संदेश

अप्रैल, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक हजार 75 साल बाद एक सीध में होंगे शुक्र, बृहस्पति, मंगल और शनि

चित्र
ज्योतिष। भारतीय समयानुसार, सूर्यग्रहण 30 अप्रैल की रात 12 बजकर 15 बजे से शुरू होगा और 1 मई की सुबह 4 बजकर 8 बजे ग्रहण खत्म हो जाएगा। इस दौरान शुक्र, बृहस्पति, मंगल और शनि एक कतार में दिखेंगे। टेलिस्कोप के जरिए यह साफ दिखाई देगा। बता दें कि शुक्र और बृहस्पति का करीब आना व मंगल और शनि का कतारबद्ध होना एक सत्य घटना नहीं है, यह मात्र पृथ्वी से दिखने वाली स्थिति है। असलियत में शुक्र और बृहस्पति एक-दूसरे से लगभग 43 करोड़ मील की दूरी पर हैं। इससे पहले चारों ग्रहों के एक कतार में आने की घटना तकरीबन 1,075 साल पहले 947 ईस्वी में हुई थी। दरअसल, यह खगोलीय स्थिति इसीलिए पैदा हो रही है कि सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी अपनी कक्षा में लगातार घूम रही है और इस कारण से महीने-दर-महीने इससे दूसरे ग्रहों की स्थिति बदल रही है। 1 मई 2022 के बाद शुक्र और जुपिटर एक-दूसरे से दूर होते नजर आएंगे। इनके संयोजन का अगला नजारा अब साल 2039 में देखने मिलेगा।

शनि अमावस्या व सूर्यग्रहण के साथ त्रिग्राही युति का दुर्लभ संयोग

चित्र
ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार 30 अप्रैल 2022 को बैशाख अमावस्या है। चूंकि यह अमावस्या शनिवार को दिन पड़ रही है इसलिये इसे शनीचरी अमावस्या कहा जाता है। शनि अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण भी लग रहा है और त्रिग्राही युति का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है, जो अति शुभदायी है। मेष राशि में सूर्य, चंद्र और राहु की युति से त्रिग्राही योग भी बनेगा जो अत्यन्त दुर्लभ है। राहु और चंद्रमा की युति का असर जिन व्यक्तियों पर होता है वे अगर घर से दूर रहते है तो उन्हें अधिक सफलता मिलती है। सूर्य और राहु की युति से सूर्य ग्रहण लगता है। हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में दृश्य नहीं है इसलिये यहां सूतक मान्य नहीं होगा। बैशाख माह की अमावस्या तिथि 29 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 57 मिनट से प्रारम्भ होगी, जो 30 अप्रैल 2022 की देर रात 1 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। इसके अलावा 30 अप्रैल, शनिवार को सुबह प्रीति योग रहेगा, जो कि शाम 3 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। प्रीति योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति विषयों को जानने वाला, जिन्दादिल और किसी भी काम को उत्साह पूर्वक करने वाला होता है। प्रीती योग में जन्में लोग विपरीत लिंग वाले व्यक...

स्मार्टफोन व सोशल मीडिया से फायदे कम, नुकसान अधिक

चित्र
विचार। आजकल मोबाइल जीवन का अहम हिस्सा बन गया है और होना भी चाहिए, लेकिन स्मार्ट फोन का उपयोग उतना ही करना चाहिए, जितनी जरूरत है। स्मार्ट फोन ही नहीं बल्कि वह हर वस्तु का उतना ही उपयोग करें, जितने में आप का काम चल जाये। इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के चलते लोगों की जीवनशैली बदल गयी है, जिसके कारण आये दिन नई-नई मानसिक और शारीरिक समस्याएं लोगों में नजर आने लगी हैं। विशेषज्ञ के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अधिकाधिक प्रयोग के कारण लोगों में मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। मोबाइल पर अधिक समय देने के कारण नींद की कमी, मोटापा, नेत्र सम्बन्धी समस्याएं और मस्कुलोकेलेटन जैसी समस्यायें हो रही हैं। इसके अलावा अत्याधिक इंटरनेट के उपयोग के कारण मानसिक विकारों जैसे अवसाद, चिंता, नकारात्मक जीवन की घटनाओं, भावनात्मक अस्थिरता, निराशा और असहनशीलता आदि देखने को मिल रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया बच्चों में गुस्से और तनाव का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। सोशल मीडिया के दुष्परिणाम के रूप में विकृत मानसिकता उभर कर सामने आ रही हैं। इससे अपराध भी बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया से साइबर बुलिंग, हैकिंग, हेट स्पीच, डेटा चोर...

