संदेश

शांत चित से करें बात

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बोधकथा : एक बार संत ने आश्रम में शिष्यों से पूछा कि जब दो लोग झगड़ते हैं और एक-दूसरे पर गुस्सा होते हैं तो जोर-जोर से चिल्लाते क्यों हैं? बड़े सोच-विचार के बाद एक शिष्य खड़ा हुआ और बोला—दोनों लोग अपनी शांति खो चुके होते हैं, इसलिए चिल्लाते हैं। संत ने दूसरे शिष्यों से जवाब मांगा। कुछ और शिष्यों ने अपने-अपने हिसाब से जवाब दिए, लेकिन संत संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने स्वयं उत्तर दिया। बोले–जब दो लोग एक-दूसरे से गुस्सा होते हैं तो उनके दिलों में दूरियां बढ़ जाती हैं। जब दिलों की दूरियां बढ़ जाए तो आवाज को वहां तक पहुंचाने के लिए उसका तेज होना जरूरी है। दूरियां जितनी ज्यादा होंगी, उतनी तेज चिल्लाना पड़ेगा। संत ने यह भी कहा कि इसके ठीक उलट जब दो लोगों में प्रेम होता है तो उन्हें ऊंची आवाज में बात करने की जरूरत नहीं होती। कई बात को बिना बोले ही काम हो जाता है। अपनी पूरी बात का सार बताते हुए संत ने आखिर में कहा, जब भी बहस करें तो दिलों की दूरियों को न बढऩे दें। शांत चित और धीमी आवाज में ही बात करें।

खतरा पैदा कर सकते हैं आतंकी!

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विचार : पंजाब के तरनतारन इलाके में पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा हथियार गिराये जाने तथा खालिस्तान चरमपंथियों की गिरफ्तारी व हथियार बरामदी की घटना एक भयावह खतरे के प्रति चेता रही है। गिरफ्तार चरमपंथियों की निशानदेही पर वापस उडऩे में विफल होने पर जलाये गये ड्रोन के अवशेष बरामद होना कुछ राहत देता है। मगर, तमाम सवाल भी खड़े करता है। आखिर भारतीय सीमा में ड्रोन की दखल की खबर सीमा सुरक्षा बल व शेष निगरानी तंत्र को क्यों नहीं मिली। सवाल यह भी कि एक बार में दस किलो सामान उठाने वाले ड्रोन के जरिये इतनी बड़ी मात्रा में हथियार कैसे और कितनी बार में लाये गये। जाहिर है इसी ड्रोन ने ही कई फेरे लगाये होंगे या फिर ज्यादा संख्या में ड्रोन इस साजिश में शामिल थे। यदि इसी ड्रोन ने ही अत्याधुनिक हथियार, गोला-बारूद, सैटेलाइट फोन तथा नकली करेंसी भारत पहुंचायी तो निश्चय ही इसने ज्यादा चक्कर लगाये होंगे। ऐसे में यह बार-बार भारत आने के बावजूद कैसे हमारे सुरक्षा तंत्र की पकड़ में नहीं आ सका। सवाल यह भी उठ सकता है कि क्या पहले भी ड्रोन की घुसपैठ हुई  यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है। इसके बावजूद जबकि पहले से ही आशंका थ...

रोजाना दूध के सेवन से नहीं होता है क्रॉनिक डिजीज!

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स्वास्थ्य : आहार में शामिल करने को आयुर्वेद से लेकर मॉर्डन मेडिकल से जुड़े डॉक्टर्स भी दूध को अहम मानते हैं। इससे हड्डियां तो मजबूत होती ही हैं, साथ ही मसल्स को हुए नुकसान को ठीक करने, रेड ब्लड सेल्स को हेल्दी बनाए रखने जैसे फायदे भी होते हैं। अब दूध का एक और फायदा सामने आया है। वॉशिंगटन में हुई स्टडी के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति रोज दूध पीता है तो उसे क्रॉनिक डिजीज (लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों) से खुद का बचाव करने में मदद मिलती है। इस स्टडी को अडवांस इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। प्रेग्नेंसी के दौरान दूध पीने का बच्चे के जन्म के समय हेल्दी वेट, बोन मिनरल और लंबाई पर सकारात्मक असर होता है। इसी तरह रोजाना दूध को आहार का हिस्सा बनाने पर बुजुर्गों को शारीरिक कमजोरी और मसल्स के कमजोर होने की स्थिति से बचाया जा सकता है। दूध के सेहत और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों जैसे दिल की बीमारी, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, ब्लैडर कैंसर और टाइप 2 पर असर पर मौजूद ग्लोबल साइंटिफिक लिटरेचर को रिव्यू किया गया। इसके साथ ही इस स्टडी में दूध और मिल्क बेस्ड प्रॉडक्ट्स का ग्रोथ, बोन मिनरल डेंसिट...

अब केला दूर करेगा चेहरे की झुर्रियां

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जीवनशैली : केले से आप अपने चेहरे की झुर्रियों को भी दूर कर सकते हैं. केले से अब चेहरे की झुर्रियां भी गायब हो सकती हैं. ज्यादातर महिलाएं बढ़ती उम्र के साथ अपने चेहरे की झुर्रियों को लेकर काफी परेशान रहती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और लाइफस्टाइल के चलते कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती हैं. अब इन झुर्रियों को बड़ी ही आसानी से घर में मौजूद केले से दूर किया जा सकेगा. आइए आपको बताते हैं कि किस तरह से केला इसमें मददगार साबित हो सकता है. दरअसल, केले के छिलके में लूटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है. इसके अलावा यह एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. केले में विटामीन ए की मात्रा भी बहुत अधिक होती है. लूटीन स्किन को सूरज की रोशनी से होने वाली बीमारियों से बचाता है. केले के छिलके में फैटी एसिड्स भी मौजूद होते हैं जो कि चेहरे पर लोशन का काम करते हैं. यह चेहरे की त्वचा को कोमल बनाती है. चेहरे पर केले के छिलके का प्रयोग करने से पहले अपने फेस को अच्छी तरह से धो लें. इसके लिए आप फेस वॉश या फिर क्लींजर का इस्तेमाल कर सकती हैं. चेहरे का तेल और गंदगी जब दूर हो जा...

