स के हिसाब से किसी दूसरे रंग के फूलों का चुनाव भी कर सकती हैं। गोलाकार रंगोली का डिजाइन हमेशा अच्छा लगता है। सिंपल और सुंदर दिखता है वहीं इसे बनाना भी अन्य डिजाइंस की तुलना में आसान रहता है। आप इस तरह से फूल और पत्तियों की...

वासना और संग्रह की प्रवृत्ति है भौतिकवादी

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बोधकथा : आचार्य रजनीश किसी के घर ठहरे हुए थे। उस मकान की ऊपरी मंजिल पर स्विट्जऱलैंड के दो परिवार भी रहते थे। ओशो जिस भारतीय के घर में थे, उन्होंने विदेशियों के बारे में बताया कि ये बड़े भौतिकवादी लोग हैं। इन्हें सिवाय खाने-पीने और नाच-गाने के और कोई काम नहीं। रात बारह बजे तक नाचते रहते हैं। सुख-सुविधा की किसी चीज के अलावा आत्मा-परमात्मा से इन्हें कोई मतलब नहीं। बस धन कमाना और खाना-पीना, यही इनके जीवन का ध्येय है। दोबारा जब ओशो उस घर में गये तो वे विदेशी जा चुके थे। घर की गृहिणी उनसे कहने लगी—वे लोग बड़े अजीब थे। जाते समय अपने सारे बर्तन नौकरानी को दे गये। रेडियो पड़ोसियों को भेंटकर गये। वे अपने कपड़े भी मोहल्ले में बांट गये। रजनीश ने गृहिणी से पूछा—कुछ तुम्हें भी देकर गये हैं, क्या  गृहिणी बोली—नहीं, हमें तो यह सोचकर नहीं दिया होगा कि ये लोग धनी हैं, देने से कहीं नाराज ना हो जायें। गृहिणी जब यह कह रही थी तो वह मन से बड़ी दुखी प्रतीत हो रही थी। तभी गृहिणी की लड़की भीतर से एक रेशम की रस्सी लेकर आई और बोली-इसे वे लोग पीछे आंगन में बंधी छोड़ गये। मेरी मां इसे खोलकर ले आई, बहुत बढिय़ा...

एक चोर कैसे बना धन का देवता कुबेर!

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कथा : इस वर्ष यानि 2019 में 25 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। धनतेरस और दीपावाली पर कुबेर भगवान की पूजा का भी विधान है। धनतेरस को भगवान धनवंतरि के साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है। भगवान कुबेर पूर्वजन्म में एक गुणनिधी नाम के गरीब ब्राह्मण थे। बचपन में उन्होंने अपने पिता से धर्म शास्त्र की शिक्षा ली, लेकिन गलत संगत में आने के कारण उन्हें जुआ खेलने और चोरी की लत लग गई। गुणनिधी की इन हरकतों से परेशान होकर उनके पिता ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। घर से निकाले जाने के बाद उनकी हालत दयनीय हो गई और वह लोगों के घर जाकर भोजन मांगने लगे। एक दिन गुणनिधि भोजन की तलाश में गांव-गांव भटक रहे थे। लेकिन उन्हें उस दिन किसी ने भोजन नहीं दिया। इसके बाद गुणनिधि भूख और प्यास से परेशान हो गए। भूख और प्यास के कारण गुणनिधि भटकते-भटकते जंगल की और निकल पड़े। जंगल में उन्हें कुछ ब्राह्मण भोग की सामग्री ले जाते हुए दिखाई दिए। भूख की सामग्री को देख गुणनिधि की भूख और भी ज्यादा बढ गई और खाने के लालच में वह ब्राह्मणों के पीछे-पीछे चल दिए। ब्राह्मणों का पीछा करते-करते गुणनिधि एक शिवालय आ पहुंचे, जहां उन...

दीपावली पर बनायें सुंदर रंगोली

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जीवनशैली : इस वर्ष यानि दीपावली 27 अक्टूबर 2019 को पड़ रही है। देश में दीपावली उत्साह से मनायी जाती है। दीपावली पर लोग दीप पूजन करते हैं और तरह—तरह की रंगोली बनाते हैं। दीपावली पर अपने घर को ताजे-फूलों और फूल मालाओं से सजाएं और पारम्परिक लटकन भी आप अपने घर के लिए ला सकते हैं। क्योंकि यह कांच, कड़े, मोतियों और सीप्स से बनी हो सकती हैं। इसी के साथ आप अपनी पसंद के डिजाइन ले सकते हैं और आप चाहे तो राजस्थानी और गुजराती लटकने भी लगा सकते हैं क्योंकि ये कहीं अधिक कलरफुल होती हैं। इसी के साथ घर के लिए बंदरवाल जरूर खरीदें या आम के पत्तों से बनाएं। आजकल घरों की सजावट के लिए पेटिंग सबसे तरीका है। आप घर पर भी पेटिंग बना सकते हैं। अगर आप घर के कामकाजों में व्यस्त रहते हैं तो आप बाजार से भी पेटिंग ला सकते हैं। इसके अलावा आप गुलदस्ते लगा सकते हैं। अगर आपके घर में गमलों में पौधें लग रहे हैं तो आप उन पर लाइट या कलर पेंट करके घर को सजा सकते हैं। वहीं दीपावली पर घर में सबसे जरूरी है—रोशनी की सजावट। वहीं दूसरी ओर ऐसी मान्यता है कि दीपावली पर्व पर रंगोली बनाना बहुत शुभ होता है। रंगोली कई तरह की बनाई जात...

