कोयल और कौआ

बोधकथा : छोटे बालक ने मां से पूछा कि मां, कोयल और कौआ दोनों काले होते हैं लेकिन लोग कौए को मारते हैं और कोयल को प्यार क्यों करते हैं। मां ने बेटे से कहा कि सम्मान रूप के आधार पर नहीं, गुणों के आधार पर मिलता है। कोयल मीठी वाणी बोलती है और अपनी इन्हीं भावनाओं की मधुरता के कारण वह सबकी प्रिय बन गई है, जबकि कौआ अप्रिय वचन बोलने के कारण स्वार्थी व धूर्त माना जाता है और जनसामान्य के सम्मान से वंचित रह जाता है। रूपवान अपने रूप के कारण दूसरों को क्षणिक रूप से आकर्षित जरूर कर सकते हैं, लेकिन दीर्घ समय तक सम्मान के अधिकारी तो गुणवान ही होते हैं। सच ही किसी ने कहा है कि मधुर बोलने वाले का मिर्चा भी बिक जाता है और कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिकता।

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