सरदार वल्लभ भाई पटेल से अंग्रेज ने मांगी माफी
प्रेरक कथा : असेंबली के कार्य निपटाने के बाद वे घर के लिए निकल रहे थे सरदार वल्लभ भाई पटेल कि एक अंग्रेज दम्पति, भारत भ्रमण के लिए आया था, वहां आ पंहुचा। उस दम्पति ने पटेल की सादी वेशभूषा और बढ़ी हुई दाढ़ी देखी तो उन्हें वहां का चपरासी समझ लिया और उनसे असेंबली घुमाने के लिए कहा। विनम्रता से उनका आग्रह स्वीकार करते हुए सरदार पटेल ने दम्पति को पूरी असेंबली का भ्रमण कराया। दम्पत्ति उनसे खुश होकर लौटते वक्त उन्हें एक रुपया बख्शीश में देना चाहा, लेकिन सरदार पटेल ने विनम्रतापूर्वक बख्शीश लेने से मना कर दिया। अंग्रेज दम्पति उस वक्त तो वहाँ से चला गया। लेकिन दूसरे दिन फिर असेंबली में आया तो सभापति की कुर्सी पर बढ़ी हुई दाढ़ी तथा सादे वस्त्रों वाले व्यक्ति को देखकर हैरान रह गया। मन ही मन उसने अपनी भूल का पश्चाताप किया और अपनी शर्मिंदगी की बाबत सरदार को भी बताया। क्षमा मांगी कि जिसे वह चपरासी समझ रहा थे वह लेजिस्लेटिव ऐसेंबली का अध्यक्ष निकला।
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