तीस साल बाद तीन राशियों में होगा बड़ा बदलाव

चित्र
ज्योतिष। 29 अप्रैल 2022 को न्याय के देवता शनिदेव भी अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। बता दें कि शनिदेव कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। कुंभ शनिदेव की स्वराशि मानी जाती है। कुंभ लग्न एवं कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव शुभ फल ही प्रदान करते हैं क्योंकि व्यय के कारक होने के साथ-साथ लग्न के भी कारक ग्रह हैं ऐसे में शुभ फल ही प्रदान करेंगे। शनि देव अपनी दूसरी राशि कुंभ में गोचरीय संचरण करते हुए अपने प्रभाव में संपूर्णता प्रदान करेंगे। शनिग्रह बहुत ही धीमी चाल से भ्रमण करते हैं। और इन्हें एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने में  30 माह का समय लग जाता है। उस लिहाज से शनि अपनी ही राशि कुंभ में 30 साल बाद गोचर करने जा रहे हैं। शनिदेव को न्ययाधीश का पद मिला हुआ है। मेष राशि: 29 अप्रैल से मेष राशि के जातकों के अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं। शनि ग्रह दशम भाव के स्वामी माने जाते हैं, इसलिए इस समय करियर में अच्छी उन्नती मिलने की संभावना है। नई नौकरी का मौका मिल सकता है। साथ ही, कोई यात्रा कर सकते हैं। इस दौरान धन की प्राप्ति होगी। वृष राशि : शनि ग्रह इस राशि के दशम स्थान पर गोचर करेंगे। ...

स्वच्छ भारत मिशन में उत्तर प्रदेश अव्वल

चित्र
विचार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाकर हर स्तर पर स्वच्छता का आह्वान किया था। स्वच्छ प्रदेश, स्वस्थ प्रदेश के नारे के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में चलाये गये स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश देश के अन्य प्रदेशों से अग्रणी है। प्रदेश के गाँव-गाँव में सफाई अभियान चलाकर स्वच्छता की धरोहर को बनाये रखा जा रहा है। स्वच्छता आमजन की गरिमा और स्वास्थ्य का आधार है। स्वच्छता से होने वाले विभिन्न संक्रामक रोगों से छुटकारा मिल जाता है। प्रदेश के गांवों, नगरों की नालों, नालियों, गन्दगी की सफाई से पनपने वाले डेंगू, मलेरिया, येलो बुखार, इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया, जेई फाइलेरिया आदि संक्रामक रोगों के मच्छरों का सफाया हो रहा है। प्रदेश सरकार ने गांवों में बाहर शौच करने से होने वाली गंदगी को पूर्णत: खत्म कर दिया है। आज हर घर में स्वच्छ शौचालय निर्मित हो गये हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार ने स्वच्छ परिवेश देकर आमजनता को स्वस्थ बनाया हैै। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गॉवों, नगरों में बनाये जा रहे शौचालयों ...

स्वस्थ और सुंदर जीवन के लिए योग बेहद जरूरी

चित्र
जानकारी। योग मुख्य रूप से एक आध्यात्मिक अनुशासन है, कला के साथ-साथ एक विज्ञान भी है योग। क्योंकि यह शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए व्यावहारिक तरीके प्रदान करता है। मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। योग, व्यायाम से मन और मस्तिष्क में स्फूर्ति बनी रहती है। योग व्यक्ति को संतुलन बनाने और स्थिर रखने में मदद करता है। इसलिए सफल, शक्तिशाली, स्वस्थ और सुंदर जीवन के लिए योग बेहद आवश्यक है। हर व्यक्ति को नियमित रूप से सुबह सूर्य नमस्कार का अभ्यास जरूर करना चाहिए ताकि शरीर और मन स्वस्थ हो। ध्यान रहे योग व व्यायाम की शुरुआत धीरे—धीरे शुरू करना चाहिए। यदि विशेषज्ञ के देखरेख में योग शुरू किया जाये तो अति उत्तम रहेगा। योग से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है। वजन कम होता है। बाल स्वस्थ और मजबूत होते हैं। शरीर में लचीलापन आता है और शरीर एकदम फिट रहता है। वहीं भस्त्रिका, अनुलोम—विलोम, खंड प्राणायाम और कपालभाति प्राणायाम का हर रोज अभ्यास स्वास्थ्य के लिए बहुत बढ़िया टॉनिक है, ये शरीर के सभी अंगों और हार्मोन के स्तर को संतुलित रखता है।

