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विनम्रता से करें समाज की सेवा

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बोधकथा। शिष्यों की शिक्षा पूरी होने के बाद संत ने उन्हें अपने पास बुलाया और कहा कि प्यारे शिष्यों समय आ गया है अब तुम सबको समाज के कठोर नियमों का पालन करते हुए विनम्रता से समाज की सेवा करनी होगी। एक शिष्य ने कहा, गुरुदेव हर समय विनम्रता से काम नहीं चलता! थोड़ी देर चुप रहने के बाद संत बोले-ज़रा मेरे मुँह के अंदर झाँक कर देख के बताओ अब कितने दाँत बचे हैं। बारी-बारी से शिष्यों ने संत का मुँह देखा और एक साथ बोले-आपके सभी दाँत टूट चुके हैं। संत ने कहा जीभ है कि नहीं? जीभ जन्म से मृत्यु तक साथ रहती हैं। जीभ इसलिए नहीं टूटती क्योंकि उसमें लोच है, वह विनम्र होकर अंदर पड़ी रहती हैं, उसमें किसी तरह का अहंकार नहीं है उसमें विनम्रता से सब कुछ सहने की शक्ति है, इसलिए वह हमारा साथ देती है जबकि दाँत बहुत कठोर होते हैं, उन्हें अपनी कठोरता पे अभिमान होता है, वह जानते हैं उनके वजह से ही इंसान की खूबसूरती बढ़ती है, इसलिए वह बहुत कठोर होते हैं, उनका ये अहंकार और कठोरता उनकी बर्बादी का कारण बनती हैं, इसलिए तुम्हें अगर समाज की सेवा अच्छे से करनी हैं, जीभ की तरह बनो। बता दें विनम्रता एक भाव है और भाव का सम्बन्ध ...

44 दिन तक चार राशियों पर रहेगी 'मंगल' की विशेष कृपा, जातक होंगे मालामाल

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ज्योतिष। लाल ग्रह यानि 'मंगल' 27 जून 2022 को स्वयं की राशि मेष में प्रवेश करेंगे। मेष राशि में मंगल 10 अगस्त 2022 तक विराजमान रहेंगे। इस दौरान चार राशि के जातकों को विशेष धन लाभ होने वाला है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमारे सौरमंडल में मंगल सूर्य से 14.2 करोड़ मील दूर स्थित है। धरती सूर्य से 9.3 करोड़ मील की दूरी पर है। ज्ञात हो कि मंगल का मेष और वृश्चिक राशि पर आधिपत्य है। मेष : इस राशि के जातक इस दौरान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मंगल का ये गोचर नौकरीपेशा के लिए भी लाभकारी है। कार्यस्थल पर काम की तारीफ होगी। इस अवधि यानि 27 जून से 10 अगस्त तक में करियर में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। मिथुन : इस राशि के जातकों के लिए गोचर भी लाभकारी रहने वाला है। आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी। पदोन्नति के प्रबल आसार हैं। नई नौकरी के लिये नये रास्ते खुलेंगे। सिंह : इस राशि के जातकों को एक नहीं, कई स्रोतों से धन की वृद्धि होगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। नौकरी व व्यवसाय में सफलता मिलेगी। निवेश के लिए अनुकूल समय।  तुला : इस राशि के जातकों को व्यवसाय में अच्छा मुनाफा मिलेगा। करियर के लिए अच्छा समय, आमदनी...

कर्क व वृश्चिक राशियां शनि ढैय्या से पीड़ित

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ज्योतिष। शनि को सबसे धीमी गति का ग्रह माना गया है। यही कारण है कि शनि को एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। 5 जून 2022 को सुबह 3:16 बजे शनिदेव वक्री हुये थे। वक्री शनि अब 141 दिन बाद मार्गी होंगे। शनि 23 अक्टूबर 2022, रविवार को प्रात: 9 बजकर 37 मिनट पर मार्गी होंगे। यानी शनि फिर से अपनी सीधी चाल शुरू करेंगे। मौजूदा समय में कर्क व वृश्चिक राशियां शनि ढैय्या से पीड़ित हैं। मकर, कुम्भ व मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। ऐसे में इन राशियों के जातकों को शनि की वक्री अवस्था के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। शनिदेव वृष, कन्या और धनु राशि वालों के लिए शुभ साबित हो सकते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करना चाहिए। शनि चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। तुला राशि शनि देव की सबसे प्रिय राशि मानी जाती है। इस राशि के जातक बहुत ही सच्चे और ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने वाले होते हैं। माना जाता है कि इस राशि के लोगों पर शनि की विशेष कृपा बनी रहती है। बता दें कि ग्रह दो तरह से गति करते हैं—म...

आषाढ़ माह से ही शुरू होता है चतुर्मास, पूर्णिमा का खास महत्व

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ज्योतिष। 15 जून 2022 दिन बुधवार से आषाढ़ माह शुरू हो रहा है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को ही गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। आषाढ़ माह से ही वर्षा ऋतु की विधिवत शुरुआत मानी जाती है। किसानों के लिए ये मास बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आषाढ़ माह में जल में जंतुओं की उत्पत्ति बढ़ जाती है अत: इस माह में जल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आषाढ़ माह में पाचन क्रिया भी मंद पड़ जाती है अत: इस मास में सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस मास ही नहीं बल्की अगले तीन माह तक सेहत का ध्यान रखना चाहिए। इस महीने में जल युक्त फल खाने चाहिए। आषाढ़ में बेल बिलकुल भी न खाएं। इसी माह में देव सो जाते हैं। इसी माह में देवशयनी या हरिशयनी एकादशी होती है। इसी दिन से सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। आषाढ़ माह से ही चतुर्मास शुरू हो जाता है। चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। इस अवधि में यात्राएं रोककर संत समाज एक ही स्थान पर रहकर व्रत, ध्यान और तप...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असमवासियों को दी शुभकामनायें

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विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के केएएसी कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत पर असमवासियों की सराहना की। केएएसी चुनाव के परिणाम में भाजपा की भारी जीत के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केएएसी चुनाव परिणाम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि असम के लोग पार्टी पर विश्वास कर रहे हैं। असम में हुए कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के चुनाव का रिजल्ट बीते रविवार को घोषित किया गया था। इस चुनाव में भाजपा की भारी जीत देखने को मिली। केएएसी चुनाव के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की और कांग्रेस अपना खाता खोलने में भी असफल रही। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कार्बी आंगलोंग के चुनाव परिणाम ऐतिहासिक है। मैं लोगों को लगातार भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास बनाए रखने के लिए धन्यवाद देता हूं और लोगों को इस बात का आश्वासन देना चाहता हूं कि हम असम के विकास में लगातार काम करते रहेंगे। असम में भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के किए गए प्रयास सराहनीय हैं। इस जीत के लिए उन्हें भ...

आखिर दुष्टों का अन्याय कब तक सहेगा हिंदू समाज

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विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का 21 जून 1940 को निधन हो गया था, यह एक संयोग है कि 21 जून को ही विश्व योग दिवस मनाया जाता है। 15 वर्ष हेडगेवार का का शरीर तोड़ परिश्रम, नाम मात्र विश्राम, स्वास्थ्यप्रद आहार की दुर्लभता और अपनी रुग्णता की ओर ध्यान न देकर काम में लगे रहना। डॉ. साहब बीमार रहते हुए भी स्वस्थ मनुष्यों की अपेक्षा 8 से 10 गुना काम कर लेते थे। सर्वविदित है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शुरुआत 1925 में विजयदशमी के दिन मोहिते के बाड़ा में हुई थी। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार देश के लिये बहुत चिंतित थे। हेडगेवार का कहना था कि आज चारों ओर से आवाज आ रही है कि अहिंदू समाज बहुसंख्यक हिंदुओं पर आक्रमण कर रहे हैं। परिस्थिति ऐसी क्यों हैं?  अहिंदू समाज के लोग हमसे मिल जुलकर क्यों नहीं रह सकते? यह तो दूर उल्टे वह हमें सताते हैं और हम निरर्थक चिल्लाते हैं कि हम क्या करें? हमारा कोई पता नहीं क्या यह क्रंदन ठीक है? अंग्रेजी में एक कहावत है– God helpes those who help themselvees, जिसका अर्थ है, ईश्वर उनकी सहायता करता है जो स्वयं अपनी सहायता करते हैं। मेरी...

15 जून से 16 जुलाई तक मिथुन राशि में रहेंगे सूर्य

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ज्योतिष। 15 जून 2022 को सूर्य ग्रह वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। करने जा रहे हैं। इस राशि परिवर्तन से 4 राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलने वाला है। मिथुन राशि में सूर्य ग्रह 16 जुलाई तक विराजमान रहेंगे। सूर्य को प्रसिद्धि, नाम, प्रतिष्ठा, सरकारी नौकरी, सफलता, मान-सम्मान और करियर आदि का कारक माना गया है, जिन जातकों की कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, उन्हें अच्छी नौकरी, नौकरी में पद और प्रमोशन आदि मिलता है। वृष राशि : इस राशि के जातकों की सैलरी बढ़ने की सम्भावना है, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वहीं, अगर निवेश करने की सोच रहे हैं, तो समय अनुकूल है। निवेश से अच्छा लाभ हो सकता है। विदेश में नौकरी पाना चाह रहे जातकों के लिए भी ये समय अनुकूल है। कन्या : गोचर के दौरान एक माह शुभ फलदायी रहने वाला है। इस राशि के जातकों को करियर में सफलता मिलेगी, वेतन में बढ़ोत्तरी की सम्भावना है। सिंह : इस राशि के जातकों के आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। नई नौकरी की तलाश में हैं, तो जल्द पूरी होगी। आय के नए रास्ते खुलेंगे। तुला : इस राशि के...