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जनवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

10 फरवरी को है बसंत पंचमी : मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार करें वंदना

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ज्योतिष डेस्क : बसंत पंचमी इस वर्ष दस फरवरी को पड़ रही है। बसंत-पंचमी यानी मां सरस्वती के जन्मदिन पर देवी को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार वंदना करें। राशि के अनुसार मंत्र जपने से मां शारदा सुख, संपत्ति, विद्या, बुद्धि, यश, कीर्ति, पराक्रम, प्रतिभा और विलक्षण वाणी का आशीष प्रदान करती है। राशि के अनुसार सरस्वती मंत्र- मेष- ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नम: वृषभ- ॐ कौमुदी ज्ञानदायनी नम: मिथुन- ॐ मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नम: कर्क- ॐ मां चन्द्रिका दैव्यै नम: सिंह- ॐ मां कमलहास विकासिनी नम: कन्या- ॐ मां प्रणवनाद विकासिनी नम: तुला- ॐ मां हंससुवाहिनी नम: वृश्चिक- ॐ शारदै दैव्यै चंद्रकांति नम: धनु- ॐ जगती वीणावादिनी नम: मकर- ॐ बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नम: कुंभ- ॐ ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नम: मीन- ॐ वरदायिनी मां भारती नम:

षटतिला एकादशी पर काले तिल का अचूक करने से जल्द विवाह का योग भी बन जाता है

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ज्योतिष डेस्क : आज 31 दिसंबर को षटतिला एकादशी है। माघ माह की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। षटतिला एकादशी का पूजन विधान पूर्वक करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी में तिल का दान करने और श्रद्धा पूर्वक व्रत रखने से जन्म-जन्मान्तरों के पाप कट जाते हैं। इतना ही नहीं षटतिला एकादशी पर काले तिल का अचूक करने से जल्द विवाह का योग भी बन जाता है। - षटतिला एकादशी के दिन स्वच्छ होकर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें। - भगवान विष्णु जी की प्रतिमा पर पीले फूल की माला चढ़ाएं और केसर, हल्दी और चंदन का तिलक करें।  - हरिवंश पुराण का पाठ या विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। - ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का 108 बार जाप करते हुए हवन करें। - ब्रह्ममुहूर्त में सूर्य को जल चढ़ाते हुए तीन बार सूर्य मंत्र- ॐ सूर्याय: नम: बोले, ऐसा रोज करें। - शिवजी और शनि पर काले तिल चढ़ाएं और बहते पानी में नारियल बहाएं। - आठ मीठी रोटियां भूरे कुत्ते को खिलाएं। साबुत उड़द, लोहा, काला तिल दान करें। - षटतिला एकादशी पर व्रत कर शाम को काली गाय को तिल की रोटी ख...

प्रतिदिन बढ़ रही है चमत्कारी मूर्ति का आकार, भक्तों की लम्बी कतार

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अध्यात्म : आंध्र प्रदेश चित्तूर स्थित विघ्नहर्ता कनिपक्कम गणपति मंदिर की, जो अपने चमत्कारों के लिए जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ा हुआ एक ऐसा रहस्य है जिसके बारे में जो भी सुनता है वो दंग रह जाता है। इस चमत्कारी मंदिर में भगवान गणेश की जो मूर्ति रखी हुई है उसका आकार हर रोज़ बढ़ता जा रहा है। चौंकिए नहीं, सुनने में भले ही यह थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन ये बिल्कुल सच है। ये मंदिर नदी के बीचों-बीच स्थित है। इस मंदिर में भगवान गणपति की मूर्ति के बढ़ते हुए आकार की वजह से यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।   इस मंदिर से जुड़ी हुई एक कहानी है जिसके मुताबिक़ तीन भाई थे जिनमें एक गूंगा, दूसरा बहरा और तीसरा अंधा था। इन तीनों ने मिलकर एक ज़मीन खरीदी और जब खेती के लिए पानी की जरुरत पूरी करने के लिए इस ज़मीन पर कुआं खोद रहे थे तभी काफी खोदने के बाद पानी निकला। पानी निकलने के बाद उन भाइयों ने देखा कि वहां एक पत्थर है जिसे हटाने पर लाल पानी निकला और तीनों भाई बिल्कुल ठीक हो गए। इस बात जी जानकारी जब गांव वालों को हुई तो सभी लोग वहां पहुंच गए। इसके बाद इन सभी लोगों को गणेश जी की एक मूर्ति दिखाई दी...