धैर्यवान छिपकली

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बोधकथा : एक जापानी मरम्मत के लिए अपने मकान की दीवारें तोड़ रहा था। जापान में लकड़ी की दीवारों के बीच ख़ाली जगह होती है, यानी दीवारें अंदर से पोली होती हैं। जब वह लकड़ी की दीवारों को तोड़ रहा था तभी उसने देखा कि दीवार के अंदर की तरफ लकड़ी पर एक छिपकली, बाहर से उसके पैर पर ठुकी कील के कारण, एक ही जगह पर जमी पड़ी है। जब उसने यह दृश्य देखा तो उसे बहुत दया आई पर साथ ही वह जिज्ञासु भी हो गया। जब उसने आगे जांच की तो पाया कि वह कील तो उसके मकान बनते समय पांच साल पहले ठोकी गई थी। एक छिपकली इस स्थिति में पांच साल तक जीवित थी। दीवार के अंधेरे पार्टीशन के बीच, बिना हिले-डुले? उसकी समझ से परे था कि एक छिपकली, जिसका एक पैर, एक ही स्थान पर पिछले पांच साल से कील के कारण चिपका हुआ था और जो अपनी जगह से एक इंच भी न हिली थी, वह कैसे जीवित रह सकती है? छिपकली अब तक क्या करती रही है और कैसे अपने भोजन की जरूरत को पूरा करती रही है, यह देखने के लिए उसने अपना काम रोक दिया। थोड़ी ही देर बाद वहां दूसरी छिपकली प्रकट हुई, वह अपने मुंह में भोजन दबाये हुए थी और आकर उस फंसी हुई छिपकली को भोजन खिलाने लगी! यह देख वह स...

भारत और पाकिस्तान के लिए चुनौती है करतारपुर कॉरिडोर

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भारत के गुरु नानकदेव पाकिस्तान के बाबा नानक पीर भी हैं  विचार : सिक्ख गुरु नानकदेव जी की 550वीं जयंती (12 नवंबर 2019) के मौके पर करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से सिक्ख श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारा दरबार साहिब पहुंचना आसान बनाने का फैसला अपने आप में एक बड़ी पहल है। सीमा पर सब कुछ सामान्य होता तो पाकिस्तान सरकार के इस फैसले पर आज भारत में उसकी वाहवाही हो रही होती। यह हालात की बदतरी ही है कि इतना बड़ा फैसला भी दोनों देशों के बीच खड़ी आशंकाओं की दीवार को भेद नहीं पा रहा। दुखद बात है कि शुरू से ही यह प्रस्ताव दोनों देशों के तनावपूर्ण सम्बन्धों की भेंट चढ़ता रहा है। 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नवाज शरीफ के कार्यकाल में आपसी गर्मजोशी के बीच यह प्रस्ताव पहली बार आया तो जल्द ही कारगिल युद्ध के कारण ठंडे बस्ते में चला गया। दूसरी बार बात आगे बढ़ी तो 2008 का मुंबई आतंकी हमला आड़े आ गया। अभी अगस्त 2018 में जब पाकिस्तान ने यह कॉरिडोर बनाने के अपने इरादे को 550वें प्रकाश पर्व से जोड़ दिया तो मामला कुछ आगे बढ़ा और समय सीमा के दबाव के आगे सारी बाधाएं इस बार बौनी होती...

दानवों से श्रेष्ठ हैं देव

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बोधकथा : देव और दानवों में एक बार विवाद छिड़ा कि दोनों में श्रेष्ठ कौन है। दोनों ब्रह्माजी के पास पहुंचे। ब्रह्माजी ने दोनों वर्गों को सांत्वना दी। दूसरे दिन सभी को भोजन के लिए बुलाया गया। ब्रह्माजी ने मंत्र शक्ति से दोनों वर्गों को कोहनियों पर से हाथ मुडऩे में अवरोध उत्पन्न कर दिया। दैत्य वर्ग के लोग हाथ ऊपर ले जाते। ऊपर से ग्रास पटकते। कोई ग्रास मुंह में जाता, कोई इधर-उधर गिरता। पूरा चेहरा गन्दा हो जाता। इस स्थिति में उन्हें भूखे रहकर दुखी मन से विवशतापूर्वक उठना पड़ा। पर देवों ने अपने सहज स्वभाव के अनुसार हल निकाल लिया। एक ने अपने हाथ से भोजन ग्रास तोड़ा तथा उसे दूसरे के मुंह में डाल दिया। दूसरे ने तीसरे के मुंह में। इस प्रकार पूरी मंडली ने भरपेट भोजन कर लिया। ब्रह्मा जी ने दोनों को बुलाया और कहा कि जो केवल अपने लिए ही सोचता और करता है वह असंतुष्ट रहता है किन्तु जिसे दूसरों के हित का ध्यान है उसे संतोष भी मिलता है, यश भी और सम्मान भी मिलता है। इस कसौटी पर देव खरे उतरे हैं और देव दानवों से श्रेष्ठ हैं।

बकरियों का चरवाहा

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बोधकथा : प्रतिदिन अपने मालिक की बकरियों को दूर जंगल में चराने का काम करता था चरवाहा, वह सुकून से जीने लायक कमा लेता था। बकरियों को उसकी आवाज में ही संकेत मिल जाता था और कभी डंडे से हांकना नहीं पड़ता था। एक दिन बकरियों के मालिक ने कहा कि जंगल से जड़ी-बूटियां बीन लाओ तो तुम्हें रोज कुछ अतिरिक्त पैसा दे दूंगा। लेकिन चरवाहा यह कहकर कि मेरी सामर्थ्य की सीमा है, बात टालता रहा। एक दिन मालिक ने उसको आलसी समझ कर गुस्से में उसका हाथ पकड़ लिया तो वह आश्चर्य में पड़ गया। दरअसल, चरवाहे की जो दो हथेली थी, उसमें भी बस एक-एक अंगूठा ही था। मालिक शर्मसार हो गया और उसने पूछा कि बकरियों को कैसे नियंत्रण में रखते हो। चरवाहा बोला कि जानवर इनसान से कहीं ज्यादा संवेदनशील होते हैं। कभी रस्सी बांधनी नहीं पड़ी डंडा मारना नहीं पड़ा, बस अपनेपन की आवाज से पहचानते हैं जानवर।