'जल्द पूरा होगा अखंड भारत का सपना'

चित्र
विचार। उत्तराखंड के हरिद्वार में बीते 14 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संरसंघचालक मोहन भागवत ने बौद्धिक चर्चा के दौरान बड़ा ही अहम मुद्दा उठाया, जिसे न तो कोई नेता ऐसे मुद्दे उठाना चाह रहा है और न ही जनता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हरिद्वार में कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है, इतना ही नहीं उन्होंने कहा, वैसे तो 20 से 25 साल में भारत अखंड भारत होगा, लेकिन अगर हम थोड़ा सा प्रयास करेंगे, तो स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत 10 से 15 साल में ही बन जाएगा, इसे कोई रोकने वाला नहीं है, जो इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे। जिस प्रकार भगवान कृष्ण की उंगली से गोवर्धन पर्वत उठ गया था, उसी तरह संतों के आशीर्वाद से भारत फिर से अखंड भारत जल्द बनेगा। भारत उत्थान की पटरी पर आगे बढ़ चला है, भारत अब उत्थान के बिना रुकने वाला नहीं है। भारत उत्थान की पटरी पर सरपट दौड़ रहा है सीटी बजा रहा है, विरोधी साथ आ जायें या फिर रास्ते से हट जायें। जो तथाकथित लोग सनातन धर्म का विरोध करते हैं, उनका भी उसमें सहयोग है, यदि वह विरोध न करते तो हिंदू जाग...

सम्पूर्ण राष्ट्र के प्रति आत्मीयता का भाव

चित्र
अमृतवचन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर उपाख्य गुरुजी ने कहा है कि छोटी-छोटी बातों को नित्य ध्यान रखें बूंद–बूंद मिलकर ही बड़ा जलाशय बनता है। एक–एक त्रुटि मिलकर ही बड़ी बड़ी गलतियां होती है। इसलिए संघ की शाखाओं में जो शिक्षा मिलती है उसके किसी भी अंश को नगण्य अथवा कम महत्व का नहीं मानना चाहिए। सम्पूर्ण राष्ट्र के प्रति आत्मीयता का भाव केवल शब्दों में रहने से क्या काम नहीं चलेगा। आत्मीयता को प्रत्यक्ष अनुभूति होना आवश्यक है समाज के सुख-दुख यदि हमें छु पाते हैं तो यही मानना चाहिए कि यह अनुभूति का कोई अंश हमें भी प्राप्त हुआ है। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के प्रति सम्पूर्ण समर्पण भाव और प्रबल आत्मसंयम होने के कारण से 1939 में माधव सदाशिव गोलवलकर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सरकार्यवाह नियुक्त किया गया। 1940 में डॉ हेडगेवार का ज्वर बढ़ता ही गया और अपना अन्त समय जानकर उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं के सामने माधव सदाशिव गोलवलकर को अपने पास बुलाया और कहा कि अब आप ही संघ का कार्य सम्भालें। 21 जून 1940 को हेडगेवार अ...

