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10 फरवरी को है बसंत पंचमी : मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार करें वंदना

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ज्योतिष डेस्क : बसंत पंचमी इस वर्ष दस फरवरी को पड़ रही है। बसंत-पंचमी यानी मां सरस्वती के जन्मदिन पर देवी को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार वंदना करें। राशि के अनुसार मंत्र जपने से मां शारदा सुख, संपत्ति, विद्या, बुद्धि, यश, कीर्ति, पराक्रम, प्रतिभा और विलक्षण वाणी का आशीष प्रदान करती है। राशि के अनुसार सरस्वती मंत्र- मेष- ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नम: वृषभ- ॐ कौमुदी ज्ञानदायनी नम: मिथुन- ॐ मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नम: कर्क- ॐ मां चन्द्रिका दैव्यै नम: सिंह- ॐ मां कमलहास विकासिनी नम: कन्या- ॐ मां प्रणवनाद विकासिनी नम: तुला- ॐ मां हंससुवाहिनी नम: वृश्चिक- ॐ शारदै दैव्यै चंद्रकांति नम: धनु- ॐ जगती वीणावादिनी नम: मकर- ॐ बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नम: कुंभ- ॐ ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नम: मीन- ॐ वरदायिनी मां भारती नम:

षटतिला एकादशी पर काले तिल का अचूक करने से जल्द विवाह का योग भी बन जाता है

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ज्योतिष डेस्क : आज 31 दिसंबर को षटतिला एकादशी है। माघ माह की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। षटतिला एकादशी का पूजन विधान पूर्वक करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी में तिल का दान करने और श्रद्धा पूर्वक व्रत रखने से जन्म-जन्मान्तरों के पाप कट जाते हैं। इतना ही नहीं षटतिला एकादशी पर काले तिल का अचूक करने से जल्द विवाह का योग भी बन जाता है। - षटतिला एकादशी के दिन स्वच्छ होकर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें। - भगवान विष्णु जी की प्रतिमा पर पीले फूल की माला चढ़ाएं और केसर, हल्दी और चंदन का तिलक करें।  - हरिवंश पुराण का पाठ या विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। - ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का 108 बार जाप करते हुए हवन करें। - ब्रह्ममुहूर्त में सूर्य को जल चढ़ाते हुए तीन बार सूर्य मंत्र- ॐ सूर्याय: नम: बोले, ऐसा रोज करें। - शिवजी और शनि पर काले तिल चढ़ाएं और बहते पानी में नारियल बहाएं। - आठ मीठी रोटियां भूरे कुत्ते को खिलाएं। साबुत उड़द, लोहा, काला तिल दान करें। - षटतिला एकादशी पर व्रत कर शाम को काली गाय को तिल की रोटी ख...

प्रतिदिन बढ़ रही है चमत्कारी मूर्ति का आकार, भक्तों की लम्बी कतार

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अध्यात्म : आंध्र प्रदेश चित्तूर स्थित विघ्नहर्ता कनिपक्कम गणपति मंदिर की, जो अपने चमत्कारों के लिए जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ा हुआ एक ऐसा रहस्य है जिसके बारे में जो भी सुनता है वो दंग रह जाता है। इस चमत्कारी मंदिर में भगवान गणेश की जो मूर्ति रखी हुई है उसका आकार हर रोज़ बढ़ता जा रहा है। चौंकिए नहीं, सुनने में भले ही यह थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन ये बिल्कुल सच है। ये मंदिर नदी के बीचों-बीच स्थित है। इस मंदिर में भगवान गणपति की मूर्ति के बढ़ते हुए आकार की वजह से यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।   इस मंदिर से जुड़ी हुई एक कहानी है जिसके मुताबिक़ तीन भाई थे जिनमें एक गूंगा, दूसरा बहरा और तीसरा अंधा था। इन तीनों ने मिलकर एक ज़मीन खरीदी और जब खेती के लिए पानी की जरुरत पूरी करने के लिए इस ज़मीन पर कुआं खोद रहे थे तभी काफी खोदने के बाद पानी निकला। पानी निकलने के बाद उन भाइयों ने देखा कि वहां एक पत्थर है जिसे हटाने पर लाल पानी निकला और तीनों भाई बिल्कुल ठीक हो गए। इस बात जी जानकारी जब गांव वालों को हुई तो सभी लोग वहां पहुंच गए। इसके बाद इन सभी लोगों को गणेश जी की एक मूर्ति दिखाई दी...

शरीर व हड्डियों को मजबूत बतनाता है कैल्शियम

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स्वस्थ्य : घर के बड़े बुजुर्ग रोजाना दूध पीने की सलाह देते हैं क्योंकि इसे पीने से शरीर को कैल्शियम मिलता है, लेकिन कई लोगों को दूध का स्वाद बिलकुल नहीं भाता। ऐसे में शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए आपके पास कई अन्य विकल्प भी है। बीज : अलसी, कद्दू और तिल के बीज कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं। इनमें कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पर्याप्त मात्रा में होता है। दही : एक कप सादे दही में 30 प्रतिशत कैल्शियम के साथ-साथ फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन B2 और B12 होता है, इसीलिए यदि आपको दूध नहीं पसंद तो आप दही खा सकते हैं। बीन्स : एक कप बीन्स में 24 प्रतिशत तक कैल्शियम होता है इसीलिए बीन्स को आपनी डाइट में शामिल करने से शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है। पनीर : पनीर में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। पनीर सेवन करने से शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन की भी कमी भी पूरी हो जाती है। बादाम : बादाम खाने से भी हड्डियां मजबूत होती है क्योंकि इसमें भी कैल्शियम पाया जाता है। पालक : पालक में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। 100 ग्राम पालक में 99 मि.ली कैल्श...