ब्रेन और ब्लड के लिए खूबियों का खजाना है विटमिन बी

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जीवनशैली : सेहत के साथ सुंदरता बनाए रखने के लिए आप विटमिन बी 3 से युक्त चीजों का सेवन करें, जैसे केला, फलीदार सब्जियां और ओटमील खाएं जो निकोटिनमाइड से भरपूर होती हैं। इससे आपकी स्किन का मॉइस्चर लॉक रहता है। इसके साथ ही विटमिन बी कॉम्प्लेक्स में बायोटिन रहता है जो आपके नाखूनों और बालों को मजबूत बनाता है। तमाम लोग इस बात से अवगत हैं कि विटामिन बी 12 का घटा हुआ स्तर अनीमिया पैदा कर सकता है। इस अनीमिया को मेगैलोब्लास्टिक अनीमिया कहा जाता है और इसके साथ कई बार तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो जाता है। नतीजन रोगियों में जो लक्षण मिलते हैं, वे इन्हीं दोनों तंत्रों ( रक्त और मस्तिष्क की अंदरुनी या बाहरी तंत्रिकाओं ) से संबंधित मिलते हैं। यानी ब्लड और ब्रेन दोनों के लिए यह जरूरी है। विटमिन बी- 1 : गर्भ में बच्चे के मस्तिष्क के विकास में एक बहुत मदद करता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को रोज विटमिन बी-1 की जरूरत बहुत अधिक होती है। इसके लिए आप अपनी डायट में पास्ता, मीट, डेयरी उत्पाद को शामिल कर सकती हैं। अगर आप नॉनवेज खाते हैं तो सेलमन फिश जरूर खाएं। यह ओमेगा 3 फैटी एसिड और प्रोटीन बहुत अच्छी मात्रा में...

भारत व चीन को सुलझाने होंगे मतभेद!

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 विचार : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सफल भारत यात्रा से भारत-चीन दोस्ती को थोड़ी और मजबूती मिली है। वुहान से शुरू हुई अनौपचारिक संवाद प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर दोनों देशों ने दुनिया को संकेत दिया है कि वे अपनी तमाम असहमतियों के बावजूद एक-दूसरे का साथ नहीं छोडऩे वाले हैं। इस बार दोनों के संबंधों का दायरा थोड़ा और स्पष्ट हो गया है। चीन जान गया है कि भारत जम्मू-कश्मीर को लेकर अपने रुख पर दृढ़ता के साथ खड़ा है, उसी तरह भारत को भी अहसास है कि चीन इस मामले में पाकिस्तान की तरफ झुका हुआ है। मगर विवाद के मुद्दों को दोनों अपनी दोस्ती में बाधक नहीं बनने देना चाहते। इसलिए मोदी और शी की मुलाकात में यह मसला नहीं उठा। सीमा विवाद को लेकर भी दोनों का यही रवैया रहा है। दोनों मुल्क मानते हैं कि यह मामला रातोंरात नहीं सुलझ सकता। लिहाजा इसे छोड़कर, जहां भी संभव हो, उन क्षेत्रों में साझा कदम उठाए जाएं। यह समझदारी ही फिलहाल एशिया की इन दो शक्तियों की मित्रता का आधार है, जो विश्व के लिए भी एक मिसाल है। इस मुलाकात से भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों में कई नए अध्याय जुडऩे की उम्मीद जागी है, जिसका ला...

जीवन में उत्साह होना चाहिए

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बोधकथा : प्रतिदिन घर में होने वाली कलह से तंग आकर एक व्यक्ति ने आत्महत्या करने की सोची। किन्तु आत्महत्या का निर्णय लेना इतना आसान भी नहीं था। परिवार के भविष्य को लेकर वह चिंतित हो गया। असमंजस की स्थिति में वह महर्षि रमण के आश्रम में गया। महर्षि को अपनी स्थिति की सारी जानकारी देकर आत्महत्या के बारे में उनकी राय जाननी चाही। महर्षि उस समय आश्रमवासियों के भोजन के लिए पत्तलें बनाने में व्यस्त थे। पत्तल बनाने में महर्षि की तल्लीनता और परिश्रम को देख उसे आश्चर्य हुआ। उसने पूछा, स्वामी जी! आप इन पत्तलों को इतने परिश्रम से बना रहे हैं, लेकिन थोड़ी देर में भोजन के बाद ये पत्तलें कूड़े में फेंक दी जाएंगी। महर्षि बोले कि सही कहा तुमने, मगर किसी वस्तु का पूरा उपयोग करके उसे फेंकना बुरा नहीं है। गलत तो तब है जब उपयोग किए बिना उसे अच्छी अवस्था में ही फेंक दिया जाए। आप सुविज्ञ हैं, मेरे कहने का आशय समझ गये होंगे। व्यक्ति को समझ आ गया कि जब तक जान है, जीने का उत्साह बने रहना चाहिए। मानव जीवन दुर्लभ है।

सौरव गांगुली : बीसीसीआई के निर्विरोध अध्यक्ष

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विचार : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अगले अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। इस तरह पहली बार भारतीय क्रिकेट का प्रबंधन एक खिलाड़ी के हाथ में होगा। अब तक राजनेता या उद्योगपति ही दुनिया के इस सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के कर्ता-धर्ता बनते आए हैं जबकि विशेषज्ञों ने बार-बार दोहराया है कि खेल संगठनों का दायित्व कोई पूर्व खिलाड़ी ही संभाले क्योंकि मैदान और उसके बाहर की चुनौतियों को वह बेहतर समझ सकता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि दादा के आने से भारतीय क्रिकेट प्रशासन का ढर्रा भी बदलेगा। पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया जो एक औपचारिकता ही है क्योंकि उनके अलावा किसी अन्य सदस्य ने नामांकन नहीं भरा। उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा 23 अक्टूबर को होगी और वह 10 महीने यानी सितंबर 2020 तक बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि 'नियुक्ति से मैं खुश हूं क्योंकि यह वह समय है जब बीसीसीआई की छवि खराब हुई है और कुछ करने का यह मेरे लिए अच्छा मौका है। आज की तारीख में भारतीय क्रिकेट का डंका भले ही पूरी दुनिया में बज रहा हो पर बीसीसीआई की साख...