विदेशी कलाकारों को है संस्कृत से लगाव

चित्र
जानकारी। जानीमानी अमेरिकन सिंगर कैटी पेरी अपने शानदार गानों की वजह से दुनिया भर में मशहूर हैं। कैटी जितना अपने म्यूजिक के लिए प्रसिद्ध हैं, उतना ही वह अपने रिश्तों को लेकर भी सुर्खियों में रहती हैं। कैटी पेरी की बांह पर संस्कृत में बना टैटू खूब आकर्षक लग रहा है और सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। एक तरफ प्रशंसक इसका अर्थ जानना चाह रहे हैं तो दूसरी तरफ इस बात पर भी अधिक चर्चा हो रही है कि कैसे पश्चिमी सितारे संस्कृत और भारतीय सभ्यता की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। कैटी पेरी ने हाथ पर टैटू के रूप में संस्कृत के शब्द 'अनुगच्छतु प्रवाह' लिखवाया है।  कैटी पेरी के फैंस के साथ भारतीय यूजर भी इसके दीवाने हो रहे हैं। अगर 'अनुगच्छतु प्रवाह' के मतलब की बात करें तो इसका अर्थ है-‘समय के साथ चलते जाना’, यानि फ्लो में आगे बढ़ते रहना। इसके अलावा ब्रिटिश अभिनेता और मशहूर रेडियो होस्ट रसल ब्रांड ने भी अपने हाथ पर 'ॐ नमः शिवाय' का मंत्र लिखवाया और उनकी यह तस्वीर काफी पसंद की गई थी। वहीं अमेरिकी सिंगर और कोरियोग्राफर किम्बर्ली व्याट ने भी अपनी गर्दन के पीछे संस्कृत का एक श्लोक लिखव...

आत्मीयता का भाव

चित्र
बोधकथा। एक खेत में कुछ मजदूर काम कर रहे थे और थोड़ी देर बाद वे बैठकर आपस में गप्पे मारने लगे। यह देखकर खेत के मालिक ने उनसे कुछ नहीं कहा, उसने खुरपी उठायी और खुद काम में जुट गया। मालिक को काम करता देख मजदूर शर्म के मारे तुरंत काम में जुट गये। खेत के मालिक ने दोपहर में मजदूरों के पास जाकर बोला, भाइयों! अब काम बंद कर दो। भोजन करके आराम कर लो। काम बाद में होगा। इसके बाद मजदूर खाना खाने चले गए और थोड़ा आराम करके वे लोग जल्द ही फिर काम पर लौट आये। शाम को छुट्टी के समय पड़ोसी खेत वाले ने उस खेत के मालिक से पूछा कि भाई! तुम मजदूरों को छुट्टी भी देते हो। उन्हें डांटते भी नहीं हो। फिर भी तुम्हारे खेत का काम मेरे खेत से दोगुना कैसे हो जाता है, जबकि मैं लगातार अपने मजदूरों पर नजर रखता हूँ, डांट भी लगाता हूँ और छुट्टी भी नहीं देता। तब खेत के मालिक ने बताया कि मैं काम लेने के लिए सख्ती से नहीं बल्कि अधिक स्नेह और सहानुभूति का सूत्र अपनाता हूं इसलिए मजदूर पूरा मन लगाकर काम करते हैं, इससे काम अधिक व अच्छा होता है। और यह बात सही भी है कि आत्मीयता के भाव से किसी पर भी विजय पायी जा सकती है।

आत्मबल और शारीरिक बल

चित्र
बोधकथा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर उपाख्य गुरुजी काशी में पढ़ते समय एक महीने के विशेष अध्ययन के लिए प्रयागराज गये थे। इस बारे में उस समय का एक अनुभव वे सुनाते थे। प्रयागराज विश्वविद्यालय में उस समय एक पहलवान छात्र भी पढ़ रहा था। उसने कुश्ती में अनेक पदक पाये थे। वहीं एक दुबला-पतला, पर बहुत चुस्त फुर्तीला बंगाली युवक भी था। वह प्रायः शांत भाव से अपने अध्ययन में लगा रहता था। एक बार उन दोनों में किसी बात पर झगड़ा हो गया। अपने स्वभाव के अनुरूप पहले तो वह बंगाली युवक शांत ही रहा, लेकिन जब बात बहुत आगे बढ़ गयी, तो उससे नहीं रहा गया। उसने पहलवान के मुँह पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। केवल इतने पर ही वह नहीं रुका। उसने पहलवान पर घूसों की बरसात भी कर दी। पहलवान युवक भौचक रह गया। उसके पास शरीर-बल तो था, लेकिन मनोबल नहीं। बंगाली युवक ने उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया और उसके सीने पर चढ़ बैठा। पहलवान के पाँव उखड़ गये, उसने जैसे-तैसे स्वयं को छुड़ाया और मैदान छोड़कर भाग गया। यानि कि शारीरिक बल के साथ मनोबल का होना भी बहुत आवश्यक है, बिना मनोबल के शारीरिक बल का क...

