उत्तराखंड के केदारनाथ में वर्षों बाद खिला दुर्लभ नीलकमल

जानकारी। उत्तराखंड के वासुकीताल कुंड से लेकर करीब 3 किमी क्षेत्र में कई सालों बाद नीलकमल के फूल खिले हैं। इस फूल का खिलना एक चमत्कार ही है क्योंकि यह अति दुर्लभ फूल है और यह सालों में एक बार ही खिलता है। यह भी माना जा रहा है कि लाकडॉउन के चलते जब हिमालय क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर कम हुआ तो वहां की प्रकृति ने भी सांस लेना शुरू कर दिया है। हिमालय क्षेत्र में 4 प्रकार के कमल के फूल मिलते हैं-नीलकमल, ब्रह्मकमल, फेन कमल और कस्तूरा कमल। सनातन धर्म के अनुसार कमल के फूल की उत्पत्ति भगवान विष्णुजी की नाभि से हुई है और कमल के फूल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति मानी जाती है। कमल के पुष्प को ब्रह्मा, लक्ष्मी तथा सरस्वती जी ने अपना आसन बनाया है। कमल का फूल नीला, गुलाबी और सफेद रंग का होता है। कुमुदनी और उत्पल (नीलकमल) यह कमल के ही प्रकार हैं। इसके पत्तों और रंगों में भिन्नता रहती है। नीलकमल को भगवान विष्णु का प्रिय पुष्प माना जाता है। इस फूल का वानस्पतिक नाम नेयम्फयस नॉचलि या जेनशियाना फाइटोकेलिक्स है। यह नीले रंग का होता है।यह एशिया के दक्षिणी और पूर्वी भाग का देशज पादप है तथा श्रीलंका एवं बांग्लादेश का राष्ट्रीय पुष्प है। फेन कमल, कस्तूरा कमल और ब्रह्मकमल तो आसानी से दिख जाते हैं, लेकिन नीलकमल काफी दुर्लभ है। इसका खिलना एक चमत्कार ही माना जाता है।
ब्रह्मकमल भगवान शिव का सबसे प्रिय पुष्प है। केदारनाथ और बद्रीनाथ के मंदिरों में ब्रह्म कमल ही प्रतिमाओं पर चढ़ाए जाते हैं। ब्रह्म कमल का फूल वर्ष में एक बार ही अगस्त और सितंबर के बीच ही खिलता है। ब्रह्म कमल खासकर उत्तराखंड राज्य का पुष्प है। यहां पर इनके पुष्पों की खेती भी होती है। साल में एक बार खिलने वाले गुल बकावली को भी कई बार भ्रमवश ब्रह्मकमल मान लिया जाता है। इस फूल के लगभग 174 फार्मुलेशनस पाए गए हैं। वनस्पति विज्ञानियों ने इस दुर्लभ-मादक फूल की 31 प्रजातियां पाई जाती हैं। सभी कमल पानी में ही उगते हैं या खिलते हैं, परंतु ब्रह्म कमल को गमले में भी उगा सकते हैं।

फेन या फैन कमल का वानस्पतिक नाम है सौसुरिया सिम्पसोनीटा और यह बैंगनी रंग का होता है। हिमालयी क्षेत्र में लगभग 5600 मीटर तक की ऊंचाई पर जुलाई से सितंबर के बीच खिलता है। इसका पौधा 6 से 15 सेमी तक ऊंचा होता है। यह फूल प्राकृतिक ऊन की भांति तंतुओं से ढका रहता है।
कस्तूरा कमल बर्फ की तरह सफेद होता है। इसका वानस्पतिक नाम सौसुरिया गॉसिपिफोरा है। यह भी फेन कमल की प्रजाति में ही आता है।
नीलकमल एशिया के दक्षिणी और पूर्वी भाग का देशज पादप हैं और श्रीलंका व बांग्लादेश का राष्ट्रीय पुष्प है। समस्त फूलों में सबसे बढ़कर होता है नीलकमल।


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