शरीर व हड्डियों को मजबूत बतनाता है कैल्शियम

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स्वस्थ्य : घर के बड़े बुजुर्ग रोजाना दूध पीने की सलाह देते हैं क्योंकि इसे पीने से शरीर को कैल्शियम मिलता है, लेकिन कई लोगों को दूध का स्वाद बिलकुल नहीं भाता। ऐसे में शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए आपके पास कई अन्य विकल्प भी है। बीज : अलसी, कद्दू और तिल के बीज कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं। इनमें कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पर्याप्त मात्रा में होता है। दही : एक कप सादे दही में 30 प्रतिशत कैल्शियम के साथ-साथ फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन B2 और B12 होता है, इसीलिए यदि आपको दूध नहीं पसंद तो आप दही खा सकते हैं। बीन्स : एक कप बीन्स में 24 प्रतिशत तक कैल्शियम होता है इसीलिए बीन्स को आपनी डाइट में शामिल करने से शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है। पनीर : पनीर में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। पनीर सेवन करने से शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन की भी कमी भी पूरी हो जाती है। बादाम : बादाम खाने से भी हड्डियां मजबूत होती है क्योंकि इसमें भी कैल्शियम पाया जाता है। पालक : पालक में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। 100 ग्राम पालक में 99 मि.ली कैल्श...

कहीं आपका बच्चा गांजा तो नहीं फूंक रहा!

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जीवनशैली : आजकल युवा पीढ़ी शराब के साथ गांजा, चरस, अफीम जैसे खतरनाक नशों में डूबता जा रहा है। देश के युवाओं में नशे के प्रति रुझान के चलते अब बच्चों के अभिभावकों का सतर्क हो जाना जरूरी हो गया है। यदि आपको अपने बच्चे में बदलाव नजर आ रहा है और दिन-प्रतिदिन खराब हो रहे उसके व्यवहार से आप परेशान आ गए हैं, तो जरूरत है कि आप पहचान करें कि कहीं वह किसी खतरनाक नशे की गिरफ्त में तो नहीं। ऐसे में ध्यान रखें कि जब भी आपका बच्चा कहीं बाहर से घर आता है और उसकी आंखों में आपको लालिमा नजर आती है तो हो सकता है वह इस नशे का शिकार बन रहा हो या बन चुका हो। वहीं अगर आपका बच्चा पहले से ज्यादा शांत और अकेला रहने की कोशिश करता है या पहले की तरह अब आपसे बातचीत नहीं करता तो हो सकता है कि उसने गांजे का नशा शुरू कर दिया हो। वहीं अगर आपका बच्चा पहले के मुकाबले कम खाने लगा हो या एक समय में बेहद ज्यादा खा रहा हो तो यह भी इस नशे के लत होने की एक निशानी है। दरअसल बताया जाता है कि गांजे को पीने के बाद व्यक्ति का दिमाग शांत हो जाता है। नशे के आदी बच्चे के कार्यशैली में कुछ धीमापन आ जाता है। शुरूआत में तो नशे करने वाले ...

