558 साल बाद 3 अगस्त 2020 को बन रहा दुर्लभ संयोग

गुरु व शनि अपनी ही राशि में होंगे वक्री ज्योतिष : इस वर्ष यानि 2020 का रक्षाबंधन अत्यंत दुर्लभ संयोगों के बीच आ रहा है। इसका प्रभाव भी गहरा होगा। सबसे खास बात यह है कि 558 साल बाद श्रावण माह की पूर्णिमा पर गुरु और शनि अपनी राशि में वक्री रहेंगे। सोमवार 3 अगस्त को लेकर सावन माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इसी तिथि पर रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस बार विशेष योग रक्षाबंधन पर बन रहे हैं सुबह 9:30 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। 9.30 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। 3 तारीख को सुबह 9.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। पूर्णिमा पर पूजन के बाद अपने गुरु का आशीर्वाद भी अवश्य लें। रक्षाबन्धन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगा। इस दिन चंद्र ग्रह भी शनि के साथ मकर राशि में रहेगा। ऐसा योग 558 साल पहले 1462 में बना था। उस साल में 22 जुलाई को रक्षाबंधन मनाया गया था। इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है। 1462 में भी राहु-केतु की यही स्थिति थी। साथ ही श्रावण सोमवार व पूर्णिमा एक ...