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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आजादी के बाद से हम कर्तव्यविमुख हो गये, सिर्फ अधिकारों के लिये लड़े : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' का शुभारम्भ किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मन को छू लेने वाला उद्बोधन दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भाषा में कहें तो श्रीमान नरेंद्र मोदी का बौद्धिक उत्तम रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक-एक बात गौर करने लायक है। उन्होंने कहा कि आज करोड़ों भारतवासी स्वर्णिम भारत की आधारशिला रख रहे हैं। हमारी प्रगति राष्ट्र की प्रगति में निहित है। राष्ट्र का अस्तित्व हम से है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। यह अहसास नए भारत के निर्माण में भारतीयों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को बटन दबाकर हरी झंडी दिखाई। इनमें मेरा भारत स्वस्थ भारत, आत्मानिर्भर भारत : आत्मनिर्भर किसान, 'महिलाएं : भारत की ध्वजवाहक', अनदेखा भारत साइकिल रैली, एकजुट भारत मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहलें शामिल हैं। बता दें कि ब्रह्म कुमारी विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है। यह आंदोलन व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवीनीकरण को समर्पित है। भारत मे...

खरमास समाप्त, शुभ कार्य शुरू

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ज्योतिष : सनातन धर्म में मकर संक्रांति का पर्व विशेष माना जाता है। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाते हैं और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने और मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त होते ही अब तमाम शुभ कार्य शुरू हो गए हैं। इस वर्ष यानि 2022 में पंचांग के अनुसार विवाह के 57 दिन शुभ मुहूर्त हैं। 15 जनवरी तक खरमास और पंचश्लाका वेध के कारण विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं था। शादी व विवाह सिर्फ तिथि ही नहीं, नक्षत्र, माह, तिथि, पंचश्लाका वेध, लग्न तथा शुभ ग्रह के हिसाब से तय होता है। मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त हो चुका है, लेकिन तिथि, नक्षत्र और ग्रहों का योग सही नहीं रहने के कारण शहनाई अगले सप्ताह से बजेगी। उसके बाद शादी शुरू होगी तथा जनवरी में 23, 24, 27 एवं फरवरी में दो, छह, सात, दस एवं 11 को विवाह की शुभ तिथि है। 11 फरवरी के बाद गुरु अस्त दोष रहने के कारण विवाह का मुहूर्त नहीं है। मार्च में गुरु अस्त और खरमास दोष के कारण विवाह का कोई मूहूर्त नहीं है। अप्रैल महीने में 17, 20, 21, 22, 24, 25, 27 व 28 को, मई में 2, 9, 11, ...

देशप्रेमी जापानी नागरिक

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संघ साहित्य : काफी समय पहले की बात है। उस समय जापान विकसित देशो में शामिल नहीं था, उस समय जापान में रेलगाड़ियों की हालत भी दयनीय थी। एक भारतीय भी उस रेलगाड़ी में यात्रा कर रहा था। रेलगाड़ी की सीट टूटी हुई थी, एक जापानी नागरिक भी उस ट्रेन में सफर कर रहा था। जापानी नागरिक ने अपने बैग से सूई धागा निकाला और सीट की सिलाई करने लगा, भारतीय नागरिक ने पूछा क्या आप रेलवे के कर्मचारी हैं, उसने कहा नहीं मैं एक शिक्षक हूं। मैं इस रेलगाड़ी से हर रोज आता-जाता हूं। इस सीट की खस्ता हालत देख बाजार से सूई, धागा खरीद लाया हूं, सोचा हर रोज इस सीट को देखकर मुझे महसूस होता था कि अगर कोई विदेशी नागरिक इसे देखेगा तो मेरे देश की कितनी बेइज्जती होगी, ऐसा सोचकर सीट की सिलाई कर रहा हूं। सलाम उस देश के शिक्षक को, जो देश की इज्जत अपनी इज्जत समझता हो और थोड़ा सा काम करता हो। और वह ही जापान आज इतना विकसित हो गया है कि हम उससे बुलेट ट्रेन खरीद रहे हैं। वहीं अपने देश की बात करें तो लोकतंत्र और अधिकारों के नाम पर वाहनों, दुकानों, मकानों आदि को फूंक देना आम बात है।