कहीं आपका बच्चा गांजा तो नहीं फूंक रहा!

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जीवनशैली : आजकल युवा पीढ़ी शराब के साथ गांजा, चरस, अफीम जैसे खतरनाक नशों में डूबता जा रहा है। देश के युवाओं में नशे के प्रति रुझान के चलते अब बच्चों के अभिभावकों का सतर्क हो जाना जरूरी हो गया है। यदि आपको अपने बच्चे में बदलाव नजर आ रहा है और दिन-प्रतिदिन खराब हो रहे उसके व्यवहार से आप परेशान आ गए हैं, तो जरूरत है कि आप पहचान करें कि कहीं वह किसी खतरनाक नशे की गिरफ्त में तो नहीं। ऐसे में ध्यान रखें कि जब भी आपका बच्चा कहीं बाहर से घर आता है और उसकी आंखों में आपको लालिमा नजर आती है तो हो सकता है वह इस नशे का शिकार बन रहा हो या बन चुका हो। वहीं अगर आपका बच्चा पहले से ज्यादा शांत और अकेला रहने की कोशिश करता है या पहले की तरह अब आपसे बातचीत नहीं करता तो हो सकता है कि उसने गांजे का नशा शुरू कर दिया हो। वहीं अगर आपका बच्चा पहले के मुकाबले कम खाने लगा हो या एक समय में बेहद ज्यादा खा रहा हो तो यह भी इस नशे के लत होने की एक निशानी है। दरअसल बताया जाता है कि गांजे को पीने के बाद व्यक्ति का दिमाग शांत हो जाता है। नशे के आदी बच्चे के कार्यशैली में कुछ धीमापन आ जाता है। शुरूआत में तो नशे करने वाले ...

प्रदूषण के प्रमुख घटकों में से एक है प्लास्टिक

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पर्यावरण : प्रदूषण से बचने के लिए विश्व में 'एंटी-प्लास्टिक गो' ग्रीन का नारा लगाया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ लोग बिना रुके प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। छोटी दुकान हो या फिर कोई मेगा स्टोर हर जगह प्लास्टिक की थैली का ही इस्तेमाल हो रहा है, यह प्लास्टिक बैग्स आपके जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं, ऐसे में जरूरत है ये समझने की कि कैसै प्लास्टिक का इस्तेमाल आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। जब कभी आप सब्जी या फल बाजार से प्लास्टिक के बैग में घर लेकर आते हैं तो आप कई बार उसे प्लास्टिक से तुरंत बाहर निकालकर रखना भूल जाते हैं और यही एक भूल आपके हेल्थ के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है। बंद प्लास्टिक में रखी हुई चीजों में हवा नहीं लगती। इस वजह से इसके अंदर रखा सामान जल्दी खराब हो जाता है। प्लास्टिक में रखे फल और सब्जी पर बैक्टीरिया अटैक करके उसे जल्दी खराब कर देते हैं। इसके अलावा अगर आप प्लास्टिक में लिपटे जंग फूड का सेवन ज्यादा करते हैं तो जितनी जल्दी हो सके अपनी इस आदत को बदल दीजिए। प्लास्टिक का इस्तेमाल करने की जगह ब्राउन पेपर का ही यूज करें। प्लास्टिक के बैग्स में कई तरह...

आनंद और ऊर्जा से भर देता है कुर्ग का सैर

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पर्यटन : घूमने के लिहाज से कर्नाटक का कुर्ग एक सुकून भरा स्थान है। वैसे देश के हर राज्य की अपनी खास पहचान है और अलग खूबसूरती। लेकिन आज हम इस लेख में बात करेंगे दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य की एक बेहद ही प्यारी जगह कुर्ग की। वैसे भी कर्नाटक की सबसे कम जनसंख्या है, इस वजह से आपको शहरी शोर-शराबे और भागदौड़ से अलग शांत माहौल मिलेगा। कटे हुए पहाड़ियों से निकले लाल बदरपुर के रास्ते, सरसराती हवाएं, चारों तरह प्रकृति का निखरा हुआ स्वरूप, पेड़ों को चीर कर पहाड़ों के रास्ते आपको अपने आगोश में लेने आते हुए सफेद बादल, इन बादलों को चाह कर भी आप अपनी ओर आने से नहीं रोक पाएंगे, बरसाती मौसम की पानी की बूंदें कब आपको भिगा जाएं इसकी आपको खबर भी नहीं होगी। कहते हैं कि कुर्ग को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। इस खूबसूरती को निहारते-निहारते आप की आंखें भी नहीं थकने वालीं क्योंकि आप यहां का एक भी नजारा अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देंगे। कुर्ग को यहां की आम भाषा में कोडगु कहते हैं। कुर्ग पूरे देश के मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक बेहतरीन जगह है जहां पर पर्यटक खूब आना पसंद करते हैं। पहाड़...