देश विरोधी है कांगे्रस पार्टी और राहुल गांधी

लखनऊ। कांग्रेस पार्टी शुरुआत से ही देश विरोधी कार्यों में लिप्त रही लेकिन हम भोले भारतीय इस बात को समझ न सके और समझते भी तो क्या कर लेते। जिस तरह का अभिनय मोहनदास करमचंद गांधी और जवाहरलाल नेहरू ने किया उससे तो यही लगता है कि इनके जैसे देशभक्त ढूंढे न मिलेंगे, लेकिन सत्यता कुछ और है। कांगे्रस की स्थापना करने वाला ओएस ह्यूम ने कुछ भारतीयों को लेकर स्वतंत्रता आंदोलन के लिए राजनीतिक पार्टी बनायी। इस पार्टी का तत्कालीन मुख्य उद्देश्य था भारत को अंगे्रजों से आजाद करना, यह हास्यास्पद ही है कि पए अंगे्रज ने ही अंगे्रजों से आजादी के लिए पार्टी बनायी। यदि ओएस ह्यूम इतना ही चाहता था भारतीयों को तो उसने ब्रिटेन की राजसत्ता के खिलाफ आवाजें क्यों नहीं बुलंद कीं। और इसी कांगे्रस के सेवा करने वाले हमारे महान भारतीय महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू जैसे कई दिग्गज कांगे्रस के खेवनहार बने और देश के लिए समस्या। कांगे्रस की सेवा करते हुए महात्मा गांधी छोटी-छोटी बच्चियों/युवतियों के साथ सोते थे, उन युवतियों के कंधे महात्मा गांधी का सहारा बनते थे, सवाल अहम है कि क्या पुरुषों के कंधे महात्मा गांधी का सहारा नहीं बन सकते थे। इतना ही नहीं, जब विश्व समुदाय के पत्रकारों ने महात्मा गांधी से पूछा कि आप छोटी बच्चियों के साथ सोते हैं, इसका क्या कारण है, महात्मा गांधी ने उस समय कहा कि मैं सत्य की खोज कर रहा हूं। ऐसा कौन सा सत्य था कि बापू बच्चियों के साथ सोकर ढूंढा करते थे। बापू के कई जघन्य कारनामे हैं जो अक्षम्य हैं, लेकिन हमारे देश में महात्मा गांधी जैसे लोगों की पूजा होती है। जिन्होंने अखण्ड भारत के बंटवारे में अहम भूमिका निभाई और गांधी का पाकिस्तान को पैसे देने के लिए आमरण अनशन कौन नहीं जानता। छोटे-छोटे बच्चे जवाहर लाल नेहरू को आदर्श मानते हैं, वह नेहरू जो विदेशी अंगे्रजों के साथ शराब और सिगरेट के खूब मजे लेते थे। पुराने लोगों ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि जवाहर लाल नेहरू के रिश्ते लार्ड माउंटबेटेन की पत्नी से थे, जो जगजाहिर थे। आचरणहीनों को सर्वोच्च सत्ता सौंपी गयी और देशभक्त स्वतंत्रता सेनानियों को देश ने ऐसे भुला दिया, जैसे महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ने ही देश को आजाद कराया हो। कहा यहां तक जाता है कि अंग्रेजों ने सुभाषचंद्र बोस के डर से भारत छोड़ा। लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष बाबू को कहीं का न छोड़ा और युद्ध अपराधी घोषित करवा दिया।

नेहरू ने चंद्रशेखर आजाद को कैसे मरवाया था, यह भी किसी से छिपा नहीं है। देश गुलाम बना तो भी भारतीय ही जिम्मेदार थे और आज राहुल गांधी राष्ट्रभक्तों को गाली दे रहे हैं तो भी भारतीय जिम्मेदार हैं। यह एकदम सही है कि भारतीय चेतना शून्य हो गयी है। इसीलिये तो भारत में कुछ भी हो सकता है, भारतीय नौजवान आज प्यार, मोहब्बत, मोबाइल में जीवन रमा रहा है। अगर यह सवाल कुछ समय पहले पूछा जाता कि भारत में रहने वाले कौन हैं तो यही जवाब मिलता कि हिंदू। लेकिन आज पूछा जाये कि भारत में रहने वाले कौन हैं तो यही जवाब मिलेगा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है, विविधताओं का देश है। अरे यह कैसे हो सकता है कि इसाइयों का देश है, मुस्लिमों का देश है, हिंदुओं का देश ही नहीं, जो सबसे प्राचीन सभ्यता है। विश्व समुदाय हिंदुत्व को विलुप्त करने में जुटी है, लेकिन हिंदुत्व कोई मानव निर्मित नहीं कि जब चाहे समाप्त किया जा सकता है। हिंदू को दूसरे शब्दों में कहें तो हिंदू ही देव है, लेकिन कुछ देव सो रहे हैं, कुछ सपने में हैं। नीति, नियामक बनाने वाले राजनेता उलूल-जुलूल बयान देते हैं, तो जनता उसका अनुसरण करेगी ही। इसीलिये राजनेता पूर्णतः भारतीय हो तभी देश के माथे पर चंदन लग सकता है। अंगे्रजों और मुगल आक्रांताओं के पहले कई राजाओं ने भारत को एक सूत्र में बांधा, आज भी ऐसे ही व्यक्तित्व की आवश्यकता है जो भारत को फिर से विश्व गुरू के मार्ग पर ले जाये। यह सौ फीसदी सही है कि कांगे्रस देश का सिर्फ नुकसान ही नुकसान किया है। आज कांगे्रस के खेवनहार राहुल गांधी बने हैं, वह राहुल गांधी, जिनके न मां का पता है न बाप का। कांगे्रसी कहते हैं कि राहुल गांधी पक्के ब्राह्मण हैं, अब गांधी कहां से ब्राह्मण होने लगे। चलो मान भी लेते हैं कि राहुल गांधी ब्राह्मण हैं तो फिरोज खान कौन था। और राहुल गांधी अपने को जवाहर लाल नेहरू खानदान से बताते हैं। राहुल, नेहरू खानदान के हैं तो गांधी क्यों लिखते हैं, लिखना तो नेहरू चाहिए। लेकिन राहुल गांधी न गांधी न नेहरू हैं, राहुल गांधी एक बहरूपिये की पैदाइश हैं, जो देश को हर हाल में लूटने की फिराक में रहते हैं और मौका पाकर हाथलपकई कर ही देते हैं। इसलिये हर भारतीय को स्वयं को जानना अति आवश्यक है, हर भारतीय ऋषि पु़त्र हैं। प्राचीन काल में ऋषि पुत्रों ने बड़े कारनामे किये थे, आज जरूरत है ऐसे आचरणवान ऋषि पुत्र बनने की, जो भारत को कांगे्रस मुक्त बनाने में सहयोग करें और फिर से विश्व गुरू बनें।
अभिषेक त्रिपाठी
दूरभाष: 8765587382
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।

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