धन, वैभव, सुख, ऐश्वर्य व त़ांत्रिक विधाओं समेत कई अद्भुत गुणों से भरपूर पारस पीपल

ज्योतिष : पारस पीपल के प्रयोग से धन, वैभव, सुख, ऐश्वर्य हासिल किया जा सकता है। आयुर्वेद में भी इसका महत्व है। पारस पीपल से नशे जैसी लत भी छुड़ाई जा सकती है। पारस पीपल के पत्ते, फूल और छाल का उपयोग कई तरह की तंत्र विधाओं में किया जाता है। इनमें सबसे अधिक प्रयोग वशीकरण में किया जाता है। पारस पीपल के पंचगव्य यानी पत्ते, फूल, छाल, रस और जड़, इन पांच चीजों को केसर के साथ घोटकर मस्तक पर तिलक करने से तीव्र वशीकरण होता है। सर्वविदित है कि पारस पीपल की पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और धन की देवी मां लक्ष्मी खुश होकर मालामाल कर देती हैं। बता दें कि बहुत कोशिश करने के बाद भी पैसों की तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो पारस पीपल के 108 पत्तों पर भगवान विष्णु का नाम लिखकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें, इससे पैसों की तंगी दूर होती है। पारस पीपल के 11 पत्तों पर ओम् हं हनुमतये नमः लिखकर बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से बुरी नजर का प्रकोप खत्म होता है। विवाह में देरी हो रही है तो योग्य जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं तो ऐसे में प्रत्येक दिन पारस पीपल की जड़ में जल अर्पित करें, ऐसा करने से शादी की समस्या दूर हो जाएगी। पारस पीपल बलवर्धक, वीर्यवर्धक होता है। जिन पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की कमी होती है वे आयुर्वेदाचार्य से पारस पीपल से बनी दवाई ले सकते हैं। कई तरह के मानसिक रोगों में भी पारस पीपल से बनी औषधि का प्रयोग किया जाता है। पारस पीपल औषधीय गुणों से भरपूर होता है, लेकिन इसका प्रयोग सीधे नहीं करना चाहिए। किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में या उनसे पूछकर ही इसका प्रयोग करें, यह हानिकारक भी साबित हो सकता है। पारस पीपल की ही एक दुर्लभ प्रजाति है, इसलिए इसे घर में लगाने की बजाय बाहर लगाना चाहिए।

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