प्रदूषण के प्रमुख घटकों में से एक है प्लास्टिक

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पर्यावरण : प्रदूषण से बचने के लिए विश्व में 'एंटी-प्लास्टिक गो' ग्रीन का नारा लगाया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ लोग बिना रुके प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। छोटी दुकान हो या फिर कोई मेगा स्टोर हर जगह प्लास्टिक की थैली का ही इस्तेमाल हो रहा है, यह प्लास्टिक बैग्स आपके जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं, ऐसे में जरूरत है ये समझने की कि कैसै प्लास्टिक का इस्तेमाल आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। जब कभी आप सब्जी या फल बाजार से प्लास्टिक के बैग में घर लेकर आते हैं तो आप कई बार उसे प्लास्टिक से तुरंत बाहर निकालकर रखना भूल जाते हैं और यही एक भूल आपके हेल्थ के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है। बंद प्लास्टिक में रखी हुई चीजों में हवा नहीं लगती। इस वजह से इसके अंदर रखा सामान जल्दी खराब हो जाता है। प्लास्टिक में रखे फल और सब्जी पर बैक्टीरिया अटैक करके उसे जल्दी खराब कर देते हैं। इसके अलावा अगर आप प्लास्टिक में लिपटे जंग फूड का सेवन ज्यादा करते हैं तो जितनी जल्दी हो सके अपनी इस आदत को बदल दीजिए। प्लास्टिक का इस्तेमाल करने की जगह ब्राउन पेपर का ही यूज करें। प्लास्टिक के बैग्स में कई तरह...

आनंद और ऊर्जा से भर देता है कुर्ग का सैर

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पर्यटन : घूमने के लिहाज से कर्नाटक का कुर्ग एक सुकून भरा स्थान है। वैसे देश के हर राज्य की अपनी खास पहचान है और अलग खूबसूरती। लेकिन आज हम इस लेख में बात करेंगे दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य की एक बेहद ही प्यारी जगह कुर्ग की। वैसे भी कर्नाटक की सबसे कम जनसंख्या है, इस वजह से आपको शहरी शोर-शराबे और भागदौड़ से अलग शांत माहौल मिलेगा। कटे हुए पहाड़ियों से निकले लाल बदरपुर के रास्ते, सरसराती हवाएं, चारों तरह प्रकृति का निखरा हुआ स्वरूप, पेड़ों को चीर कर पहाड़ों के रास्ते आपको अपने आगोश में लेने आते हुए सफेद बादल, इन बादलों को चाह कर भी आप अपनी ओर आने से नहीं रोक पाएंगे, बरसाती मौसम की पानी की बूंदें कब आपको भिगा जाएं इसकी आपको खबर भी नहीं होगी। कहते हैं कि कुर्ग को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। इस खूबसूरती को निहारते-निहारते आप की आंखें भी नहीं थकने वालीं क्योंकि आप यहां का एक भी नजारा अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देंगे। कुर्ग को यहां की आम भाषा में कोडगु कहते हैं। कुर्ग पूरे देश के मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक बेहतरीन जगह है जहां पर पर्यटक खूब आना पसंद करते हैं। पहाड़...

विवाह के लिए उत्तम होती हैं इस राशि की युवतियां

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जीवनशैली : जीवन में अहम स्थान रखते हैं ज्योतिष, पुराणों में बताया गया है कि समय गणना, काल आदि की सटीक जानकारी ज्योतिष शास्त्रों से जाना जा सकता है। विवाह भी जीवन का अहम हिस्सा है इसीलिये जोड़ी बनने से पहले ज्योतिषीय विधि के तहत शादी के अहम बिन्दुओं पर जांच, पड़ताल की जाती है। शादी से पहले अधिकतर लोगों की तमन्ना होती है कि उसका जीवनसाथी उसे हमेशा खुश रखे और बहुत सारा प्यार दे। शादी से पहले हर इंसान के दिमाग में होता है कि उसकी शादी ऐसे इंसान से होगी, उसका मिजाज कैसा होगा। वो अपने लिए एक परफेक्ट पार्टनर की तलाश करता है जो उसके साथ पूरी जिंदगी आराम से बिना किसी झंझट के बिता सके। अगर आप भी शादी का मन बना रहे हैं तो आज आपको उन राशियों की लड़कियों के बारे में बताने वाले हैं जो शादी के लिए परफेक्ट होती हैं। इनसे शादी करने वाले की किस्मत खुल जाती है और भाग्य उनका पूरा साथ देने लगता है- मेष : इस राशि की लड़कियां स्वभाव से बेहद चंचल होती हैं। ये बातूनी होती हैं और बातें करना इन्हें  बहुत पसंद है। इनकी बुद्धिमता का कोई तुलना नहीं, ऐसी लड़कियां जॉब के साथ-साथ घर भी कुशलता से संभाल लेती है...

धरती को बचाने की सभी लें जिम्मेदारी

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पर्यावरण : धरती के अनुकूल रहना सभी प्राणियों का नैतिक कर्तव्य है, लेकिन धरती के पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए सिर्फ बैठकें, विचार-चर्चा और खबरें ही प्रकाशित होती हैं, जमीनी कार्रवाई जस की तस है। धरती को न बचा पायें तो कम से कम प्रकृति के विरुद्ध कार्य भी न करें। पृथ्वी पर निवास करने वाली विभिन्न प्रजातियों में मनुष्य के पास सर्वाधिक विकसित दिमाग है। हम में से हर कोई अपने दिमाग से कोई न कोई उपाय सोच कर धरती के क्षति ग्रस्त पर्यावरण को दुरुस्त करने में सहभागी बन पुण्य कमा सकता है। जैसे बचे हुए प्राकृतिक जंगलों को, उनकी सरहदों पर कंटीले तारों की बागड़ से घेरा जा सकता है। पेड़ों के छोटे से छोटे झुरमुट को भी इसी तरह बचाया जा सकता है। क्योंकि प्राकृतिक जंगलों का कोई विकल्प नहीं होता। वृक्ष गणना अभियान चलाया जा सकता है। वृक्षों के तनों पर फ्लोरसेंट रंगों में अंकों की पट्टियां लगाई जा सकती हैं ताकि पता चल सके कि कहां कितने और किस प्रजाति के वृक्ष मौजूद हैं। बिजली और दूरभाष की समस्त लाइनों को जमीन के अन्दर संजाल बिछा कर फैला दिया जाए तो पेड़ों की केनोपी बेतरतीब कटिंग से बचाई जा सकती है जिससे उनक...

डार्क सर्कल्स की वजह है लापरवाही, सुंदर दिखने के लिए स्वस्थ बनें

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जीवनशैली : अपने स्वास्थ्य की सभी को चिंता लगी रहती है, सभी सुंदर दिखना तो चाहते हैं लेकिन कठिन श्रम और व्यायाम से सम्बन्धित क्रियाओं से बचते हैं। ऐसे में सुंदर एवं स्वस्थ दिखने के तरह-तरह नुस्खे अपनाये जा रहे हैं। जबकि होना तो यह चाहिए सभी को खेल, व्यायाम, योग  आदि से नजदीकियां निरंतर बनी रहनी चाहिए। इस बात से हर कोई वाकिफ है कि महिलाएं स्वभाव से अधिक भावुक होती हैं और किसी भी बात पर वह अपेक्षाकृत जल्दी रो पड़ती हैं। रोना कई मायनों में लाभदायक भी माना गया है क्योंकि इससे मन के भावों को व्यक्त किया जा सकता है। आंखों के नीचे काले घेरे किसी भी स्त्री की खूबसूरती पर दाग लगाते हैं। यूं तो महिलाएं इसे छिपाने के लिए मेकअप का सहारा लेती हैं लेकिन हरदम मेकअप करना संभव नहीं हो पाता। माना जाता है कि देर रात तक जागने के कारण आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं। लेकिन इसके अतिरिक्त भी ऐसे कई कारण होते हैं जो डार्क सर्कल्स की वजह बनते हैं। अगर डार्क सर्कल्स होने की वजहों पर ध्यान दिया जाए तो इनसे काफी हद तक बचा जा सकता है। सर्वविदित है कि महिलाएं स्वभाव से अधिक भावुक होती हैं और किसी भी बात ...

चेहरे पर ग्लो लाता है फेशवास, लेकिन सवाधनियां जरूरी

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जीवनशैली : हम सभी चेहरा साफ करने के लिए फेसवॉश का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इन्हें बनाने वाली कंपनियां ये दावा तो करती हैं कि उनके उत्पाद में किसी भी प्रकार का हानिकारक तत्व नहीं है, लेकिन इस बात की सच्चाई सभी को पता है, ऐसे में कितना ही बेहतर हो कि अपना फेसवॉश खुद ही बना लें। इससे दो फायदे होंगे, एक तो आपको बिना किसी साइड इफेक्ट के ग्लोइंग स्किन मिल जाएगी। वहीं, दूसरी ओर आपको सैकड़ों खर्च भी नहीं करने पड़ेंगे। दही और खीरा चेहरे को पोषण देने और साफ करने के लिए सबसे बेहतर होते हैं। पुदीने की पत्ती से इसकी इस खूबी में इजाफा हो जाता है और साथ ही इसकी खुशबू बढ़ जाती है। दही में खीरे को अच्छी तरह से मिला दें. खीरा, दही में अच्छी तरह से मिल जाना चाहिए। इसी में पुदीने की पत्ती भी मिला दें, इससे चेहरे पर पांच मिनट तक मसाज करें, प्रतिदिन एक बार ऐसा करने से चेहरा चमक उठेगा। फेसवॉश करते वक्त आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, वरना नुकसान आपके चेहरे और स्किन को भी उठाना पड़ सकता है। बदलते मौसम और हर दिन बढ़ते पलूशन लेवल की वजह से शरीर के साथ-साथ आपके चेहरे को भी पसीना, धूल, बैक्टीरिया क...

अनाज के साथ फल और सब्जियों के उपयोग करने वाले जीते हैं सौ साल

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जीवनशैली : 1986 से 2009 के बीच हुए रिसर्च के अनुसार, लगातार फलों का रस लेने का सीधा ताल्लुक टाइप-2 डायबिटीज से पाया गया है। फलों का रस तेजी से हमारे शरीर में घुल जाता है, इसलिए चीनी की मात्रा अचानक बढ़ जाती है। अगर फलों के जूस में सब्जियों की कुछ तादाद भी मिली हो, तो ये फलों के रस के मुकाबले ज्यादा बेहतर होगा। हालांकि फाइबर इनमें भी नहीं होता। मगर, ये हमारे खून में देर से घुलेंगे, तो चीनी की मात्रा अचानक से नहीं बढ़ेगी। वहीँ आजकल मिलावट भरी चीजें और लोगों का समय पर खाना ना खाना, एक्सरसाइज न करना आदि अल्पआयु होने का सबसे बड़ा कारण हैं। एक शोध के अनुसार सामने आया है कि अगर एक दिन में 5 बार फल और सब्जियों का सेवन किया जाए तो हमें दीर्घआयु का उपहार मिल सकता है। एक बार में कम से कम 80 ग्राम खाने की सलाह दी गयी है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ फल और सब्जियों के बारे में बता रहे हैं, जो तमाम तरह के पोषक तत्वों से भरपूर हैं। शेलफिश एक ऐसा समुद्री खाद्य पदार्थ है जिसमें भारी मात्रा में जिंक यानि जस्ता होता है।  जिंक सेक्स इच्छा और पावर बढ़ाने में काफी मदद करता है। शेलफिश में जिंक के साथ ही अ...

‘हनक’ छीन ले गए राज्यों के चुनाव

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पौष पूर्णिमा व प्रयाग कुम्भ में दूसरा बड़ा ‘स्नान’ आज

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लखनऊ : पौष माह की पूर्णिमा को मोक्ष की कामना रखने वाले बहुत ही शुभ मानते हैं। क्योंकि इसके बाद माघ महीने की शुरुआत होती है। माघ महीने में किए जाने वाले स्नान की शुरुआत भी पौष पूर्णिमा से ही हो जाती है। इस दिन विधिपूर्वक प्रात:काल स्नान करता है वह मोक्ष का अधिकारी होता है, उसे जन्म-मृत्यु के चक्कर से छुटकारा मिल जाता है अर्थात उसकी मुक्ति हो जाती है, चूंकि माघ माह को बहुत ही शुभ व इसके प्रत्येक दिन को मंगलकारी माना जाता है इसलिए इस दिन जो भी कार्य आरंभ किया जाता है उसे फलदायी माना जाता है, इस दिन स्नान के पश्चात क्षमता अनुसार दान करने का भी महत्व है।  पतित पावनी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर चल रहे कुंभ मेले में आज पौष पूर्णिमा का दूसरा ‘स्नान’ पर्व है। पूरे देश से श्रद्धालुओं के जत्थे प्रयागराज पहुंच रहे हैं। प्रयाग कुंभ मेले में आने वाले कल्पवासी पौष पूर्णिमा से संगम की रेती पर कल्पवास शुरू कर देते है। हिंदुओं में पौष पूर्णिमा के स्नान का विशिष्ट महत्व है। पौष पूर्णिमा के बारे में शंकराचार्य अधोक्षानंद ने बताया, पौष पूर्णिमा हिन्दुओं के लिए एक महत्वपू...

जिनके घर में गौरैया लगाती है घोंसला, उन्हें मिलती है सुख और समृद्धि

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लखनऊ  : देश में ऊंचे होते मकान, सिकुड़ते खेत, कटते पेड़, सूखते तालाब और फैलते मोबाइल टावरों से प्यारी गौरैया समाप्त हो रही है। गौरतलब है कि गौरैया पक्षी, जो पर्यावरण के काफी अनुकूल है, मानव जाति के लिए अति लाभादायक भी। सम्भवतः फिल्म इतिहास में पहली बार फिल्म 2.0 में मोबाइल तरंगों के खिलाफ और पक्षियों के हित में भावनात्मक मुद्दे चित्रित किये गये हैं। सर्वविदित है कि गौरैया ही नहीं पक्षियों की संख्या लगातार कम हो रही है और विशेषज्ञ मानव जाति को भी संकट में बता रहे हैं। वहीँ पिछले दिनों गौरैया को दिल्ली का ‘राज्य पक्षी’ घोषित किया गया, यह याद करना मुश्किल है कि गौरैया को आखिरी बार मैंने कब देखा था।  पक्षी विज्ञानियों की मानें तो गौरैया विलुप्ति की ओर है, उसकी आबादी सिर्फ 20 फीसदी बची है। चंचल, शोख और खुशमिजाज गौरैया का घोंसला घरों में शुभ माना जाता है। इसके नन्हें बच्चों की किलकारी घर की खुशी और संपन्नता का प्रतीक होती थी। घरों में छोटे बच्चों का पहला परिचय जिस पक्षी से होता था, वह गौरैया ही थी, उसके बाद कौवे से पहचान होती थी। कहावत है कि मेहमान के आने का संदेश देने वाले का...

क्या है एससी, एसटी एक्ट, क्यों नाराज हैं सवर्ण

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चीन-रूस युद्घाभ्यास के मायने

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सूर्य उत्तरायण होने के बाद गर्म मौसम की होने लगती है शुरुआत, कुम्भ में आस्था की डुबकी

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लखनऊ : सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं, जब सूर्य गोचरवश भ्रमण करते हुए मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब इसे "मकर-संक्रांति" कहा जाता है। वर्ष 2019 में सूर्य दिनांक 14 जनवरी को सायंकाल 7 बजकर 51 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं। उदयकालीन तिथि की मान्यतानुसार सूर्य 15 जनवरी को प्रात: मकर राशि में हैं। अत: इसी दिन "मकर-संक्रांति" का पर्व मनाया जा रहा है। इस बार संक्रांति का वाहन सिंह एवं उपवाहन गज (हाथी) होगा। वर्ष 2019 में संक्रांति श्वेत वस्त्र धारण किए स्वर्ण-पात्र में अन्न ग्रहण करते हुए कुमकुम का लेप किए हुए उत्तर दिशा की ओर जाती हुई आ रही है। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में तिल का उबटन लगा कर स्नान करना विशेष लाभप्रद रहता है। मकर संक्रांति स्नान का पुण्य काल 14 जनवरी 2019 की अर्द्धरात्रि 2 बजकर 20 मिनट से दिनांक 15 जनवरी 2019 को प्रात:काल से लेकर सायंकाल 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। विशेष महत्व - मकर-संक्रांति के दिन तिल से बनी हुई वस्तुओं का दान देना श्रेयस्कर रहेगा। - तिल दान से शनि के कुप्रभाव कम होते हैं। - तिल मिश्रित जल से स्नान...