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12 साल बाद सूर्य और बृहस्पति की 'युति'

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ज्‍योतिष। ग्रहों के राजा माने गए सूर्य और सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाने वाले गुरु ग्रह का 12 साल बाद कुम्भ राशि में युति बना है। जब दो ग्रह एक ही राशि में हों तो इसे ग्रहों की युति कहा जाता है। जब दो ग्रह एक-दूसरे से सातवें स्थान पर हों अर्थात् 180 डिग्री पर हों, तो यह प्रतियुति कहलाती है। शुभ ग्रहों की युति शुभ फल देती है। 13 फरवरी 2022 को सूर्य कुम्भ राशि में प्रातः 3 बजकर 42 मिनट पर प्रवेश किया, जिसमें वह 30 दिन तक विराजमान रहेंगे। जबकि बृहस्पति पहले से ही कुम्भ राशि में अस्त अवस्था में विराजमान हैं। जब तक बृहस्पति अस्त अवस्था में शुभ कार्य वर्जित रहेगा। सूर्य और बृहस्पति के युति से कुछ राशियों पर शुभ असर होगा, यह स्थिति 15 मार्च 2022 तक रहेगी- मेष : इस राशि वालों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, हर काम में सफलता मिलेगी, नए काम शुरू करने के लिए अच्‍छा समय है। मेष राशि के जातकों के लिए यह समय आर्थिक लाभ कराएगा। मिथुन : इस राशि के जातकों के लिए गुरु-सूर्य की बड़ा लाभ कराएगी। कुछ लोगों के लिए यह समय करियर में ऊंचाइयों पर ले जाने वाला रहेगा, व्यापार में काफी मुनाफा होगा। सिंह : इस राशि वालों...

'नंदी' और 'भोलेनाथ' की कथा

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आस्था । बैल को बहुत काम करना होता है, काम यानि लोककल्याण के लिये अधिक कार्य करना। भगवान शंकर भी भोले और कर्मठ हैं, शिव ने नंदी बैल को ही अपने वाहन के रूप में इसीलिये चुना कि वृष यानि बैल काफी सुंदर, हष्ट-पुष्ट, सज्जन, स्वच्छ आदि जितनी सराहना की जाय कम हैं और मेहनत तो इतनी कि समाज का भला ही भला हो। भगवान शंकर का वाहन हैं नंदी यानि एक बैल। सौम्य-सात्विक बैल शक्ति का प्रतीक है, हिम्मत का प्रतीक है। शिवभक्त शिवलिंग के सामने बैठे नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते हैं। मान्यता है कि नंदी के कान में मनोकामनाएं बताने से जल्द पूर्ण हो जाती हैं। क्या है नंदी बैल की कहानी-शिलाद ऋषि ने पुत्र प्राप्ति के लिए शंकर भगवान की आराधना और घोर तपस्या की। अंतत: शिलाद को खेत की खोदाई के दौरान एक बच्चा मिला, बच्चे में सूर्य जैसा तेज था। शिलाद ऋषि उस बच्चे को घर ले गये और उसका नाम नंदी रखा। नंदी बहुत ही होशियार और बुद्धि से तेज था।  कुछ सालों बाद ऋषि मित्रा और ऋषि वरुण शिलाद के घर आए, शिलाद व नंदी ने उनका खूब सत्कार व सेवा की। दोनों ऋषि जब शिलाद के घर से जाने लगे तो उन्होंने कहा कि मैं आपके पुत्र को लम्बे...

27 फरवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे शुक्र, चार राशि वालों की मनोकामनाएं होंगी पूरी

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार 27 फरवरी 2022 को शनि की राशि मकर में गोचर करेंगे शुक्र। 27 फरवरी 2022 दिन रविवार की सुबह 7:10 बजे से 1 अप्रैल 2022 दिन शुक्रवार की सुबह 9:50 बजे तक शुक्र मकर राशि मे रहेंगे। शुक्र को धन, वैभव व सुख प्रदान करने वाला माना जाता है। शुक्र राशि परिवर्तन से चार राशि वालों के लिये उत्तम समय रहेगा। मेष : इस राशि के जातकों के लिए करियर में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी। इस दौरान नई नौकरी का प्रस्ताव आ सकता है। व्यापार में अचानक धन लाभ हो सकता है। इस राशि के दूसरे व 7वें भाव के स्वामी शुक्र देव हैं। वृष : इस राशि के पहले व छठवें भाव के स्वामी हैं शुक्र। इस दौरान वह नवम भाव में गोचर करेंगे, जिससे भाग्योदय होगा। जातक को मेहनत के दम पर सफलता मिलेगी। इस अवधि में भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। पदोन्नति के योग हैं। इस अवधि में अटके काम पूरे हो सकते हैं। धनु : शुक्र जातक के दूसरे यानि धन संचय, परिवार और वाणी भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान जातक का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। परिवार में कोई धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम हो सकता है। लम्बे समय से अटका धन वापस मिल सकता है। इस दौरान शुक्र जातक की...

