गंगा दशहरा पर स्वास्थ्य व मनवांछित परिणाम के लिए करें मंत्रोच्चार
ज्योतिष : प्रत्येक ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है, इसी तिथि को मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। सनातन धर्म के अनुसार गंगा दशहरा पवित्र नदियों में स्नान और दान का पर्व है। इस दिन गंगा स्नान के बाद दान देने की परम्परा है। मान्यता है कि इस दिन जल का बर्तन दान देने से अत्यधिक पुण्य का लाभ होता है। स्नान के बाद भगवान शिव का अभिषेक और पूजा अर्चना करने से भक्त के सभी अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं और घर में सुख, समृद्धि आती है। गंगा दशहरा के दिन भगीरथ की तपस्या से मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। ज्योतिष के अनुसार गंगा दशहरा के दिन सुबह-सवेरे गंगा स्नान करने के बाद नदी के तट पर मंत्र—
‘संसार विष नाशिन्यै, जीवनायै नमोऽस्तु ते, ताप त्रय संहन्त्र्यै, प्राणेश्यै ते नमो नमः’ का 11 बार जप करना चाहिए। साथ ही मन ही मन मां गंगा से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह कृपा करें और सेहतमंद बनाएं। यदि गंगा नदी में नहाने का सौभाग्य नहीं मिल रहा है तो घर में ही स्नान के जल में गंगा जल डालकर स्नान करें और मंत्रोच्चार करें, ऐसा करने से जातकों की तबियत धीरे-धीरे सही होने लगती है।
‘संसार विष नाशिन्यै, जीवनायै नमोऽस्तु ते, ताप त्रय संहन्त्र्यै, प्राणेश्यै ते नमो नमः’ का 11 बार जप करना चाहिए। साथ ही मन ही मन मां गंगा से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह कृपा करें और सेहतमंद बनाएं। यदि गंगा नदी में नहाने का सौभाग्य नहीं मिल रहा है तो घर में ही स्नान के जल में गंगा जल डालकर स्नान करें और मंत्रोच्चार करें, ऐसा करने से जातकों की तबियत धीरे-धीरे सही होने लगती है।
मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन ‘शान्तायै च वरिष्ठायै वरदायै नमो नमः’ मंत्र का पूरी श्रद्धा और विश्वास से 21 बार पाठ कर लिया जाए। तो मां गंगा की कृपा से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। इसके अलावा गंगा दशहरा के दिन सत्यनारायण कथा सुनना अति लाभकारी होता है। इस बार दशमी तिथि— 19 जून 2021, शनिवार शाम छह बजकर 50 मिनट पर व दशमी तिथि का समापन 20 जून 2021, रविवार को शाम 4 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है।
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