प्रयागराज के संगम तट पर साइबेरियन पक्षियाें का कौतूहल

माघ मेले से पहले ठण्ड शुरू होते ही साइबेरियन पक्षी प्रयागराज में क्रीड़ा करते हुए बिताते हैं और गर्मी शुरू होते ही अपने वतन को लौटना शुरू कर देते हैं। ये मेहमान पक्षी स्वीटजरलैंड, साइबेरिया, जापान, और रूस समेत विश्व के अन्य ठंडे देशों से सर्दियों में संगम की ओर कूच करते हैं और गर्मी शुरू होने पर अपने वतन लौट जाते हैं।

प्रयागराज : पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम तट साइबेरियन पक्षियों के कलरव से एक बार फिर सुहावना हो गया है। सर्दी शुरू होते ही संगम तट पर प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया। संगम में विदेशी मेहमानों के कलरव और अठखेलियों को देखकर पर्यटक आनन्द की अनुभूति होती है। सात समंदर पार से आने वाले साइबेरियन पक्षियों को घाटों पर देखकर सैलानियों को काफी सुकून मिलता है। सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संगम तट पर भीड़ लगी रहती है। शाम ढलते यहां का नजारा देखते ही बनता है। वहीं प्रयागराज में गंगा की लहरों पर इनकी अठखेलियां देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी यहां पहुंचे हैं।
एक तरफ ये पक्षी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपनी खूबसूरती से संगम की शोभा बढ़ा रहे हैं। लोग घंटों तक घाट पर बैठकर गंगा में अठखेलियां करते इन विदेशी पक्षियों को निहारते रहते हैं। इतना ही नहीं, लोग इनकी मेहमान नवाजी में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कोई इन्हें बेसन से बने सेव तो कोई पपड़ी खिलाता है तो वहीं, ये पक्षी भी बहुत चाव से खाते हैं। नाव चलाने वाले मल्लाह दीपक, राम बरन और महादेव बताते हैं कि साइबेरियन पक्षियों को देखने के लिए दूर-दराज से लोग यहां आते हैं। वो नाव पर बैठकर नदी की सैर करते हैं और पक्षियों को दाना भी खिलाते हैं।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वृष राशि वालों के लिए बेहद शुभ है नवम्बर 2020

26 नवम्बर 2020 को है देवउठनी एकादशी, शुरू होंगे शुभ कार्य

15 मई से सूर्य मेष से वृषभ राशि में जाएंगे, जानें किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा