कार्तिक का महीना शुरू, करेला और बैंगन वर्जित


जीवनशैली : कार्तिक का महीना 1 नवम्बर 2020 से शुरू हो गया है। कार्तिक महीने में बैंगन और करेला इन दोनों सब्जियों को खाना भी शास्त्र में वर्जित बताया गया है। कार्तिक महीने में इन दोनों सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह भी है कि कार्तिक का महीना साधन और संयम धारण करने का महीना है। बैंगन काम और उत्तेजना बढ़ाने का काम करता है इसलिए इस महीने में बैंगन खाना अच्छा नहीं माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से बैंगन पित्त दोष को बढ़ाने का काम करता है जबकि करेला वायु दोष को इसलिए इनसे परहेज रखने के लिए कहा गया है। वहीं कार्तिक का महीना महापुण्यदायी महीना कहा गया है। इस महीने में जो व्यक्ति नियमित सूर्योदय पूर्व स्नान करता है वह दूध से स्नान करने का फल पाता है और शरीर निरोग रहता है। 


 पुष्कर पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति कार्तिक मास में सुबह शाम भगवान विष्णु के समक्ष तिल के तेल से दीप जलाकर भगवान विष्णु का पूजन करता है वह अतुल धन लक्ष्मी को पाता है। ऐसे लोग अपने पुण्य कर्मों से स्वर्ग में स्थान पाते हैं और अगले जन्म में धनवानों के घर में पैदा होते हैं। वहीं पद्म पुराण में बताया गया है कि देवी रुक्मिणी पूर्वजन्म में विधवा ब्राह्मणी थीं। गंगा तट पर रहते हुए वह कार्तिक मास का व्रत निमयपूर्वक किया करती थीं। एक बार इसी व्रत के दौरान इन्होंने ठंड से शरीर त्याग दिया। मृत्यु के बाद इन्हें उत्तम लोक में स्थान प्राप्त हुआ और जब भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में अवतार लिया तब इन्हें भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी बनने का सौभाग्य मिला।

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