सतुआ संक्रान्ति के दिन करें सत्तूू का सेवन
ज्योतिष : सत्तू संक्रांति 14 अप्रैल को है। दो पर्व ऐसे हैं जो 14 तारीख को प्राय: पड़ते हैं— एक तो है मकर संक्रान्ति खिचड़ी और दूसरा है मेष संक्रांति यानि कि सत्तू संक्रान्ति। मेष संक्रान्ति के दिन सूर्य मीन से मेष राशि में जाते हैं। सत्तू संक्रांति देश के कोने कोने में कई नामों से प्रचलित है। मेष संक्रांति को पंजाब में वैशाख, तमिलनाडु में पुथांदु, बिहार में सतुआनी, पश्चिम बंगाल में पोइला बैसाख एवं ओडिशा में पना संक्रांति के नाम से जाना जाता है। उत्तर भारत के लोग सत्तू संक्रान्ति हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। 14 अप्रैल, 2021 को सुबह 5 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 22 मिनट तक शुभ मुहुर्त है।
संक्रान्ति के दिन प्रात: यानि कि सूूर्योदय के समय स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए, बहुुत ही लाभकारी होता है। चूंकि इस दिन खरमास का समापन हो रहा है, इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करनेे सेे मनवांछित फल मिलते हैं, भगवान सत्यनारायण को सत्तूू का भोग लगाना अति लाभकारी रहेेगा। सत्तू संक्रांति के दिन सभी को सत्तू का सेवन जरूर करना चाहिए।
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