राजा ने किसान से ली सीख
बोधकथा : एक राजा अत्यंत चिंतित एवं उदास रहा करता था। चिकित्सकों ने उसे प्रसन्न करने के बहुत प्रयास किए, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। किसी ने सुझाव दिया कि यदि राजा को किसी सुखी व प्रसन्न व्यक्ति का कुर्ता पहना दिया जाए तो राजा सुखी और प्रसन्न हो जाएंगे। राज्यकर्मी तुरंत ही ऐसे व्यक्ति की खोज में जुट गए। संयोगवश एक प्रसन्न व्यक्ति उन्हें मिल भी गया। राज्यकर्मी उसे राजा के पास लेकर पहुंचे, उसे देखते ही राजा खुशी से चीखा और बोला—लाओ जल्दी से अपना कुर्ता मुझे दे दो, मैं उसे पहन लूं। वह व्यक्ति बोला—राजन! मैं तो साधारण सा किसान हूं, कुर्ता तो क्या मैंने जीवन में एक अंगोछा भी नहीं देखा है, लेकिन जो मुझे मिला है, उससे मैं संतुष्ट हूं और उसी में प्रसन्न हूं। राजा की समझ में आ गया कि संतोष ही सुख का कारण है।
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