9 अप्रैल को दुर्गाष्‍टमी पर बन रहा है शुभ योग सुकर्मा

चित्र
ज्योतिष। इस साल यानि 2022 में चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 8 अप्रैल शुक्रवार की रात 11 बजकर पांच मिनट से शुरू होगी और 9 अप्रैल, शनिवार को देर रात 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। 9 अप्रैल को ही दुर्गाष्टमी व्रत रखा जाएगा। आमतौर पर जो लोग नवरात्रि के पूरे 9 दिन तक व्रत नहीं रखते हैं, वह दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं, इस दिन कन्‍या पूजन और हवन भी किया जाता है। इस साल दुर्गाष्‍टमी पर सुकर्मा योग बन रहा है, यह योग 9 अप्रैल को सुबह 11:25 बजे से शुरू हो रहा है। इसके अलावा पूरे दिन पुनर्वसु नक्षत्र भी रहेगा, यह योग शुभ काम करने के लिए बहुत शुभ माना गया है। चैत्र नवरात्रि की अष्‍टमी को दुर्गाष्टमी या महाष्टमी कहते हैं। सुकर्मा योग में जिन लोगों का जन्म होता है वे अच्छे कर्मों वाले होते हैं अर्थात ये धर्म कर्म में विश्वास रखने वाले होते हैं। ये सभी के प्रति स्नेह और प्रेम रखते हैं। ये गुणवान और लोगों के मध्य आदर के पात्र होते हैं। ये हर प्रकार के ऐश्वर्य का भोग करने वाले होते हैं।

वाणी से पता चलता है व्यक्ति का व्यवहार

चित्र
बोधकथा। एक बार की बात है-एक राजा वन-विहार के लिए निकले, रास्ते में उन्हें तेज प्यास लगी, नजर दौड़ाई एक अन्धे की झोपड़ी दिखी, उसमें जल भरा घड़ा दूर से ही दिख रहा था। राजा ने सिपाही को भेजा और एक लोटा जल माँग लाने के लिए कहा। सिपाही वहाँ पहुँचा और बोला-ऐ अन्धे एक लोटा पानी दे दे, अन्धा अकड़ू था। उसने तुरन्त कहा-चल-चल तेरे जैसे सिपाहियों से मैं नहीं डरता। पानी तुझे नहीं दूँगा। सिपाही निराश लौट पड़ा। इसके बाद सेनापति को पानी लाने के लिए भेजा गया। सेनापति ने समीप जाकर कहा-अन्धे! पैसा मिलेगा पानी दे। अन्धा फिर अकड़ पड़ा। सेनापति को भी खाली हाथ लौटता देखकर राजा स्वयं चल पड़े। समीप पहुँचकर वृद्ध जन को सर्वप्रथम नमस्कार किया और कहा-‘प्यास से गला सूख रहा है। एक लोटा जल दे सकें तो बड़ी कृपा होगी।’ अंधे ने सत्कारपूर्वक उन्हें पास बैठाया और कहा- ‘आप जैसे श्रेष्ठ जनों का राजा जैसा आदर है। जल तो क्या मेरा शरीर भी स्वागत में हाजिर है। कोई और भी सेवा हो तो बतायें। राजा ने प्यास बुझाई और अंधे का आभार जताया। अन्धे ने कहा-वाणी के व्यवहार से हर व्यक्ति के वास्तविक स्तर का पता चल जाता है। वहीं यह भी कहा गय...

