अब पहले जैसी नहीं हो रही है पत्रकारिता : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू
नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायूड ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया को लेकर अपने विचार रखे। उनका कहना था कि आज के दौर में सनसनीखेज खबरों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है, लेकिन इन खबरों में संवेदनाएं नहीं होती हैं। उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उप राष्ट्रपति का यह भी कहना था कि आजकल कुछ बिजनेस समूहों, राजनीतिक दलों अथवा कुछ लोगों द्वारा अपने हितों के लिए चैनल व अखबार स्थापित किए जा रहे हैं। ऐसे में पत्रकारिका के मूल मूल्य नष्ट हो रहे हैं। पहले के दौर में खबर का मतलब सिर्फ खबर होता था। इनमें किसी तरह की मिलावट अथवा गलत व्याख्या नहीं होती थी। अब न्यूज और व्यूज आपस में मिलाए जा रहे हैं, यह सबसे बड़ी समस्या हो गई है।
उपराष्ट्रपति का यह भी कहना था कि यदि आप मुझसे पूछें कि क्या राजनीति दलों को अपना अखबार शुरू करने का अधिकार नहीं है तो मेरा मानना है कि उन्हें बिल्कुल यह अधिकार है, लेकिन यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि इस अखबार को किस राजनीतिक दल द्वारा संचालित किया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति का यह भी कहना था कि यदि आप मुझसे पूछें कि क्या राजनीति दलों को अपना अखबार शुरू करने का अधिकार नहीं है तो मेरा मानना है कि उन्हें बिल्कुल यह अधिकार है, लेकिन यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि इस अखबार को किस राजनीतिक दल द्वारा संचालित किया जा रहा है।
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