मंदी की चपेट में दुनिया

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विश्लेषण : औद्योगिक उत्पादन सूचकांक साढ़े छह साल में सबसे कम है। बीते जुलाई के मुक़ाबले अगस्त में औद्योगिक विकास 4.3 प्रतिशत से घटकर -1.10 प्रतिशत पर आ गया। ये आँकड़े फ़रवरी 2013 के बाद सबसे कमज़ोर हैं। देश के 23 औद्योगिक समूहों में से 15 में निर्माण वृद्धि घटती हुई नकारात्मक हो गई है। हाल के दिनों में ऑटो सेक्टर की हालत ख़राब है ही। बेरोज़गारी भी रिकॉर्ड स्तर पर है। वहीं दूसरी ओर आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर लिया है कि दुनिया का नब्बे फीसदी हिस्सा मंदी की चपेट में है, जिसके मुकाबले को साझे कदम उठाये जाने की जरूरत है। उनकी चिंता में बड़ी बात यह है कि पटरी से उतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये मंदी बड़ी चुनौती है। हालांकि, इस संकट की आहट को महसूस करते हुए अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये केंद्र सरकार ने कई चरणों में कदम उठाये हैं, मगर सार्वजनिक तौर पर मंदी की बात स्वीकार नहीं की है। बुधवार को केंद्रीय सेवारत कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जो पांच फीसदी की वृद्धि की गई है, वह एक उपभोक्ता के रूप में उन...

नोबेल पुरस्कार की वैश्विकता शुरू से संदिग्ध

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विचार : 2019 का नोबेल शांति पुरस्कार इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को दिया जायेगा, उन्हें यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय सहयोग और शत्रु देश इरीट्रिया के साथ शांति स्थापित करने के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने इरीट्रिया के साथ दो दशक से जारी संघर्ष को खत्म करते हुए शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभायी है। स्थगित वर्ष 2018 के साथ 2019 के विजेता की भी घोषणा की गई है। पोलैंड की लेखिका ओल्गा तोकारजुक को 2018 के लिए जबकि ऑस्ट्रियाई लेखक पीटर हैंडके को 2019 के लिए पुरस्कृत किए जाने की घोषणा की गई। माना जा रहा था कि पिछले साल हुए विस्फोटक विवाद के बाद नोबेल कमिटी बेहद सतर्क होकर विजेता चुनेगी और इस पुरस्कार की साख को जो बट्टा लगा है, उसकी भरपाई करने की कोशिश करेगी। लेकिन विजेताओं के नाम इसकी तस्दीक नहीं करते। यह तो नहीं कहा जा सकता कि ये लोग कमतर लेखक हैं और पुरस्कार के लायक नहीं हैं लेकिन इनके नाम पर बस संतोष ही किया जा सकता है। दरअसल कुछ नाम ऐसी चमक लिए होते हैं जिन पर एक आम सहमति सी होती है। ऐेसे लोगों को पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा बढ़ती है। इस बार लग रहा था कि पुरस्कार के लिए ...

श्रेष्ठ विचारों वाले चरित्रवान और समर्पित स्वयंसेवक तैयार करने में विश्वास रखता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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 विचार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि भारत के लोग विविध संस्कृति, भाषाओं, भौगोलिक स्थानों के बावजूद खुद को एक मानते हैं। भागवत ने कहा कि एकता के इस अनूठे अहसास के कारण मुस्लिम, पारसी और अन्य जैसे धर्मों से संबंधित लोग देश में सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि पारसी भारत में काफी सुरक्षित हैं और मुस्लिम भी खुश हैं। भागवत ने कहा कि समाज में बदलाव लाने की दिशा में उन्होंने कहा कि सही तरीका यह है कि ऐसे उत्कृष्ट इंसान तैयार किये जाए जो समाज को बदलने तथा देश की कायापलट करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके क्योंकि 130 करोड़ लोगों को एकसाथ बदलना मुमकिन नहीं होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने कहा कि समाज में बदलाव लाना जरूरी है ताकि देश की किस्मत बदले और इसके लिए उत्कृष्ट इंसान तैयार करना आवश्यक है, ऐसा इंसान जिसका साफ-सुथरा चरित्र हो और जो प्रत्येक सड़क और शहर में नेतृत्व करने में सक्षम हो। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने नौ दिवसीय दौरे पर पहुंचे मोहन भागवत ने बुद्धिजीवियों से बातचीत भी की। संघ की राष्...

उत्साह से मनाया जा रहा विजयदशमी, 26 अक्टूबर को अयोध्या में जलेंगे साढ़े पांच लाख दीप

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विचार : देश में आज यानि युगाब्ध 5121, विक्रम संवत 2076, अश्विन माह शुक्ल पक्ष दशमी को विजयदशमी का पर्व उत्साह से मनाया जा रहा है। शाम चार—पांच बजे तक रावण को दहन ​किये जाने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विजयदशमी पर जगह—जगह मेले लगे हैं। शाम को रावण दहन होगा, जिसमें भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 94वीं वर्षगांठ मनायी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के मुख्यालय में सर संघचालक मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन किया। इसके बाद स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया, जिसमें दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री समेत बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) की घटनाओं का जिक्र किया। भागवत ने कहा कि लिंचिंग जैसी घटनाओं से संघ का कोई लेना-देना नहीं है। भीड़ हत्या (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकना हर किसी की जिम्मेदारी है। कानून व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रव...

साधु ही सबसे बड़ा पद

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बोधकथा : एक साधु वन में आश्रम बनाकर रहता था। अकेले रहने के कई फायदे हैं, तो कई तरह की कठिनाइयां भी हैं। भिक्षा मांगकर लाना, साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था, झोंपड़े की देखरेख, सब कुछ स्वयं करना पड़ता है। मन में भावना रहती कि कोई चेला मिल जाए तो काम में मदद करे। एक दिन कहीं से घूमता-फिरता एक लड़का बाबा के आश्रम में पहुंचा। बाबा ने स्नेह से उससे बात की। मीठा गुड़ दिया, ठंडा पानी पिलाया और कहा, कि दुनिया बड़ी स्वार्थी है। क्या रखा है घर-गृहस्थी में? छोड़ो सब जंजाल और मेरे पास आ जाओ। मैं तुम्हें अपना चेला बना लूंगा। बाबा की बात लड़के को अच्छी लगी, लेकिन चेला का मतलब वह नहीं जानता था। पूछा, 'बाबा! यह चेला क्या होता है?' साधु ने कहा, 'यह भी तुम नहीं जानते, भोले हो। एक होता है गुरू जो आदेश देता है और एक होता है चेला, जो गुरू के आदेश को शिरोधार्य कर हुक्म बजाता है।' लड़के ने कहा, 'बाबा! मुझे सोचने का अवसर दें।' बाबा ने समझा काम बन गया। लड़का चेला बनना मंजूर कर लेगा। लड़के ने दो क्षण पता नहीं क्या सोचा, फिर बोला, 'बाबा, मैंने अच्छी तरह से विचार कर लिया। गुरू बनाना चाहो...

खुद से लड़ रही है कांग्रेस

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विश्ललेषण : विधानसभा चुनाव के लिये टिकट वितरण से उपजे आक्रोश के बीच हुए हाई वोल्टेज ड्रामे से तो यही लगता है कि कांग्रेस भाजपा से लडऩे से पहले पार्टी के भीतर ही जूझ रही है। नि:संदेह सत्ता से बाहर रहने की तड़पन के बीच पिछले पांच सालों में पार्टी के भीतर जारी उठापटक जब-तब उजागर हुई। पिछले दिनों तो यह सतह पर आ गई थी। फिर केंद्रीय नेतृत्व की दखल के बाद राज्य के पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन किया गया। कमोबेश पार्टी में सत्ता के दो केंद्र बनते नजर आए। एक को पार्टी की बागडोर दी गई तो दूसरे को पार्टी का खेवनहार बनाया गया। जाहिर है टिकट वितरण में नये नेतृत्व की ही चलनी थी। यह उम्मीद तो थी कि पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के समर्थक टिकट न मिलने पर प्रलाप करेंगे। मगर यह उम्मीद न थी कि यह कड़वाहट सड़क पर आ जायेगी। अशोक तंवर द्वारा अपने समर्थकों के साथ पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन और सार्वजनिक तौर पर मोटी रकम लेकर टिकट बांटने का आरोप निश्चय ही पार्टी की साख को बट्टा लगाने वाला है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि पार्टियां टिकट देने में मोटा लेनदेन करती हैं, लेकिन इस बात की सार्वजनिक अभ...

बदल रहा है रेलवे

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विचार : रेलवे ने अपने ढांचे और सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त, स्मार्ट और प्रफेशनल बनाने में जुट गई है। रेलवे स्टेशनों को स्वच्छ और सुंदर बनाने की पहल के बाद यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्राइवेट ट्रेन की शुरुआत की गई है। स्टेशनों का हाल सुधारने के लिए रेलवे वर्ष 2016 से इनका थर्ड पार्टी से लेखा परीक्षण और स्वच्छता रैंकिंग करा रही है। इस बार के सर्वेक्षण में राजस्थान के तीन रेलवे स्टेशनों जयपुर, जोधपुर और दुर्गापुरा को शीर्ष स्थान मिला है। उपनगरीय स्टेशनों की श्रेणी में मुंबई के अंधेरी, विरार और नायगांव स्टेशन टॉप पोजिशन पर रहे। इस सर्वे की वजह से सभी स्टेशनों के अधिकारियों में एक स्वस्थ प्रतियोगिता चल रही है जिसका लाभ यात्रियों को मिल रहा है। जहां तक रेलयात्रियों को प्राइवेट सेक्टर की दक्षता का लाभ देने का सवाल है तो देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस पटरी पर दौडऩे लगी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली देश की इस पहली कॉरपोरेट ट्रेन में कई नए प्रयोग किए गए हैं। ट...

चेहरे को बेदाग बनाने में कारगर है एलोवेरा

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जीवनशैली : चेहरे के लिए एलोवेरा एक ऐसी औषधि है जो उसकी अच्छी तरह से देखभाल करता है. वहीं एलोवेरा का सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं. ये बालों के लिए भी रामबाण का काम करता है. दरअसल एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाकर त्वचा को ग्लोइंग और स्वस्थ बनाया जा सकता है. एलोवेरा स्किन के लिए नेचुरल मॉश्चराइजर का काम करता है. इसे त्वचा पर लगाने से त्वचा में नमी आती है. साथ ही त्वचा को पोषण भी मिलता है. हालांकि एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपको किसी प्रकार की स्किन एलर्जी न हो. अगर आप अपनी त्वचा में निखार लाना चाहते हैं तो इसके लिए एलोवेरा जेल का उपयोग करना बहुत सही है. ये आपके चेहरे से धूल-मिट्टी, डेड स्किन और गंदगी को साफ करने में काफी मददगार होता है. इससे आपकी स्किन ग्लो करने लगती है और आकर्षक भी दिखने लगती है. एंटी एजिंग गुण से भरपूर एलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी मौजूद होती है जो चेहरे से झुर्रियों को हटाने में मदद करता है. हर रोज एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करने से लंबे समय तक जवान और खूबसूरत दिखा जा सकता है. सनबर्न की समस्या से...