विश्व स्वास्थ्य दिवस : आंखों में चमक, सुडौल शरीर ही असली सौन्दर्य

चित्र
विचार। आज यानि ७ अप्रैल २०२२ को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। भारत में स्वास्थ्य के प्रति कम लोग जागरूक हैं और अधिकतर लोग तो शराब, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला के सेवन से अपना सुंदर शरीर कुरूप बना लेते हैं, जो न तो स्वयं को अच्छा लगता है और न ही समाज को। इसलिये शरीर को ऐसा हष्ट-पुष्ट और सुंदर बनाना चाहिए, जिससे लोग शरीर की प्रशंसा करें। स्वस्थ शरीर, आँखों और बालों में चमक, गठीला बदन और बेदाग त्वचा ही असली सौन्दर्य है। भारत में करोड़ों लोग कुपोषण के शिकार हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार तीन वर्ष की अवस्था वाले ३ प्रतिशत से भी अधिक बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका है और ४० प्रतिशत से अधिक बच्चे अपनी अवस्था की तुलना में कम वजन के हैं। इनमें करीब अस्सी फीसदी बच्चे एनीमिया (रक्ताल्पता) से पीडि़त हैं। प्रत्येक दस में से सात बच्चे एनीमिया से पीडि़त हैं जबकि महिलाओं की ३० फीसदी से ज्यादा आबादी कुपोषण की शिकार है। देश में अभी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह मुफ्त नहीं हैं और जो हैं, उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसके लिये सिर्फ सरकार को कटघरे में न...

हंस और कौआ

चित्र
बोधकथा। एक बार एक शिकारी शिकार करने गया, शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के कारण। वहीं से एक अतिसुन्दर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति बेचारा परेशान हो रहा है, धूप उसके मुँह पर आ रही है तो ठीक से सो नहीं पा रहा हैं, तो वह हंस पेड़ की डाली पर अपने पंख खोल कर बैठ गया ताकि उसकी छाँव में वह शिकारी आराम से सोये। जब वह सो रहा था तभी एक कौआ आकर उसी डाली पर बैठा, इधर-उधर देखा और बिना कुछ सोचे-समझे शिकारी के ऊपर अपना मल विसर्जन कर वहाँ से उड़ गया। तभी शिकारी उठ गया और गुस्से से यहाँ-वहाँ देखने लगा और उसकी नज़र हंस पर पड़ी और उसने तुरंत धनुष बाण निकाला और उस हंस को मार दिया। हंस नीचे गिरा और मरते-मरते हंस ने कहा- मैं तो आपकी सेवा कर रहा था, मैं तो आपको छाँव दे रहा था, आपने मुझे ही मार दिया? इसमें मेरा क्या दोष? शिकारी ने कहा-यद्यपि आपका जन्म उच्च परिवार में हुआ, आपकी सोच आपके तन की तरह ही सुंदर हैं, आपके संस्कार शुद्ध हैं, यहाँ तक की आप अच्छे इरादे से मेरे लिए पेड़ की डा...

तीन चालाक भाई और बुद्धिमान किसान

चित्र
बोध कथा। एक बार की बात है-एक गांव से तीन भाई धन कमाने के लिए बड़े शहर रवाना हुए। रास्ते में उन्हें उन्हीं की तरह यात्रा पर निकला किसान मिला, जिसके पास कुछ धन था। सभी भाइयों के मन में किसान को ठगने का विचार आया। उन्होंने उसे यात्रा में साथ ले लिया। रात को वे एक मंदिर में रुके तो तीनों भाइयों ने किसान को खाना लेने भेजा। जब वह खाना लेकर आया तो उसे किसी काम में उलझाकर अधिकांश खाना तीनों ने खा लिया। किसान बेचारा अधपेटा ही रह गया। वह आगे के लिए सावधान हो गया। अगले दिन जब किसान को उन्होंने लड्डू लाने के लिए भेजा तो किसान ने अपना हिस्सा पहले ही खा लिया। कम लड्डू देखकर तीनों ने कहा, ‘तुमने हमारे बिना लड्डू कैसे खा लिए?’ किसान ने एक और लड्डू मुंह में उठाकर रखा और कहा, ‘ऐसे।’ तीनों मन मसोसकर रह गए और बाद में किसान से बदला लेने का निश्चय किया।शहर से धन कमाकर लौटने से पहले तीनों ने किसान से रात को खीर बनवाई और कहा​ कि जिसे सबसे अच्छा सपना आएगा, वही इस खीर को सुबह खाएगा। चतुर किसान ने उनके सोने के बाद सारी खीर खा ली। सुबह तीनों भाइयों ने सपने सुनाने शुरू किए। एक ने कहा कि मैंने सपने में देखा कि मैं...