महाशिवरात्रि : करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ

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ज्योतिष। शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि का पावन पर्व इस वर्ष यानि 2022 में 1 मार्च को मनाया जायेगा। शिव पुराण के अनुसार भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन बहुत खास होता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि की रात ही भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसके बाद से हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 28 फरवरी को रात्रि 1:59 से शुरू होकर 1 मार्च को रात्रि 12:17 तक रहेगा। महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले श्रद्धालु 2 मार्च को सुबह पारण करेंगे। महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्तों को सबसे पहले शिवलिंग पर चन्दन का लेप लगाकर पंचामृत (दही, दूध, एक चम्मच शहद, घी और चीनी) से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है, फिर दीप और कपूर जलाएं। पूजन करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। शिवलिंग पर बेल पत्र और फूल अर्पित करें, साथ ही साथ शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाक...

24 फरवरी को शनिदेव के उदित होने से आर्थिक लाभ

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार शनिदेव कलयुग के साक्षात भगवान हैं। शनिदेव के पिता सूर्य हैं। शनिदेव आधुनिक युग के न्यायाधीश हैं। शनिदेव का काला रंग ही ऐसा रंग है, जिस पर दूसरा और कोई रंग नहीं चढ़ता है। शनिदेव रोगमुक्ति तथा आयुवृद्धि की हमेशा कामना करते हैं। शनिदेव कलियुग के साक्षात भगवान हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे आसान मंत्र है- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। शनिदेव 22 जनवरी 2022 को अस्त हुए थे और अब 24 फरवरी 2022 को फिर से उदित होने वाले हैं। शनिदेव के उदित होने से तीन राशि के जातकों के जीवन बड़ा बदलाव होगा। मेष : इस राशि वालों की कुंडली के 10वें भाव में शनि का उदय होगा। जिस कारण कुंडली में राजयोग बनने वाला है। वेतन में बढ़ोत्तरी के आसार हैं। इसके अलावा व्यापार में आर्थिक लाभ की प्रबल योग हैं। मेष राशि के स्वामी मंगल भाग्य स्थान में बैठे हैं, जिससे राजसुख जैसा आनंद मिल सकता है। राजनीति से जुड़े जातकों को बड़ा पद मिल सकता है। वृष: शनिदेव जब 24 फरवरी को उदित होने से वृष राशि वालों की कुंडली में राजयोग बन रहा है। कार्यों में अपार सफल...

धन, वैभव, सुख, ऐश्वर्य व त़ांत्रिक विधाओं समेत कई अद्भुत गुणों से भरपूर पारस पीपल

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ज्योतिष : पारस पीपल के प्रयोग से धन, वैभव, सुख, ऐश्वर्य हासिल किया जा सकता है। आयुर्वेद में भी इसका महत्व है। पारस पीपल से नशे जैसी लत भी छुड़ाई जा सकती है। पारस पीपल के पत्ते, फूल और छाल का उपयोग कई तरह की तंत्र विधाओं में किया जाता है। इनमें सबसे अधिक प्रयोग वशीकरण में किया जाता है। पारस पीपल के पंचगव्य यानी पत्ते, फूल, छाल, रस और जड़, इन पांच चीजों को केसर के साथ घोटकर मस्तक पर तिलक करने से तीव्र वशीकरण होता है। सर्वविदित है कि पारस पीपल की पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और धन की देवी मां लक्ष्मी खुश होकर मालामाल कर देती हैं। बता दें कि बहुत कोशिश करने के बाद भी पैसों की तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो पारस पीपल के 108 पत्तों पर भगवान विष्णु का नाम लिखकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें, इससे पैसों की तंगी दूर होती है। पारस पीपल के 11 पत्तों पर ओम् हं हनुमतये नमः लिखकर बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से बुरी नजर का प्रकोप खत्म होता है। विवाह में देरी हो रही है तो योग्य जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं तो ऐसे में प्रत्येक दिन पारस पीपल की जड़ में जल अर्पित करें, ऐसा करने से शाद...

1 मार्च को है महाशिवरात्रि, 5 राशि वालों पर होगी भोलेनाथ की विशेष कृपा

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ज्योतिष : शास्त्र के अनुसार इस बार यानि 2022 में महाशिवरात्रि पर पंच ग्रहों का महासंयोग और दो महाशुभ योग बन रहे हैं, जो मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला है। 1 मार्च 2022 को मकर राशि में शुक्र, मंगल, बुध, चंद्र, शनि के संयोग के साथ ही केदार योग भी बनेगा। फाल्गुन माह के  कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवभक्त महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं। इस बार यह शुभ तिथि 1 मार्च दिन मंगलवार को है। महाशिवरात्रि पर इस बार दुर्लभ संयोग रहेगा। शिव पूजन का संयोग 28 फरवरी को प्रदोष काल (सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय प्रदोष काल माना जाता है प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंदिर जाकर दर्शन करना शुभ होता है) से शुरू होगा, इसके चलते तीन दिनों तक पूजन अनुष्ठान होंगे। एक मार्च को महाशिवरात्रि और दो मार्च को अमावस्या होगी। शिवरात्रि चतुर्दशी तिथि एक मार्च की प्रात: 3:16 मिनट से 2 मार्च की रात एक बजे तक रहेगी। मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्याग कर गृहस्थ जीवन अपनाया था। बता दें कि कोरोना संक्रमण थमने से मंदिरों...