किशोर बच्चों को आज्ञाकारी बनाना जरूरी

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जीवनशैली : लाख समझाने के बाद भी बहुत से किशोर बच्चे अपने माता—पिता की बात नहीं मानते। सर्वविदित है कि टीनऐज में बॉडी में हॉर्मोनल बदलाव बहुत तेजी से होते हैं। ऐसे में बच्चों का मन ना तो बहुत देर तक शांत रहता है और साथ ही उन्हें मन एकाग्र करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह तो हुई शारीरिक बदलाव की बात, जिस कारण मन भी परेशान रहता है। अब बात करते हैं समाज की। दरअसल, यही वह उम्र होती है, जब बच्चा बाहर की दुनिया से जुडऩा और वहां अपनी जगह बनाना शुरू कर रहा होता है। ऐसे में उसे कई तरह के भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरना होता है और इस वक्त उसे आपके इमोशनल सपॉर्ट की बहुत जरूरत होती है। आप बच्चे को जो भी संस्कार देना चाहते हैं, उन्हें सिर्फ बच्चे को ऐसे ही न बताएं बल्कि उन संस्कारों को अपने जीवन में भी उतारें। बच्चों के साथ परिवार और करियर के मुद्दों पर बात करें। घर की आर्थिक स्थिति, पारिवारिक रिश्तों पर बात करें। इससे बच्चे की सोच-समझ विकसित होती है और उसमें घर के प्रति जिम्मेदारी का भाव आता है।

सेहत और सुंदरता से जुड़ीं कई समस्याओं में कारगर है लौकी के छिलके

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जीवनशैली : लौकी के छिलके में सेहत और सौन्दर्य समस्याओं से राहत देने वाले गुण मौजूद होते हैं, उन्हें जानने के बाद जब भी आप बाजार जाएंगे, लौकी जरूर खरीद कर लाएंगे। आइए, जानते हैं लौकी के छिलके में कौन से 3 औषधीय गुण होते हैं। लौकी के छिलके का प्रयोग धूप से झुलसी एवं काली हो चुकी त्वचा के लिए बेहद फायदमंद साबित हो सकता है। इसके लिए बस इन छिलकों का पेस्ट बनाना है, और त्वचा पर लगाकर रखना है और फिर धो लेना है। अधिक गर्मी के कारण त्वचा एवं पैर के तलवों में जलन होने लगती है, जिससे बचने के लिए लौकी के छिलकों का प्रयोग किया जा सकता है। इन छिलकों को त्वचा पर रगड़ने से राहत मिलती है। बवासीर या पाइल्स की समस्या होने पर भी लौकी के छिलके फायदेमंद है। इन छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें और इसे रोजाना ठंडे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें, जल्द फायदा होगा।

स्वच्छ और स्वस्थ भारत की यात्रा

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 विचार : स्वच्छ भारत अभियान के पांच साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को इसकी शुरुआत की थी। स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इससे जोड़ा गया और उन्हें सफाई को लेकर जागरूक किया गया। इन पांच वर्षों में साफ-सफाई का लक्ष्य शत-प्रतिशत भले न पूरा हुआ हो, मगर इसने जनमानस को झकझोरा जरूर है। स्वच्छता समाज के एजेंडे पर आ गई है। देश में स्वच्छता को लेकर बने माहौल का ही असर है कि आज गांवों में कई लड़कियों ने अपनी ससुराल में शौचालय बनाने पर जोर दिया और इसके लिए डटी रहीं। कुछ ने तो लड़के के यहां शौचालय न होने के कारण शादी करने से ही मना कर दिया। गांवों में लोग अब खुद आगे आकर शौचालय बनवा रहे हैं। शहरों को स्वच्छता की रैंकिंग देने से प्रशासनिक अमले में एक स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना पैदा हुई है। अपने-अपने शहर को बेहतर बनाने के लिए कई जगहों पर अधिकारियों में असाधारण सक्रियता देखी गई, जिसका सकारात्मक नतीजा निकला। कुछ शहर शुरुआत में पीछे आंके गए लेकिन अगले ही वर्ष वहां माहौल बदल गया और वे रैंकिंग में ऊपर आ गए। लेकिन स्वच्छता का लक्ष्य पूरा होने में अब भी कई ग...

दुर्गा पूजा के लिए पहनें बंगाली स्टाइल साड़ी

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जीवनशैली : बंगाली साड़ी की खूबी यह है कि यह बॉर्डर वाली साड़ी होती है। बेसिक और रोजमर्रा की साडिय़ा प्योर कॉटन या खादी में होती हैं जबकि त्योहार के अवसर पर पहनी जानेवाली साडिय़ां सिल्क और जरी में होती हैं। ऐसा पारंपरिक तौर पर होता था बाकि तो अब हर पैटर्न और फैब्रिक में आपको साडिय़ां मिल जाएंगी। लेकिन दुर्गा पूजा के लिए रेड बॉर्डर वाली साड़ी ही खरीदें। -पेटीकोट और ब्लाउज पहनने के बाद सबसे पहले साड़ी को अपनी कमर के चारों तरफ अच्छी तरह पेटीकोड में दबाते हुए ड्रेप कर लें। साड़ी आपको इस तरह दबानी है कि पहली प्लीट राइट से लेफ्ट की तरफ बने। -इस साड़ी में आपको नॉर्मल साड़ी से अलग और करीब तीन गुना बड़ी या चौड़ी प्लीट्स में बांधा जाता है। ताकि चलने में आसानी रहे। -इस हिसाब से इस साड़ी को बांधते समय दो से तीन चौड़ी प्लीट्स बनेंगी। आखिरी प्लीट ऐसे बनाएं कि साड़ी का बचा हुआ हिस्सा आपके लेफ्ट हैंड की तरफ मुड़े। - अब इस साड़ी के बचे हुए अनड्रेप हिस्से से पल्लू की प्लीट्स बनाएं और पल्लू को लूज छोड़ते हुए इसे कंधे पर सेफ्टी पिन की मदद से टक करें। - पल्लू का जो हिस्सा कंधे के पीछे की तरफ गया है, उसे ...

त्वचा निखारने में कारगर है आलू

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जीवनशैली : सब्जियों का राजा आलू आयरन, विटामिन सी और राइबोफ्लेविन से भऱपूर होता है। सेेहत के साथ आलू स्किन में भी फायदेंमंद है। — एक बड़ा चम्मच आलू का पेस्ट तैयार करें। इसमें एक बड़ा चम्मच दही मिलाएं। तैयार हुए पेस्ट को करीब आधे धंटे के लिए रख दें। अब चेहरे पर इस पेस्ट को लगाएं। यह आपकी स्किन को तरोताजा कर स्किन को टाइट करने में भी मदद करता है। — आधे आलू को छिलकर उसका रस निकाल लें और इसमें दो चम्मच कच्चा दूध मिला लें। इसे अच्छी तरह से मिक्‍स करके अपने चेहरे और गर्दन में कॉटन की मदद से लगा लें। फिर 20 मिनट के बाद इसे धो लें। ऐसा करने से आपके चेहरे पर फर्क दिखने लगेगा।

कच्चे पपीते का सेवन दूर भगाता है कब्ज और मधुमेह

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स्वास्थ्य : फल स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है, लेकिन कच्चा पपीता शरीर के लिए बहुत ज्यादा सेहतमंद है। इसे हमेशा खाने की आदत डाल लें तो पेट से संबन्धित सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं। कच्चे पपीते में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है। कच्चे पपीते का लगातार सेवन से वजन काम करने में भी मदद मिलती है। इसके सेवन से अगर आप मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हैं तो कच्चा पपीता खाइए। कच्चे पपीते का जूस पीने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है।

बड़ी गुणवान होती हैं ये तीन राशि वाली महिलाएं

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 ज्योतिष : सनातन धर्म में बहू को घर की लक्ष्मी माना गया है। हर लड़की की इच्छा होती है कि जब वह ससुराल में जायें तो उसकी हर ख्वाहिश पूरी हो। आज हम आपको कुछ ऐसी राशियों वाली लड़कियों के बारे में बता रहे हैं जो ससुराल में जाकर सबका दिल जीत लेती हैं और महारानी की तरह राज करती हैं। — तुला राशि की लड़कियां अपने पति की हर बात मानती हैं और यही खास कारण हैं कि उनका पति उनके सामने झुका रहता है। पति को बेहद प्यार करने वाली इन लडकियों की अदा पर पति फिदा होतेे हैं और वे सुसराल में राज करती हैं। — कन्या राशि वाली लड़कियां काफी भाग्यशाली होती है और ये स्वभाव से शांत प्रकार की होती है। ये अपने खुशमिजाज स्वभाव से पूरे घर में खुशियां फैला देती हैं। धनु राशि : इस राशि की महिलाएं परिवार के हर सदस्य का बहुत ख्याल रखती हैं, जिसके चलते यह हर किसी के दिल में जगह बना लेती हैं।

हलासन से महिलाओं की बैली फैट और थॉयरायड जैसी 7 समस्‍याओं से मिलेगा छुटकारा

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 जीवनशैली : योग का एक प्रकार है हलासन। इसे हलासन के नाम से इसलिए जाना जाता है क्‍योंकि इस आसन में शरीर का आकृति खेत में चलाने वाले हल के समान हो जाती है। इस आसन को करने से आपकी सेहत को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। लेकिन यह महिलाओं की हेल्‍थ संबंधी समस्याओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। हलासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर कमर के बल सीधा लेट जाएं। अब दोनों हाथों को थाई के पास जमीन पर रख लें। फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं। फिर हाथों को नीचे की ओर दबाएं और कमर को मोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे हल की तरह लगा दें।  फिर बिना सिर उठाए 2-3 मिनट बाद धीरे-धीरे वापस नॉर्मल पॉजिशन में आ जाएं। हलासन करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे आपको वजन कम करने में सहायता मिलती है। साथ ही रोजाना इस आसन को करने से बैली फैट भी कम होता है। रेगलुर हलासन करने से गर्दन, कंधे और पीठ की मसल्स मजबूत होती है। इसके अलावा यह आसन आपके एब्स के लिए भी अच्छा होता है। डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं के लिए हलासन किसी वरदान की तरह है। इसे रोजाना करने से ब्लड शुगर कं...