बदलते मौसम में बच्चों को रखें सेहतमंद

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जीवनशैली : अचानक मौसम का असर सबसे पहले बच्चों पर होता है। ऐसे में उनकी सेहत को लेकर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी हो जाता है। आजकल सुबह और शाम के वक्त हल्की ठंड होने लगी है, इसका असर बड़ों पर कम होता है पर बच्चे जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। लेकिन यह ठंड इतनी भी नहीं है कि बच्चों को फुल कपड़ों में लपेट दिया जाए। यह मौसम बीमार करनेवाला होता है। इस समय इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के खान-पान पर ध्यान दें। बच्चों को आंवला और अदरक जैसी चीजें खिलाना बहुत मुश्किल काम है। लेकिन इन चीजों के सेवन से उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए उनके बैग में एक पाउच बनाकर रखें, जिसमें आंवला और अदर कैंडी रखी हो। उनमें ये अच्छी आदते डालने के लिए आप खुद भी उनके सामने इनका सेवन करें। बच्चों को इन चीजों के फायदे के बारे में बताएं। कुछ बच्चों को मीठा खाना बिल्कुल पसंद नहीं होता है। खासकर टीनेजर बच्चों को कैंडी खाने के लिए मनाना अपने आप में एक मुसीबत भरा काम है। ऐसे में आप उन्हें शहद मिला काढ़ा और हल्दी वाला दूध पीने की आदत डालें। ताकि बदलते मौसम में खासी-जुकाम-बुखार जैसी बीमा...

ज्ञान का आदर

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बोधकथा : मुगल शासक शाहजहां के दौर में संस्कृति और विज्ञान से जुड़े शास्त्रार्थ हुआ करते थे। एक बार शास्त्रार्थ का आयोजन करवाकर शाहजहां ने घोषणा की कि जो भी इस शास्त्रार्थ में जीतेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा और हारने वाले को जेल की सज़ा काटनी होगी। शास्त्रार्थ के लिए देश के अलग-अलग कोने से पंडित, मौलवी और विद्वान आए। शास्त्रार्थ कई दिन तक चला। पंडितों को हर बार हार का सामना करना पड़ा। सभी को सज़ा के तौर पर जेल भेजा गया। एक दिन की मोहलत देकर शाहजहां ने यह घोषणा कर दी कि अगर कोई हिन्दू विद्वान बचा है तो वह सामने आए अन्यथा मुसलमानों को विजयी घोषित कर दिया जाएगा। उस समय काशी में महापंडित महाज्ञानी जगन्नाथ मिश्र शाहजहां के महल पहुंचे और उनसे शास्त्रार्थ को आगे बढ़ाने को कहा। मौलवियों और विद्वानों के बीच बैठकर जगन्न्नाथ मिश्र ने शास्त्रार्थ आरंभ किया। शास्त्रार्थ निरंतर 3 दिन और 3 रातों तक चला और देखते ही देखते सभी मुसलमान विद्वान इसमें परास्त होते चले गए। शास्त्रार्थ को झरोखे में बैठी शाहजहां की बेटी लवंगी भी देख रही थी। बादशाह ने उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया। बंदी पंडितों को मुक्त कर ...

लाल चंदन लगाने से मिलता है झुर्रिंयों और पिंप्ल्स से छुटकारा

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जीवनशैली : जिन लोगों की स्किन बहुत ऑयली हैं उनके लिए लाल चंदन बहुत बढ़िया है क्योंकि चंदन में कूलिंग इफेक्ट होता है जो पिंपल्स की समस्या को कम करने में मदद करता है। आपको बस 1 चम्मच लाल चंदन, 1 आधा चम्मच हल्दी और जरूरत अनुसार पानीलेकर इन चीजों को मिक्स करना है और पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाना है। आधे घंटे बाद जब यह सूख जाए तो इसे ताजे पानी से धो लेना है। यह पैक आप हफ्ते में दो बार लगा सकती हैं। पिंपल्स की छुट्टी होगी।  झुर्रियां स्किन को बूढ़ा दिखाती हैं और कोई भी बूढ़ा दिखना नहीं चाहता अगर आप चाहते हैं कि स्किन पर झुर्रियां न पड़े तो 3 चम्मच लाल चंदन में 2 चम्मच कैमोमाइल टी मिलाएं और उसे चेहरे पर लगाकर आधा घंटा के लिए छोड़ दें। अब चेहरे को पानी से अच्छी तरह धो लें। चेहरा पोछ लें और फिर मॉइश्चराइजर लगा लें। यह पैक आप हफ्ते में 1 लगाएं। आपको फर्क दिखाई देगा। जिन लोगों की स्किन बहुत ज्यादा रूखी होती हैं वह लाल चंदन का इस्तेमाल स्पैशल पैक बना कर कर सकती हैं, उन्हें 2 चम्मच लाल चंदन में 2 चम्मच शहद मिक्स करना हैं और चेहरे पर लगाना हैं। इससे स्किन को नमी मिलेगी और ड्राईनेस से छुटकारा। आ...