सही से हस्ताक्षर नहीं कर पातीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका

लखनऊ : कांग्रेस के क्रियाकलाप व करतूत तो देश की अधिकतर जनता जानती ही है, बस कांग्रेस के बारे में वही लोग नहीं जानते जो जानना नहीं चाहते हैं, बस किसी तरह अपनी दुकान चलाना या पेट पालना चाहते हैं। कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरने के लिए 'पप्पू' अरे राहुल गांधी को लगाया है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टक्कर लेने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को लगाया है। कांग्रेस की नजर में दोनों, नेता राहुल गांधी व नेत्री प्रियंका गांधी सरकारों को खूब टक्कर देने का नाटक तो कर रहे हैं, लेकिन अपने ही ठोकर से हमेशा मुंह की ही खा रहे हैं, जिस दिन भाजपा वाले पलटवार करेंगे, न जाने उस दिन क्या होगा। बहरहाल मामला उत्तर प्रदेश से है जहां पर कांग्रेस की दिग्गज नेत्री प्रियंका वाड्रा ने जेल में बंद गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलम्बित डॉक्टर कफील खान की रिहाई को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भेजी है, जिसमें उन्होंने अपना हस्ताक्षर गलत किया है।




 यानि प्रियंका वाड्रा अपना हस्ताक्षर सही से नहीं कर पाती हैं और योगी को नसीहत देती ही जा रही हैं। जो बंदी ठीक से हस्ताक्षर नहीं कर पाती वह दूसरों को सबक सिखाने की बात करती है यानि प्रियंका वाड्रा की बातें व कार्य उसी तरह झूठे हैं जैसे उनका एक चिट्ठी पर किया हुआ हस्ताक्षर। मीडिया से लेकर हर जगह प्रियंका ही लिखा—पढ़ा जाता है तो उन्होंने ​चिट्ठी पर 'प्रियांका' गांधी वाड्रा का दस्तखत क्यों किया। कांग्रेस के यह दोनों प्यांदे राहुल और प्रियंका भाजपा सरकार की प्रत्येक नीति को गलत बताते हैं, लेकिन गलत क्या हुआ यह कभी नहीं बताते या यूं कहें कि बता ही नहीं पाते। मा​न लिया जाये कि भाजपा सरकार से जाने—अन्जाने में कोई गलत फैसले हो गये, कोई गलत कार्य हो गये उस पर हो—हल्ला मचाना तो ठीक है लेकिन भाजपा सरकार को हर फैसले का विरोध करना, गलत बताना यह निहायत ही निंदनीय है। भाजपा सरकार के किसी फैसले की यदि किसी क्षेत्रीय दल ने प्रशंसा की तो कांग्रेस पार्टी उसकी आलोचना शुरू कर देती है। आजमगढ़ में दलितों के घर जलाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े फैसले लिये थे, जिसकी प्रशंसा बसपा मुखिया मायावती ने की थी, लेकिन यह प्रशंसा कांग्रेस को नागवार गुजरा और मायावती को भाजपा का अघोषित प्रवक्ता बता दिया। 

अहम सवाल यह है कि क्या भाजपा सरकार/सरकारों के सारे फैसले गलत ही रहते हैं, क्या जनहित फैसले नहीं करती भाजपा। क्या भाजपा सरकार सौ में से सौ फैसले या कार्य गलत करती है। अरे कांग्रेस के जानकारों किसी एक फैसले पर तो सहमति बना लो और प्रियंका को हस्ताक्षर करना सिखाओ, नहीं तो लोग तो कांग्रेस के क्रियाकलापों पर मजा तो ले ही रहे हैं। एक बात और गौरतलब है कि जनता आपको कितना भी बहिष्कार करे, कितनी भी गालियां दे, लेकिन आप लोग हो कि देशविरोधी व जनविरोधी कार्य करते ही जा रहे हो, दोष भाजपा का है कि इतने सारे गलत आरोपों के बीच कांग्रेस के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं, जो देशहित में बिल्कुल भी नहीं है।

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