मेकअप से पहले फेशियल ऑइल से करें मसाज

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 जीवनशैली : मेकअप के बाद आपकी स्किन एकदम नेचुरल और ग्लोइंग दिखने के लिए मेकअप से पहले फेशियल ऑइल से अपने चेहरे की मसजा करें। इससे आपका चेहरा अच्छी तरह से मॉइश्चराइज्ड हो जाता है जिसके चलते मेकअप उठकर दिखता है। अगर आपकी स्किन ऑइल है तो आप मसाज करने के बजाय फाउंडेशन में फेशियल ऑइल की कुछ बूंदें मिलाकर इसे अप्लाई करें। फेस्टिव लुक के लिए आपकी लिपस्टिक का शेड डार्क होना चाहिए। क्योंकि आप आई मेकअप को हल्का कर रही हैं इसलिए भी आपको डार्क लिपस्टिक यूज करनी चाहिए। ब्राइट रेड, डार्क पिंक, मैरून, वाइन शेड और नारंगी लिपस्टिक फेस्टिव लुक में बहुत प्यारी लगती हैं। ध्यान रखें कि लिपस्टिक मैट ही लगाएं, ताकि ये सैट रहे और पसीना आने पर न निकले नहीं। चेहरे का असली बेस कन्टूरिंग ही होता है। अगर आपको पता न हो तो बता दें कि चेहरे को हाइलाइट करने को कंटूरिंग कहते हैं। इसे आप जितनी फिनिशनिंग देंगे चेहरा उतना ही ग्लो करेगा। लेकिन कन्टूरिंग करने से पहले आपको पता होना चाहिए आप किन हिस्सों को उभारना चाहती हैं। गलत कंटूरिंग से चेहरा अजीब लगने लगेगा। वैसे चीक बोंस और जॉ लाइन को हाईलाइट करने के लिए कन्टूर...

आजकल ट्रेंड में है लाइट लिपस्टिक और हैवी मस्कारा

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जीवनशैली : त्यौहारों का सीजन शुरू हो चुका है। एक के एक बाद एक त्यौहार आएंगे। वैसे तो हर कोई त्यौहार के आने से खुश होता है लेकिन महिलाओं को ज्यादा खुशी होती है। क्योंकि त्यौहारों में उन्हें सजने संवरने और तैयार होने का मौका मिलता है। आप चाहे कैसी भी ड्रेस पहनें, अगर उसमें मेकअप का तड़का लगा लिया जाए तो बात ही कुछ और हो जाती है। मेकअप तो हमेशा वही रहता है, बस उसे करने का तरीका बदल जाता है। आजकल नए तरह का मेकअप ट्रेंड में है। आजकल ड्रेस से मैचिंग आईशैडो लगाने का फैशन पुराना हो चुका है। इसके बजाय हैवी मस्कारा और फेक लैशेज का इस्तेमाल करें। ये आपके लुक को नेचुरल दिखाने के साथ ही आपको एलीगेंट लुक भी देगा। अगर आप चाहें तो सिंगल लाइन लाइनर के अलावा विंग लाइनर भी लगा सकती हैं।

मनुष्य को हर परिस्थिति में प्रसन्न रहना चाहिए

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बोधकथा : महाभारत के आदिपर्व में लिखा है कि- दु:खैर्न तप्येन्न सुखै: प्रह्रष्येत् समेन वर्तेत सदैव धीर:। दिष्टं बलीय इति मन्यमानो न संज्वरेन्नापि ह्रष्येत् कथंचित्।। भावार्थ : हमें बुरे समय में यानी कठिनाइयों से दुखी नहीं होना चाहिए। जब सुख के दिन हों तब हम बहुत ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए। सुख हो या दुख, हमें हर हाल में प्रसन्न रहना चाहिए। दुख और सुख के लिए समभाव रहना चाहिए। जो लोग इस नीति का पालन करते हैं, उनका जीवन सफल हो सकता है। एक बार की बात है—एक आश्रम में किसी व्यक्ति ने गाय का दान किया। शिष्य बहुत खुश हुआ। उसने अपने गुरु को ये बात बताई तो गुरु ने कहा कि चलो अच्छा अब हमें रोज ताजा दूध मिलेगा। कुछ दिन तक तो गुरु-शिष्य को रोज ताजा दूध मिला, लेकिन एक दिन वह दानी व्यक्ति आश्रम में आया और अपनी गाय वापस ले गया। ये देखकर शिष्य दुखी हो गया। उसने गुरु से दुखी होते हुए कहा कि गुरुजी वह व्यक्ति गाय को वापस ले गया है। गुरु ने कहा कि चलो अच्छा है, अब गाय का गोबर और गंदगी साफ नहीं करना पड़ेगी। ये सुनकर शिष्य ने पूछा कि गुरुजी आपको इस बात से दुख नहीं हुआ कि अब हमें ताजा दूध नहीं मिलेगा। गुर...

जवां रहना है तो पीएं जूस

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पपीते का जूस : पपाया जूस पीने से आपकी आंखों के चारों तरफ उभर आए काले घेरे बस चंद दिनों में गायब हो सकते हैं। जूस पीते वक्त इसके कॉटन की मदद से थोड़ा-सा उन डार्क सर्कल्स पर लगा भी लें। फिर देखें इसका असर। हर रोज पपाया जूस पीने से पिग्मेंटेशन, डार्क सर्कल और ब्लैकनेस की दिक्कत दूर होती है। आपकी स्किन नॉर्मल हो या ड्राई यह जूस बहुत प्रभावशाली है आपकी त्वचा की चमक बढ़ाने में। ऑरेंज जूस : विटमिन सी से भरपूर होने के कारण ऑरेंज जूस स्किन का ग्लो बढ़ाने में सबसे अधिक कारगर है। क्योंकि विटमिन सी स्किन टोन को लाइट करने का काम करता है। ऑरेंज के अलावा भी जैसे आंवला या मौसमी का जूस भी आप पी सकते हैं क्योंकि ये भी विटमिन सी का अच्छा सॉर्स हैं। अंगूर का जूस : अंगूर के जूस में विटमिन सी और विटमिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी स्किन फ्लॉलेस रहे और सूदिंग भी तो आपको ग्रेप्स जूस का नियमित सेवन करना चाहिए। यह पिग्मेंटेशन और डार्क पैचेज को दूर करने में मददगार है। अनानास का जूस : अनानास का जूस सबसे बेहतर होता है स्वास्थ्य के लिहाज से भी और स्वादिष्ट के लिहाज से भी। अनानास क...