15 फरवरी को है गणेश जयंती, पूजन से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
ज्योतिष : सर्वविदित है कि सनातन परम्परा में सर्वप्रथम श्रीगणेश की पूजा होती है लेकिन श्रीगणेश चाहते हैं कि सबसे पहले माता पार्वती की पूजा होनी चाहिए। इसलिये सनातनी लोग किसी भी तरह का पूजन प्रारम्भ करते समय आदिशक्ति की पूजा करते हैं। पंडित लोग सबसे पहले यही उच्चारण करते हैं-
ऊं सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिेके शरण्ये त्रयम्बके नारायणी नमोस्तुते।
गणेश मंत्र
गजाननं भूतगणाधिसेवितं, कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकम्न, नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥
गौरी पुत्र गणेश का जन्म माघ माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इस वर्ष यानि 2021 में गणेश जयंती का 15 फरवरी को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। कहते हैं कि इस दिन विधि.विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों को मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 15 फरवरी 2021 को देर रात 1 बजकर 58 मिनट पर गणेश चतुर्थी की शुरुआत होगी और 16 फरवरी 2021 को देर रात 3 बजकर 36 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः गणेश जी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। शुभ मुहूर्त में किसी पाटे, चौकी लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। गंगाजल का छिड़काव करें और गणपति जी को प्रणाम करें। भगवान गणेश को सिंदूर अर्पित करें और धूप.दीप जलाएं। मोदक, लड्डू, पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और 21 दूर्वा अर्पित करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं।
श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिये एक भजन भी गया जा सकता है-
पूजिये आज गणेश, प्रथम प्रणाम करूं। - 2
शीष गजानन मुकुट विराजै, गले में वैजयंती माला साजै।
काटै विघ्न क्लेश प्रथम प्रणाम करूं।
पूजिये आज गणेश प्रथम प्रणाम करूं...
माता जिनकी पार्वती है, सब देवियों में महासती हैं।
पिता हैं जिनके महेश, प्रथम प्रणाम करूं।
पूजिये आज गणेश...
जो कोई इनकी शरण में आवै, रिद्धि सिद्धि का वो फल पावै।
मंगल करत हमेश, प्रथम प्रणाम करूं।
पूजिये आज गणेश, प्रथम प्रणाम करूं...।
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