महिलाओं के लिये विशेष फलदायी है सोमवती अमावस्या
ज्योतिष : शास्त्र के अनुसार सनातन धर्म में अमावस्या व पूूर्णिमा खास महत्व है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या आती है और यदि यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़े तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। 12 अप्रैल 2021 को महिलाओं के अखण्ड सौभाग्य का व्रत है। इस दिन अमावस्या तिथि सूर्योदय से लेकर सुबह 7 बजे तक रहेगी। विष्णु की पूजा और पीपल के वृक्ष की 251 या 108 परिक्रमा करने वाली स्त्रियों को परम सौभाग्य मिलता है। सोमवती अमावस्या के दिन किए गए दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है। इस वर्ष यानि 2021 में सोमवती अमावस्या के दिन वैधृति व विष्कंभ योग बन रहा है। सर्वविदित है कि 2021 में सिर्फ एक ही सोमवती अमावस्या पड़ रही है। सोमवती अमावस्या के दिन वैधृति योग दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद विष्कुम्भ योग लग जाएगा। जबकि इस दिन रेवती नक्षत्र सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगा, उसके बाद अश्विनी नक्षत्र लगेगा। चंद्रमा सुबह 11 बजकर 30 मिनट कर मीन राशि, उसके बाद मेष पर संचार करेगा। सूर्य मीन राशि में रहेंगे। विष्कुम्भ योग को विष से भरा हुआ घड़ा माना जाता है इसीलिए इसका नाम विष्कुम्भ योग है। जिस तरह से विष का सेवन करने पर सारे शरीर में धीरे-धीरे विष भर जाता है वैसे ही इस योग में किया गया कोई भी कार्य विष के समान होता है। यानी इस योग में किए गए कार्य का फल अशुभ होता है। वहीं वैधृति योग में यात्रा आदि वर्जित बताया गया है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें