15 मई को वृष राशि में पहुंचेंगे सूर्य, बढ़ेगी तपिश
ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार वृष राशि में सूर्य का परिवर्तन 15 मई 2022 को होगा। 15 मई को प्रात: 5:44 बजे सूर्य का मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर होगा। मेष राशि से वृष राशि में सूर्य का संक्रमण वृषभ संक्रांति कहलाता है। वृषभ संक्रांति का पुण्य काल सिर्फ 14 मिनट का होगा, जो सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इस दिन महापुण्य काल की अवधि भी इसी समय होगी। सूर्य की एक संक्रांति या सूर्य एक राशि में करीब 30 दिनों तक रहता है, उसके बाद दूसरी राशि में प्रवेश करता है। ऐसे में 15 मई को वृषभ राशि में गोचर करने के बाद 15 जून 2022 तक इस राशि में सूर्य विद्यमान रहेगा। उसके बाद वह मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, तब सूर्य की मिथुन संक्रांति होगी। वहीं वृषभ संक्रांति ज्येष्ठ माह की शुरुआत को भी दर्शाती है। इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आते हैं और नौ दिनों तक गर्मी बढ़ाते हैं, जिसे नवतपा कहा जाता है। वृषभ संक्रांति में ग्रीष्म ऋतु अपने चरम पर रहती है। वृषभ संक्राति पर दान पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन गोदान को विशेष माना जाता है। बिना दान वृषभ संक्रांति की पूजा अधूरी मानी जाती है। वृषभ संक्रांति पर किसी ब्राह्मण को पानी से भरा घड़ा दान किया जाए तो इससे विशेष पुण्य मिलता है। वृषभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। वृषभ संक्रांति में व्रत रखने वाले को रात्रि में जमीन पर शयन करना होता है। वृष संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य देने और अन्न-जल के दान से उम्र बढ़ती है और बीमारियां दूरी होती है
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