उपद्रवियों व दंगाई पर और सख्त कार्रवाई की जरूरत
विचार। बीते 3 जून को हुई हिंसा के बाद कानपुर शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। पुलिस प्रशासन ने आगामी त्योहारों को देखते हुए कानपुर में धारा 144 लागू रखने का फैसला लिया। यह फैसला जुमे की नमाज से ठीक एक दिन पहले लिया गया है। इस दौरान शहर में सभी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। जेपीसी आनंद प्रकाश तिवारी ने इसका आदेश जारी किया है। इस दौरान पुलिस की टीमें हाई अलर्ट पर भी रहेंगी। वहीं कानपुर में बवाल और हिंसा के आरोपियों की रिमांड पर आज सुनवाई हुई। मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी सहित अन्य की रिमांड पर आज कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट हयात और उसके साथियों की रिमांड पर कल फिर से बहस के बाद फैसला देगा। कोर्ट ने शुक्रवार को चारों आरोपितों को तलब किया है। उधर, आजकल उत्तर प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं घटित हो रही है जिनसे प्रदेश का वातावरण चल रहा है अशांत हो सकता है लेकिन प्रदेश का पुलिस महकमा बहुत ही सतर्क है जिसके कारण अपराधी व दंगाई डर रहे हैं। राष्ट्रपति कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कानपुर यात्रा के दौरान उपद्रवियों ने कानपुर को दंगों की आग में झोकने की नाकाम कोशिश की थी। कानपुर के दंगाई यह भूल गये थे कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर बाबा जी की सरकार है। अराजक तत्वों ने अपना रंग दिखाया और परिणाम सबके सामने है। कानपुर के दंगाई का पूरा हिसाब लिया जा रहा हैं। शहर में उपद्रवियों के पोस्टर चिपका दिये गये हैं। अब तक कानपुर उपद्रव के मास्टर माइंड सहित 50 से अधिक लोग हिरासत में लिये जा चुके हैं तथा सबसे बड़ी बात यह है कि पोस्टर चिपक जाने के बाद कुछ अपराधियों में दहशत है और कुछ लोग थाने में अपने आप सरेंडर करने पहुंच रहे हैं। अवैध संपत्तियों की भी जांच की जा रही है और उन पर बुलडोजर चलने की तैयारी पूरी कर ली गयी है। कानपुर हिंसा में पीएफआई का नाम आया है और सरकार उस पर भी कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। पीएफआई व कानपुर के कुछ मौलानाओं ने सरकार को धमकियां भी जारी की हैं लेकिन फिलहाल बाबाजी की सरकार दबाव मे काम नहीं करती है। कानपुर के उपद्रवियों को कानून के दायरे में लाया जायेगा और सजा दिलायी जायेगी। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लखनऊ, अयोध्या, उन्नाव सहित कई जिलों के कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी गयी थी लेकिन उसके आरोपी तमिलनाडु निवासी राज मोहम्मद को उत्तर प्रदेश पुलिस 24 घंटे में ही तमिलनाडु से पकड़ने में सफल हो गयी है। इसी प्रकार जेल में बंद कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की खातिरदारी करने वाले डिप्टी जेलर समेत 5 पुलिसकिर्मयों को निलंबित कर सरकार ने अपने तेवर दिखा दिये हैं कि सरकार फिलहाल माफियाओं व उनके प्रति सहानुभूति रखने वाले लोगों को कोई रियायत देने के पक्ष में है। सरकार की अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति में कोई परिवर्तन नहीं आया है। बता दें कि कानपुर हिंसा के बाद नई सड़क की लगभग 100 अवैध इमारतों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है। सबसे पहले उन 15 बिल्डिंगों की सूची तैयार की गई है जिन्हें केडीए ने सील कर दिया था मगर सील तोड़ दी गई। ऐसे लोगों के खिलाफ केडीए एफआईआर भी दर्ज कराएगा। जिलाधिकारी ने केडीए वीसी से बात करके कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बीते 3 जून को जब उपद्रव हुआ था तो अवैध रूप से 50 से 100 वर्गमीटर क्षेत्रफल में 6-7 मंजिला बनाई गईं इमारतों से भी पथराव किया गया था। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने ऐसी इमारतें चिह्नित कर केडीए को सूचना भेज दी है। भाजपा सरकार की इतनी सख्ती के बावजूद दंगाई उप्र में शांति व्यवस्था भड़काने की ताक में रहते हैं। ऐसे उपद्रवियों और दंगाई पर और सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
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